अमेठी: अमेठी लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी हाई प्रोफाइल मुकाबला है. देशभर का मीडिया यहां जुटा है. चर्चा राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी के मुकाबले की है लेकिन इसी बीच कई ग्रामीण इस बात से परेशान हैं कि बड़े नामों की चर्चा के बीच उनके मुद्दे गायब हैं. अमेठी के कैलाश पुर व भिखारीपुर गांव में सड़क का हाल खराब होने से ग्रामीण वोटिंग का बहिष्कार करने का दावा कर रहे हैं.
रोड नहीं तो वोट नहीं का दिया नारा
इन ग्रामीणों का कहना है कि न तो मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने उनकी समस्या को समझा है और न ही स्मृति ईरानी ने. सम्पर्क मार्ग न होने से नाराज कैलाशपुर के ग्रामीणों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का बैनर लगाकर लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की धमकी दी है. इस खबर से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये हैं.
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यहां के ग्रामीणों का कहना है कि दादरा से कैलाशपुर तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण करने की मांग पहले भी की गयी थी. बीते वर्ष यहां के लोक निर्माण विभाग को पत्र भी लिखा था लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. यहां के रहने वाले संतोष गिरि का कहना है कि कई बार दोनों बड़े नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने गांव के लिए समय नहीं निकाला. कोई सुनवाई न होने से ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है. एसडीएम महात्मा सिंह का कहना है कि ग्रामीणों से बात की जाएगी. उन्हें मतदान के लिए मनाया जाएगा.
किसी नेता को देखने की फुर्सत नहीं
अमेठी जिले की तिलोई तहसील के गांव भिखारीपुर का हाल भी कैलाशपुर की तरह है. यहां मुख्य संपर्क मार्ग से लगभग 12 सौ मीटर के कच्चे रास्ते से होकर ग्रामीणों को गांव जाना पड़ता है जिसमें ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि इस बारे में कई बार खंड विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान व जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ.
यहां के निवासी शिव सागर कहते हैं कि इस गांव में किसी बड़े नेता ने आना मुनासिब भी नहीं समझा और इस बार हम सभी ग्रामीणों ने मन बनाया है कि इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और मतदान करने नहीं जाएंगे वहीं दर्जनों ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर रोड नहीं तो वोट नहीं के जमकर नारे लगाए. जिलाधिकारी राम मनोहर मिश्र कहते हैं कि वह अपनी टीम को भेजकर के उनकी समस्याओं को सुनकर के समस्याओं का निस्तारण कराएंगे, जिससे किसी भी तरीके से वह लोग वोट का बहिष्कार न कर सकें.
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सड़क क्यों नहीं बनी चुनावी मुद्दा
अमेठी में सड़क अहम मुद्दा है. यहां एक तरफ जगदीशपुर के रास्ते अयोध्या से जोड़ने वाली सड़क जर्जर है तो गौरीगंज-जगदीशपुर-प्रतापगढ़ मार्ग भी गड्ढायुक्त होता जा रहा है. यहां के लोग बताते हैं कि सड़क निर्माण व मरम्मत के नाम पर पिछले दो दशक में यहां पैसा पानी की तरह बहाया गया, लेकिन सड़कों की सूरत नहीं बदली.
ऐसा भी नहीं है कि इन रास्तों से कोई बड़ा नेता न गुजरा हो. कांग्रेस की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी भी रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस से जगदीशपुर के रास्ते अयोध्या गड्ढे वाली सड़क से होकर गईं थी तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हलियापुर क्षेत्र में इसी रास्ते से होकर चुनावी सभा में शामिल होने पहुंची थीं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कई बार इन सड़कों से गुजरे हैं पर यहां की सड़क पर नजर किसी की नहीं पड़ी. लोगों का कहना है कि हाई प्रोफाइल मुकाबला होने के कारण उनके असल मुद्दे गायब हैं.