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Saturday, 21 December, 2024
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तेज बहादुर का नामांकन रद्द, पत्नी बोलीं- कोई जिंदगी खत्म नहीं हो गई है

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कल 6:15 बजे प्रमाण पत्र जमा करने को कहा था. समय पर प्रमाण पत्र जमा करने के बावजूद मेरा नॉमिनेशन रद्द किया गया है. इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणासी से चुनाव मैदान उतरे बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है. तेज बहादुर ने दो नामांकन दाखिल किए थे. इनमें से एक निर्दलीय उम्मीदवार और दूसरा नामांकन सपा और बसपा गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर. नामांकन खारिज होने के बाद अब तेज बहादुर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. अब नए समीकरण के तहत शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी. इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर अजय राय भी चुनावी मैदान में हैं.

उन्होंने कहा कि ‘चुनाव आयोग ने कल 6:15 बजे तक प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा था. समय पर प्रमाण पत्र जमा करने के बावजूद मेरा नॉमिनेशन गलत तरीके से रद्द किया गया है. इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा. नामांकन रद्द करने के लिए सरकार की तरफ से जिलाधिकारी पर दबाव बनाया गया है. ये बिल्कुल तानाशाही रवैया है.’

इस मामले पर वाराणसी के जिला अधिकारी का कहना है कि केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी, जिसे किसी भी आरोप में बर्खास्त कर दिया गया हो, अगर चुनाव लड़ रहा है तो उसे इलेक्शन कमीशन के लिए यह प्रमाण लेकर आना होगा कि उसे बर्खास्त क्यों किया गया. इस प्रमाण पत्र में लिखा होना चाहिए कि उसे भ्रष्टाचार या विश्वासघात के मामले में बर्खास्त नहीं किया गया हो. तेज बहादुर की तरफ से ऐसा कोई प्रमाण पत्र 11 बजे तक पेश नहीं किया गया. इसलिए नामांकन रद्द किया गया है.

वहीं इस मसले पर तेज बहादुर के वकील का कहना है कि हमने प्रमाण पत्र जमा करा दिया था. उसके बावजूद नामांकन रद्द किया गया है. इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द होने के बाद सपा-बसपा गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. अब इसके बाद सपा-बसपा की दूसरी उम्मीदवार शालिनी यादव ही मोदी के खिलाफ लड़ेंगी.

इस पर तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला ने दिप्रिंट को बताया कि नामांकन रद्द हो गया तो कोई बात नहीं. कम से कम उन्होंने हिम्मत तो दिखाई. आगे के बारे में हमने सोचा नहीं है. जो होगा देखा जाएगा.

गौरतलब है कि तेज बहादुर के गांव से करीब 10-15 लोग चुनाव प्रचार के लिए वाराणसी गए हुए हैं. उनके साथ उनके भाई का बेटा भी साथ है. शर्मिला बीते दिनों वाराणसी गई थीं. अगर नामांकन रद्द नहीं होता तो वो फिर जाने के बारे में सोच रही थीं.

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