नई दिल्ली: विपक्षी पार्टी कांग्रेस के घोषणापत्र के बाद अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी किया है. एक तरफ जहां कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘न्याय’ से लेकर 35% महिला आरक्षण की बात की गई है. वहीं, बीजेपी ने भी अपने घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए हैं. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जानकारी दी कि पार्टी के घोषणापत्र को छह करोड़ लोगों से संपर्क करके बनाया गया है. भाजपा नेता और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पार्टी के 2019 से 2024 तक के क्या वादे हैं.
क्या हैं बीजेपी के घोषणापत्र के बड़े वादे
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आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति रहेगी
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यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करनी की नीति पर ज़ोर रहेगा
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सिटीजन अमेंडमेंट बिल को लागू करने से पीछे नहीं हटेंगे
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देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा
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राम मंदिर पर सभी संभावनाओं की तलाश करेंगे और कोशिश करेंगे की जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण हो जाए
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2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे
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एक लाख़ तक के किसान क्रेडिट कार्ड लोन पर ज़ीरो इंट्रेस्ट लगेगा
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ग्रामीण क्षेत्र विकास पर ख़र्च होंगे 25 लाख़ करोड़ रुपए
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छोटे और सीमांत किसानों के 60 की उम्र के बाद पेंशन की सुविधा देंगे
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राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाया जाएगा, इसे प्रभावी बनाया जाएगा
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हम देश के छोटे दुकानदारों को 60 की उम्र के बाद पेंशन देंगे
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क्षेत्रियों असंतुलन को समाप्त करके दम लेंगे
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देश में सारे चुनाव साथ कराने का भी संकल्प लिया है
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2022 तक नए भारत के निर्माण का काम करेंगे, इसके लिए हमने 75 कदम तय किए हैं
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इसके तहत सभी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने की कोशिश करेंगे
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लैंड रिकॉर्ड का डिजिटाइज़ेशन करेंगे
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मैनेजमेंट-इंजीनियरिंग-लॉ के बड़े संस्थानों में सीटों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे
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बुनियादी ढांचा के तहत हर परिवार को पक्का मकान दिया जाएगा, हर परिवार को गैस सिलेंडर देकर ही दम लेंगे
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हर घर में बिजली और शौचालय के साथ स्वच्छ पेय जल की भी व्यवस्था करेंगे
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नेशनल हाइवे की लंबाई को दोगुना करेंगे
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शहरों और गांवों में 100% कचरा संग्रह सुनिश्चित करेंगे
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2022 तक सभी रेल पटरियों को ब्रॉडगेज में बदल दिया जाए
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2020 तक सभी रेल पटरियों का बिजलिकरण हो जाए
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हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोल जाएंगे
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75 मेडिकल और इससे जुड़े संस्थान खोल जाएंगे
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प्रशिक्षित डॉक्टरों और मरीज़ों के अनुपात को कम करेंगे
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अर्थव्यवस्था के तहत व्यापार करने की सुविधा में भारत की रैंकिंग और सुधारने की कोशिश करेंगे
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हर व्यक्ति को पांच किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधा मुहैया कराएंगे
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अदालतों को भी डिजिटल करने की कोशिश की जा रही है
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डिजिटाइज़ेशन को बढ़ावा दिया जाएगा
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हम आदिवासी स्वतंत्र सेनानियों के छह संग्रहालयों को बनाने का काम करेंगे
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सभी असंगठित मज़दूरों को सामाजिक सुरक्षा देंगे
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महिलाओं की भागीदारी को और आगे बढ़ाएंगे
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तीन तलाक का कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय को सुनिश्चित करेंगे
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2022 तक स्वच्छ गंगा का काम पूरा करेंगे
पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान देश का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि बाकी पार्टियां घोषणापत्र लेकर आती हैं लेकिन भाजपा राजनाथ सिंह के नेतृत्व में लोगों के ‘मन की बात’ पर दो तीन महीने मेहनत की. उन्होंने इसके लिए शाह और राजनाथ की टीम को बधाई भी दी.
पीएम मोदी ने कहा कि मेनिफेस्टो में तीन प्रमुख बातों का उल्लेख किया गया है. उसी के आस-पास ये पूरा दस्तावेज तैयार हुआ है. जिसमें प्रमुख है ‘राष्ट्रवाद, अंत्योदय और सुशासन’ इन तीन चीज़ों से समाहित है भाजपा का संकल्प पत्र. उन्होंने कहा कि ये मेनिफेस्टो 2024 के लिए है लेकिन बीजेपी का प्रयास ये है कि 2022 तक जब देश आज़ादी के 75 साल मना रहा होगा उस दौरान हम देश के लिए जो सपने देखे गए थे उन्हें पूरा करने की ओर आगे बढ़ेगें.
