नई दिल्ली: नवीन पटनायक पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे. भाजपा ने ओडिशा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. भाजपा 30 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि बीजेडी 101 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
ओडिशा में 21 लोकसभा सीटों में बीजेडी 14 और भाजपा 7 सीटों पर आगे चल रही है.
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के भी चुनाव हुए .राज्य में वैसे तो लंबे समय से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) का एकछत्र राज रहा है. लेकिन नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में तेज़ी से अपनी बढ़त बनाई है. सारे एग्ज़िट पोल्स में भाजपा को काफी मज़बूत प्रदर्शन करते दिखाया गया था.
पिछले लोकसभा चुनाव में यहां बीजेडी ने 21 सीटों वाले राज्य में 20 सीटें अपने हिस्से की थीं. वहीं, भाजपा महज़ एक सीट जीत पाई थी. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में 147 में से बीजेडी ने 117 सीटें जीती थीं. वहीं, भाजपा को महज़ 10 सीटें मिली थीं. इसके अलावा कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं.
राज्य में भाजपा की बढ़ती ताकत के लिए धमेंद्र प्रधान को अहम कारण बताया जाता है. राज्यसभा से भाजपा के नेता प्रधान को पेट्रोलियम जैसा अहम मंत्रालय दिया गया. 2014 में राज्य से भाजपा के लिए इकलौती सीट जीतने वाले नेता जुएल ओराम को जनजातीय कार्य मंत्रालय (ट्राइबल अफेयर्स मिनिस्टर) सौंपा गया.
हाल ही में ओडिशा को फनी तूफान की तबाही झेली. इस दौरान राज्य सरकार ने जिस तरीके से सबकुछ संभाला उसकी पीएम नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की.
बीजेडी ने किसी भी गठबंधन का साथ नहीं दिया है और उसने हमेशा कहा है कि वो कांग्रेस और भाजपा दोनो से समान दूरी बनाए रखेंगे. राज्य में भाजपा की कोशिश है कि वो कांग्रेस को हटा कर दूसरे नंबर की पार्टी बन जाए और अगर पार्टी यहां से जीत जाती है तो ये मोदी नाम का कमाल ही माना जायेगा. पर राज्य में विधानसभा में नवीन पटनायक अब भी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता है और विधान सभा में उनकी पकड़ दो दशकों बाद भी मज़बूत बनी हुई है.