नई दिल्ली: मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मुस्लिमों के पाक महीने रमजान में चुनाव होने का मतदाताओं की उपस्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह का विवाद उठाने को लेकर निंदा की. हैदराबाद से सांसद ने उम्मीद जताई कि रमजान के दौरान मतदान का प्रतिशत ज्यादा होगा, क्योंकि उपवास के महीने के दौरान महसूस होने वाली आध्यात्मिकता की वजह से अधिक संख्या में मुस्लिम बाहर आएंगे व वोट डालेंगे.
उन्होंने यहां मीडिया से कहा, ‘मुस्लिम उपवास के दौरान कार्यालय जाते हैं और अपना व्यवसाय करते हैं. इसमें मजदूर, रिक्शा चालक भी शामिल हैं जो उपवास रखते हैं. उनकी सामान्य गतिविधि प्रभावित नहीं होती.’
ओवैसी ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव वाले राज्यों में मतदान के दिन छुट्टी होगी, ऐसे में मुस्लिमों को वोट डालने में कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘सच तो यह है कि रमजान के दौरान वे रोजमर्रा के खाना बनाने व खाने के कामों से मुक्त होंगे.’
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख, कुछ मुस्लिम नेताओं के निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के लिए घोषित कार्यक्रम को लेकर निराशा जाहिर करने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. चुनाव के तीन अंतिम चरण रमजान के दौरान पड़ रहे हैं.
ओवैसी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को 3 जून को पूरा होना है और अगर रमजान 5 मई से शुरू होकर 4 जून को समाप्त हो रहा है तो चुनाव आयोग के पास इस अवधि के दौरान चुनाव कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि रमजान की वजह से मतदान प्रतिशत में गिरावट आएगी. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको एक मुस्लिम के तौर पर बता रहा हूं कि रजमान के दौरान मेरी आध्यात्मिकता व अल्लाह से नजदीकी बढ़ जाती है.’
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उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए विवाद को गलत बताया और कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक हितों के लिए मुस्लिमों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
रमजान के दौरान मतदान पर उठे विवाद को देखते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि शुक्रवार और मुख्य त्योहार के दिन कोई मतदान नहीं कराया जा रहा है.
बता दें कि कोलकाता के मेयर और टीएमसी नेता फिरहाद हाक़िम ने चुनाव आयोग की तारीखों को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक बॉडी है मैं उसका आदर करता हूं, मैं उसके खिलाफ कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं. लेकिन सात चरणों में चुनाव होने की वजह से बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान जो लोग रमजान का व्रत करते होंगे उनके लिए यह समय काफी तकलीफ देय साबित होगा.
फिरहाद हाक़िम ने कहा कि इन तीन राज्यों में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक है और मतदान की तारीखें उन दिनों में हैं जब वह रोजा रखे हुए होंगे. चुनाव आयोग को अल्पसंख्यक मतदाताओं का भी ध्यान रखना चाहिए. हाक़िम भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नहीं चाहती की मुस्लिम मतदान करें. लेकिन हम इस बात को चिंतित बिल्कुल नहीं है क्योंकि हमलोगों ने ठान लिया है ‘बीजेपी हटाओ देश बचाओ.’
(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)