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Tuesday, 19 November, 2024
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कांग्रेस के कृषि बजट के जवाब में भाजपा का किसानों पर पेंशन का दांव

पार्टी छोटे और सीमांत किसानों को 60 की उम्र के बाद पेंशन देगी. वहीं, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए 25 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी.

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नई दिल्लीः बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपना मेनिफेस्टो यानि संकल्प पत्र जारी कर दिया है. पार्टी कांग्रेस के किसान बजट के जवाब में पेंशन देने का दांव चला है. इस मेनिफेस्टो में कुछ नए वादे किए गए हैं तो कुछ योजनाओं की समय-सीमा बढ़ा दी गई है. किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने का वादा किया गया है. गौरतलब है कि बीजेपी ये दावा 2014 से ही कर रही है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बताया है कि उन्होंने किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम देने के लिए न्यूनतम उत्पादन मूल्य का डेढ़ गुना दिए. इसके अलावा अपनी कुछ योजनाओं के सफल होने का भी दावा किया गया है.

क्या है इस बार के मेनिफेस्टो में

इस बार के मेनिफेस्टो में किसान कल्याण नीति, कृषि कल्याण नीति, कृषि सहयोगी क्षेत्रों का विकास, सिंचाई का मिशन मोड पर विस्तार, पशुपालन, नीली क्रांति और ग्राम स्वराज के अंतर्गत कई सारी योजनाओं को पूरा करने की बात कही गई है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

किसानों की दोगुनी आयः बीजेपी का कहना है कि किसानों की आय को डबल करने का अपना लक्ष्य वो 2022 तक पूरा कर लेगी. गौरतलब है कि भाजपा अपने 2014 के कार्यकाल शुरू होने से ही किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर रही है.

किसान कल्याण नीतिः इस नीति के तहत पार्टी दो हेक्टेयर जमीन वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू करेगी. आगे चलकर इसको हर किसान के लिए लागू किया जाएगा. इसके अलावा छोटे और सीमांत किसानों को 60 की उम्र के बाद पेंशन देने की योजना भी लागू की जाएगी. वहीं, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए सरकार 25 लाख करोड़ रुपये भी निवेश करेगी.

साथ ही ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण के तहत पांच साल तक किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने वाले एक लाख रुपये तक के कर्ज पर जीरो फीसदी ब्याज लगेगा.

गुणवत्तापूर्वक बीज और जैविक खेती को बढ़ावाः गुणवत्तापूर्ण बीजों को उपलब्ध कराने का वादा भी किया गया है. कृषि आयात-निर्यात की नीतियों के जरिए किसान शसक्तीकरण की दिशा में काम किया जाएगा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को स्वैच्छिक पंजीकरण के प्रावधान की बात भी कही गई है.

इसके अलावा तिलहन और अन्य फसलों की खेती में आत्मनिर्भरता को भी मिशन बनाया जाएगा. आने वाले पांच सालों में पहाड़ी और आदिवासी व वर्षा सिंचित क्षेत्रों में 20 लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल भी शुरू किया जाएगा. साथ ही जैविक खेती के क्षेत्रों के आस-पास इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाए गएः संसाधनों और बाजार तक किसानों की पहुंच बढ़ाने के लिए 2022 तक 10,000 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा. बड़े शहरों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फल और सब्जियों को सहकारी संगठनों के जरिए खरीदने के तरीके निकाले जाएंगे, ताकि किसानों को भी बेहतर कीमत मिल सके.

सबसे बड़ी बात भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करने का भी वादा किया जाएगा, ताकि दूसरी पीढ़ी में भूमि सुधार कर सकें व जमीन से जुड़े मामलों में कमी आए. देशभर में एक मजबूत भंडारण और वेयरहाउस नेटवर्क बनाने का वादा भी किया गया है.

नीली क्रांति और ग्राम स्वराजः पार्टी ने प्रशासनिक सुधार के तहत पुलिस सुधार का भी वादा किया गया है. नीली क्रांति के तहत मछुआरों के लिए 10, 000 करोड़ धनराशि के आंवटन के साथ ‘मत्स्यसंपदा’ योजना शुरू की जाएगी. ये भी कहा गया है कि समुद्री वनस्पति व मोती की खेती के साथ-साथ सजावटी मछलियों के पालन को भी बढ़ावा देंगे. साथ ही ‘राष्ट्रीय चारा एवं पशुआहार मिशन’ भी शुरू किया जाएगा.

महात्मा गांधी की परिकल्पना का विशेष ध्याना रखा गया है. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनके ग्राम स्वराज का सपना पूरा कर देने का वादा किया है. 2022 तक हर व्यक्ति के पास पक्का मकान होने का भी वादा किया गया है. जल से नल कार्यक्रम के जरिए 2024 तक हर घर तक पाइप के जरिए पानी पहुंचा दिया जाएगा.

 

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