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Friday, 22 November, 2024
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14 को होने वाले विधानसभा सत्र से पहले राजस्थान गतिरोध खत्म करेगी कांग्रेस, राहुल और प्रियंका से मिले पायलट

राजस्थान सरकार 14 अगस्त को संकट की स्थिति में विधानसभा सत्र बुला रही है. तब जबकि सीएम ने इस बात पर जोर दिया है कि 200 सदस्यीय सदन में उनके पास बहुमत है.

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नई दिल्ली: बागी कांग्रेस के विधायक सचिन पायलट ने सोमवार दोपहर को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की, पार्टी इस सप्ताह होने वाले विधानसभा सत्र से पहले राजस्थान में गतिरोध को समाप्त करती दिख रही है.

सूत्र ने बताया, ‘बैठक काफी सकारात्मक रही है, गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी सभी चिंताएं दूर की जाएंगी. ‘नेता ने कहा, ‘पायलट ने यह भी बताया कि 18 विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जो उनके पक्ष में हैं. पायलट के साथ एक और बैठक आने वाले कुछ दिनों में होने की संभावना है.’

सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, पायलट से मुलाकात के बाद, प्रियंका और राहुल ने आपस में बातचीत की और फिर अपनी मां के घर जाकर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ विचार-विमर्श करेंगे. एक दूसरे नेता ने बताया कि ‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने भी पायलट से मुलाकात की और आने वाले कुछ दिनों में इस मुद्दे को सुलझाने की बात कही. पायलट ने दोहराया कि उनका भाजपा में शामिल होने का कोई इरादा नहीं था.

पिछले महीने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट के विद्रोह के बाद कांग्रेस में जारी तनाव के हफ्तों बाद ये बैठक हुई. राज्य के 18 विधायकों के साथ उनके विद्रोह की कीमत पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख के पद देकर चुकानी पड़ी तब जब पायलट ने और विद्रोहियों ने पार्टी के प्रति वफादारी की कसम खाई थी.

सूत्र ने बताया पायलट ने 2 हफ्ते पहले प्रियंका से भी मुलाकत की जो कांग्रेस पार्टी में जेनरल सेक्रेटरी के पद पर हैं. उन्होंने 12 जुलाी को फोन पर भी बात की थी.
सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि राहुल गांधी ने भी पायलट से पिछले दो हफ्तों में फोन पर बात की थी. लेकिन जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

यह बैठक 14 अगस्त को राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले हो रही है जहां अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद भी है. हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा था कि ‘उन्हें उम्मीद है कि यह मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा.’

उस दौरान गहलोत ने इस विद्रोह की वजह भाजपा को बताया था और आरोप लगाया था और कहा था कि विपक्षी दल हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पायलट दो सप्ताह पहले कांग्रेस के नेताओं पर हुई मुलाकात पर कहा कि पायलट अभी बहुत आक्रामक नहीं है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि चीजें कैसे सामने आती हैं.

एक दूसरे नेता ने बताया, ‘पायलट चाहते हैं कि पार्टी में उनके भविष्य पर केंद्रीय नेतृत्व आश्वासन दे, और उनका आधार भी राजस्थान ही होना चाहिए.’ ‘वह चाहते हैं कि उनका भविष्य सुनिश्चित हो. प्रियंका गांधी ने उन्हें सुना जरूर है लेकिन किसी तरह का कोई कमिटमेंट नहीं किया है और कहा कि वह जल्द ही मिलेगीं.’


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दिप्रिंट ने इस बाबत पायलट से भी टिप्पणी चाही जिसके लिए फोन किए और मैसेज भी किया, खबर छापे जाने तक उनका जवाब नहीं आया था.

भाजपा फंसी

चौथे कांग्रेस नेता के अनुसार, पायलट खेमे के कुछ विधायक ‘स्वतंत्र रूप से’ कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के पास भी पहुंचे हैं.
नेता ने कहा, ‘कुछ विधायक अब अधीर हो रहे हैं. एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है. कई लोगों ने दावा किया है कि वे पहले की तरह अब एक जगह पर एक साथ नहीं रह रहे हैं. 14 अगस्त को विधानसभा सत्र को देखते हुए, हम इस मुद्दे को जल्द हल करने की उम्मीद कर रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि आगामी विधानसभा सत्र के लिए कांग्रेस की रणनीति क्या होगी, राजस्थान के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पायलट कैंप और कांग्रेस के बीच हुई बैठक में बहुत सी चीजें हल होंगी.


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नेता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने सुनिश्चित किया है कि सभी विधायक एकजुट रहें और साथ ही वह सरकार से जुड़े अन्य मुद्दों का भी ध्यान रख रहे हैं. बागी विधायकों के पास अब वापस आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ‘जो बीजेपी को पटखनी देने की कोशिश कर रहा था, वह भी मामला अब फंस गया है क्योंकि उनके अपने विधायक अब कांग्रेस के संपर्क में हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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