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Sunday, 22 December, 2024
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नाराज़ प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस छोड़, थामा शिवसेना का हाथ

प्रियंका चतुर्वेदी आलाकमान द्वारा महिलाओं से बदसलूकी करने वाले नेताओं पर कार्यवाही न किए जाने से दुखी थीं, आखिर में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.

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नई दिल्ली: प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई .उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में  को ज्वाइन किया. प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना ज्वाइन करते हुए कहा कि मुझे पता है, ‘मेरे मन को लेकर सवाल उठाए जाएंगे कि कैसे ये बदलाव आया. मैं आज इस मंच से ये बात कह सकती हूँ. मैंने जो भी फैसला लिया है वो सोच समझ कर और जान कर लिया है. चतुर्वेदी यह भी कहा कि मैं उद्धव ठाकरे और युवा आदित्य ठाकरे के डायनामिक लीडरशिप में काम करने को लेकर उत्सुक हूँ. पार्टी के लिए महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों में मजबूती से काम करूंगी.

बता दें कांग्रेस प्रवक्ता और नेता प्रिंयका चतुर्वेदी ने गुरुवार रात कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आनन-फानन में अपने ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस स्पोक्सपर्सन का इंट्रो भी हटा लिया था. प्रियंका पिछले दिनों अपने पार्टी के आलाकमानों से दुखी थीं उन्होंने इसकी सूचना उन्होंने ट्वीट पर दी थी. प्रियंका आलाकमान पर महिलाओं से बदसलूकी करने वाले नेताओं को पार्टी द्वारा कार्यवाही न किए जाने से दुखी थीं. उन्होंने कहा था कि पार्टी उन लोगों को जगह देने में जुटी है जो महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रहे हैं. जो लोग मेहनत से पार्टी में अपनी जगह बना रहे हैं उनके बदले गलत लोगों को पार्टी तवज्जो दे रही है.

प्रियंका ने कल रात ही खुद को कांग्रेस पार्टी के सारे व्हाट्सएप ग्रुप से अलग कर लिया था. वहीं कांग्रेस पार्टी और प्रियंका के जानकारों का कहना है कि प्रियंका लोकसभा टिकट नहीं दिए जाने से पार्टी से काफी दिनों से नाराज चल रही थीं. बता दें कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि पार्टी आलाकमान ने प्रियंका के इस्तीफे को स्वीकार किया है या नहीं. वहीं उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को दो पन्नों की एक बड़ी चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें उन्होंने सभी पदों से खुद को रिलीव करने के लिए कहा है. प्रियंका ने खत में लिखा है कि वह पिछले दस सालों से संगठन में हैं जहां उन्हें कई सारी जिम्मेदारियां दी गईं, जिसके लिए वह पार्टी की शुक्रगुजार हैं. वहीं खत में वह आगे लिखती हैं:

‘पिछले कुछ हफ्तों में मुझे इस बात का विश्वास दिलाया है कि संगठन को मेरी जरूरत नहीं है. और साथ ही मुझे यह लगता है कि अगर मैं इस संगठन में अब भी जुड़ी रही तो यह मेरे आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कीमत पर होगा.’

प्रियंका ने एक महिला पत्रकार के पिछले दिनों किए गए एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए काफी निराशा जताई थी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘काफी दुखी हूं कि अपना खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को कांग्रेस पार्टी में तवज्जो दी जा रही है. पार्टी के लिए मैंने पत्थर खाए हैं और गालियां सुनी हैं, मुझे गालियां पार्टी के ही लोगों ने दी, पार्टी के नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं. जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं. उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना निराशाजनक है.

पिछले दिनों मथुरा में कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अमर्यादित व्यवहार किया, जिसकी शिकायत करने पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्यवाई की. उन्हें पार्टी ने महज कुछ ही दिनों के लिए निलंबित भी किया. लेकिन कुछ ही दिनों में पार्टी ने उनका निलंबन वापस ले लिया. उनका निलंबन वापस लिए जाने पर प्रियंका दुखी हैं. उन्होंने ट्वीट कर अपना दुख व्यक्त किया है.

बता दें कि मथुरा में राफेल डील को लेकर हुई पत्रकारवार्ता के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.

वैसे यह पहली बार नहीं है कि महिलाओं के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया हो. इससे पहले जब अभिनेत्री नगमा कांग्रेस से प्रत्याशी थीं तब भी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उनसे बुरा व्यवहार किया था. जिसके बाद नगमा ने महिला सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. बता दें कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी महिला अधिकारों और उनके आरक्षण और सुरक्षा को लेकर बहुत सजग दिखाई देते हैं. वहीं उन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की बात भी कही है. लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वह क्या सचमुच महिलाओं के लिए वह कुछ करेंगे? अब जब खुद उनकी पार्टी प्रवक्ता और नेत्री ही पार्टी में गुंडों से दुखी होने का आरोप लगा रही हों तब.

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