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने 75 बिंदू तय किए हैं जिन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे.’ उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी कसौटी आख़िरी व्यक्ति तक पहुंचना होता है. यही भाजपा का लक्ष्य है जिसे वन मिशन, वन डायरेक्शन से पूरा किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘भारत विविध है और एक ही डंडे से सबको नहीं हांका जा सकता, इसलिए विकास को विविध बनाने की कोशिश की गई है.’
मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय से लेकर जल शक्ति मंत्रालय तक
पीएम ने कहा कि सबको ध्यान में रखने की कोशिश की गई है. जैसी जहां आवश्यकता है उस हिसाब से भाजपा आगे बढेगी. उन्होंने ये भी कहा कि ‘भविष्य में भारत को पानी समस्या का सामना करना होगा.’ पीएम मोदी ने ‘मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनाने का वादा किया.’
उन्होंने कहा कि पहले लोग हैंडपंप लगाकर चुनाव जीत जाते थे. लेकिन हम माताओं-बहनों को नल से जल पहुंचाने का काम कर रहे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार का इस सरकार से तथ्यात्मक तुलना होनी चाहिए.
पीएम ने कहा कि आज़ादी के आंदोलन को महात्मा गांधी ने जनआंदोलन बना दिया. इससे आज़ादी पाने में बहुत मदद मिली. भारत के विकास के लिए चीज़ों को जन आंदोलन में बदलना होगा. स्वच्छता अभियान को जनआंदोलन बताते हुए उन्होंने सबका धन्यवाद देते हुए कहा कि विकास को जनआंदोलन बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के एयरकंडीशन में बैठे लोग गरीबी को परास्त नहीं कर सकते. गरीब ही गरीबी को परास्त कर सकता है. इसलिए उन्होंने गरीब को सशक्त करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि गरबी को घर दिया जाता है तो उसकी मानसिकता बदलने शुरू होती है.
उन्होंने कहा कि नागरिक और ख़ास तौर पर गरीबों को सशक्त करने पर भाजपा का बल रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि पहले ऐसी मानसिकता बनाई गई थी कि लोगों को जितना दो कम पड़ता है. लेकिन उन्होंने जब लाल किले से घोषणा की तो लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी. ऐसी ही अपील पर योग्य वरिष्ठ नागरिकों ने रेल सब्सिडी छोड़ दी.
इन बातों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार, नागरिक पर भरोसा करना चाहती है. यही मिलकर देश को विकसित बनाएंगे. उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टचार की चर्चा बहुत हुई और इस सरकार ने उसे कंट्रोल करने में सफलता पाई और साथ ही सुधार की दिशा में भी बड़े कदम उठाए गए.
उन्होंने कहा कि तकनकी ने भी सरकार की काफी मदद की है जिसे वो नीचे के लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने भाजपा के संकल्प पत्र को भविष्य का संकल्प पत्र बताया. पीएम ने कहा कि 1990 के दशक में सुनते थे कि 21वीं सदी आ रही है. लेकिन ये चुनावी नारा बन गया और हमने ये मौका खो दिया.
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे एतिहासिक पल होते हैं जो प्रेरणा का पल बन सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम सुनते हैं कि 21वीं सदी एशिया की सदी है.’ उन्होंने कहा कि भारत को इस सदी का नेतृत्व करना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि जब आज़ादी के 100 साल पूरे हों तो देश विकास के शिखर पर दिखे.
उन्होंने अपील की कि 2019 ही 2047 की नींव रखेगा और आज़ादी के 100 पर भारत की तस्वीर कैसी होगी इसका भी फैसला होगा. उन्होंने कहा कि देश भ्रष्टाचार सहने को तैयार नहीं, देश इससे मुक्ति की दिशा में जाना चाहता है. उन्होंने कहा कि जो समाजिक बुराईयां आईं उसने समाज को जकड़ लिया था.
इसी दौरान उन्होंने कहा कि एक तरफ आज़ादी की लड़ाई चल रही थी, दूसरी तरफ समाज सुधार चल रहा था. उन्होंने कहा कि आज के राजनीति में जो बुराईयां घुस गई हैं उसके ख़िलाफ़ एक जनआंदोलन की दरकार है. उन्होंने कहा कि ऐसे ही देश को आगे ले जाने का प्रयास किया जाएगा.
विदेश मंत्री ने क्या कहा
सुषमा स्वराज ने जैसे ही भाषण शुरू किया वैसे ही मीडिया से कहा कि हमारा और अन्य पार्टियों के घोषणा पत्र में फर्क को समझें. सुषमा बोलीं सारी पार्टियां घोषणा पत्र लाए हैं और हम संकल्प पत्र लेकर आए हैं. इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘पुरानी सरकारों में हर दिन 12 किलोमीटर हाइवे बनते थे और अब 39 किलोमीटर बनते हैं.’
