नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि शुरुआती लक्षणों के आधार पर कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट से दुनिया खतरा ‘बेहद अधिक’ है, और इससे ‘गंभीर परिणाम’ हो सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने सदस्य देशों को एक तकनीकी ज्ञापन में कहा कि नए संस्करण के बारे में ‘काफी अनिश्चितता’ बनी हुई है. कोविड-19 का नया स्वरूप पहली बार दक्षिणी अफ्रीका में पाया गया था.
यह चेतावनी दुनियाभर के कई देशों द्वारा स्वरूप की जानकारी देने और यात्रा प्रतिबंधों के रूप में कार्रवाई किए जाने के बीच आई है, साथ ही वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि परिवर्तित स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है.
गौरतलब है कि जापान ने घोषणा की है कि वह सभी विदेशी आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा रहा है, वहीं इज़राइल ने भी यही फैसला किया है. मोरक्को ने देश आने वाली सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया. अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्यों सहित अन्य देशों ने भी, दक्षिणी अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को प्रतिबंधित किया है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रोन के बारे में ‘काफी अनिश्चितताएं’ हैं. लेकिन उसने कहा कि प्रारंभिक साक्ष्य इस आशंका को बढ़ाते हैं कि स्वरूप में जो परिवर्तन हैं वह इसे प्रतिरक्षा-प्रणाली की प्रतिक्रिया से बचने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
उसने कहा, ‘ इन लक्षणों के आधार पर, भविष्य में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. यह कई कारकों पर निर्भर होगा जिसमें यह भी शामिल है कि मामले किस जगह पर बढ़ रहे हैं. आकलन में समग्र वैश्विक जोखिम … बहुत अधिक बताया जाता है.’
डब्ल्यूएचओ ने जोर दिया कि जब तक वैज्ञानिक इस स्वरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए सबूत तलाश रहे हैं, तब तक देशों को जितनी जल्दी हो सके टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए.
संगठन ने कहा कि दुनियाभर में इसके और फैलने की आशंका अधिक है.
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ब्रिटेन एडल्ट्स को लगाएगा बूस्टर डोज
वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन सरकार ने कोविड-19 बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम को एक्सटेंड करने की घोषणा की. सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए तीसरी टॉप-अप वैक्सीन खुराक की पेशकश का विस्तार करने और दूसरी तथा तीसरी खुराक के बीच के न्यूनतम अंतर को छह से घटाकर तीन महीने करने संबंधी नयी वैज्ञानिक सलाह को स्वीकार करते हुए यह घोषणा की.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को बताया कि उन्होंने वैक्सीनेशन और टीकाकरण पर संयुक्त समिति (जेसीवीआई) की सलाह को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है क्योंकि टीके कोविड-19 के खिलाफ रक्षा का सबसे मजबूत हथियार हैं.
मंत्री ने कहा कि नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि टीके कम से कम, गंभीर बीमारी को रोक नहीं पाएं.
जाविद ने संसद को बताया, ‘टीकों और वायरस के बीच इस दौड़ में, नए स्वरूप ने वायरस को बढ़त दी है.’ मंत्री ने दोहराया कि ‘कोविड-19 अभी गया नहीं है’ और आने वाले दिनों में ब्रिटेन में ओमीक्रॉन के मामलों की संख्या 11 के मौजूदा आंकड़े से बढ़ने की आशंका है.
गौरतलब है कि कोविड-19 के नए वैरिएंट के मामले ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और पुर्तगाल सहित कई देशों में दर्ज किये गये हैं.
स्कॉटलैंड में ओमीक्रोन के छह मामले, ब्रिटेन में कुल मामले बढ़कर 11 हो चुके हैं.
इससे पहले स्कॉटलैंड सरकार ने कहा था कि चार मामले लनार्कशायर में और दो ग्रेटर ग्लासगो और क्लाइड क्षेत्र में सामने आये हैं. ब्रिटेन में सामने आये सभी मामलों में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा से संबंध है. हालांकि स्कॉटलैंड में सामने आये मामलों में संक्रमितों का कोई यात्रा इतिहास नहीं है और संभव है कि उन्हें इसका संक्रमण समुदाय में ही हुआ हो.
स्कॉटलैंड के उप प्रथम मंत्री जॉन स्वीनी ने कहा, ‘कुछ मामलों में, हम जानते हैं कि उनमें कोई यात्रा इतिहास शामिल नहीं है. तो इससे हमें पता चलता है कि वायरस के इस विशेष स्वरूप का कुछ कम्यूनिटी स्प्रेड होना संभव है.’
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या इस नये स्वरूप के खिलाफ और भी कड़े सामाजिक दूरी के मानदंडों की आवश्यकता है जिसके संभावित रूप से अत्यधिक संक्रामक होने की आशंका है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान टीकों के प्रति इसकी प्रतिक्रिया का अभी पता लगाया जाना बाकी है.
स्कॉटलैंड के स्वास्थ्य मंत्री हमजा यूसुफ ने कहा, ‘नये स्वरूप से संक्रमित पाये गए छह लोगों के लिए यह चिंताजनक समय होगा.’
उन्होंने कहा, ‘स्कॉटलैंड का स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों के सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू करेगा. इससे वायरस की उत्पत्ति के साथ ही हाल के हफ्तों में संक्रमितों के संपर्क में आने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी.’
ओमीक्रॉन स्वरूप के तेजी से फैलने और टीके की सुरक्षा को आंशिक रूप से कम करने की आशंका है. इसकी पहचान सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में की गई थी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रॉन को ‘चिंता वाला स्वरूप’ घोषित कर दिया था.
ओमीक्रॉन का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पता चला था और इसके मामले बाद में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इज़राइल और हांगकांग सहित दुनियाभर के देशों में सामने आये थे. ब्रिटेन ने दक्षिणी अफ्रीका के दस देशों को ब्रिटेन की यात्रा प्रतिबंध ‘लाल सूची’ में जोड़ा है और मंगलवार से ब्रिटेन आने वाले सभी विदेशी यात्रियों को पीसीआर जांच कराने की आवश्यकता होगी.
भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय यात्रा मानदंडों को कड़ा कर दिया है. भारत ने ब्रिटेन सहित पूरे यूरोप को ‘जोखिम वाली’ सूची में रखा है. नये स्वरूप के खिलाफ कार्रवाई के तहत हवाई अड्डे पर अतिरिक्त स्क्रीनिंग और स्व-पृथकवास जरूरी है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दुकानों और सार्वजनिक परिवहन में अनिवार्य रूप से मास्क लगाने को लेकर योजना बनाई है जिसे इस सप्ताह संसद के समक्ष रखा जाएगा.
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