उन्होंने कहा कि ऐसे आंकड़े जब वो विदेशों में बताती हैं तो वो चौंक जाते हैं. उन्होंने कहा कि पहले देश व्यापार करने की सहूलियत के मामले में 142वें स्थान पर था अब 77वें स्थान पर है. इन बातों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि विदेश में भारत का प्रभाव बढ़ा है. उन्होंने ये भी कहा कि पिछले पांच सालों में भारत को पांच बड़े अवॉर्ड्स मिले हैं.
दूसरे देशों में भारत के बढ़े प्रभुत्व का श्रेय स्वराज ने पीएम नरेंद्र मोदी किया. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम वर्ल्ड द्वारा भी भारत को सम्मानित किए जाने की याद दिलाई. उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत ने इस देश को अलग-थलग कर दिया है.
उन्होंने कहा कि एक ज़माने में भारत को ओआईसी में विरोध की वजह से नहीं बुलाया गया था. 50 साल बाद कालचक्र का पहिया घूमा और पाकिस्तान के विरोध के बावजूद भारत को वहां हर कीमत पर बुलाया गया. इसका श्रेय भी विदेश मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को ही दिया.
उन्होंने माहगठबंधन पर हमला करते हुए उन्हें मज़बूती और एनडीए गठबंधन को मज़बूत बताया. स्वराज ने महागठबंधन पर तुष्टीकरण का भी आरोप लगाया. उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि अगर वो भाजपा और बाकियों पार्टियों से बीजेपी के संकल्प पत्र की तुलना करेंगे तो पाएंगे कि पीएम मोदी देश की नब्ज़ पहचानते हैं और राहुल गांधी नहीं पहचानते.
अमित शाह ने क्या कहा
घोषणा के दौरान विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी नेता थावर चंद गहलोत मौजूद थे. इनकी मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र जारी करने के पहले अमित शाह ने कहा कि 2014 में हमने नरेंद्र मोदी को प्रत्याशी के तौर पर पेश किया था और जनता ने अस्थिरता को समाप्त करते हुए पूर्ण बहुमत दिया था.
शाह ने कहा कि पूर्ण बहुतम के बावजूद हमने एनडीए की सरकार बनाई और अपना काम पूरा किया. 2014 से 2019 के बीच का जब इतिहास लिखा जाएगा तो इस दौर को स्वर्णिम अक्षरों में लिखना पड़ेगा. इस सफल कार्यकाल के बाद हम एक बार फिर जनता के बीच जा रहे हैं.
शाह ने ये भी कहा कि उन्होंने 50 करोड़ लोगों के पास सिलेंडर से शौचालय तक पहुंचाया. साथ ही उन्होंने बताया कि कितने लोगों को कौन-कौन सी सुविधाएं पहुंचाई गईं. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था के संचालन से दुनिया को अचंभित करने का काम किया. उन्होंने कहा कि पांच साल में हम दुनिया की छठी अर्थव्यवस्था बन गए.
शाह ने अर्थव्यस्था से लेकर सीमाओं को सुरक्षित करने में सरकार के सफल रहने की बात कही और कहा कि सवा सौ करोड़ का देश ख़ुद को सुरक्षित महसूस करता है. उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं से कोई छेड़छाड़ नहीं करत सकता, ऐसा संदेश पूरी दुनिया को गया है.
उन्होंंने कहा कि पहले भारत को दुनिया में कोई महत्व नहीं देता था लेकिन पिछले पांच सालों में भारत का डंका दुनिया में बजा है. उनका मानना है कि इन सबकी वजह से सवा सौ करोड़ भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इस सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा.
शाह ने भारत को महाशक्ति बताते हुए कहा कि देश ने दुनिया में अपनी पहचान कायम की है. उनका मानना है कि आने वाले दिनों में भारत की साख और आगे बढ़ने वाली है. उन्होंने भारत की बहुलतावादी लोकतंत्र होने का हावाल देते हुए कहा कि इसकी और फेडरल डेमोक्रेसी होने की वजह से काम करना मुश्किल है लेकिन जहां 25-30 साल में सरकारें चार-पांच बड़े फैसले ले पाती है. मोदी सरकार ने 5 साल में 50 बड़े फैसले लिए.
शाह ने विश्वास जताया कि 2019 का चुनाव अपेक्षाओं का चुनाव होगा. उन्हें लगता है कि देश के लोगों को अपेक्षा है कि क्या भारत दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आ सकता है? उन्होंने देश के सुरक्षित होने से कश्मीर समस्या के हल तक की अपेक्षाओं की बात की.