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Saturday, 21 December, 2024
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मंकीपॉक्स के 75 देशों में 16 हजार से अधिक मामले, WHO ने वैश्विक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित किया

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा, 'मैंने तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है.'

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जिनेवा (स्विजरलैंड): 70 से अधिक देशों में बढ़ते मंकीपॉक्स के प्रकोप को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा, ‘मैंने तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है.’

मंकीपॉक्स के प्रकोप के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य रेग्युलेशन आपातकालीन समिति की दूसरी बैठक की रिपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, घेब्रेयियस ने कहा कि उन्होंने एक महीने पहले आपातकालीन समिति का गठन किया था, यह आकलन करने के लिए कि क्या मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि उस बैठक के दौरान, समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि मंकीपॉक्स अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल अभी नहीं बना है.

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘उस बैठक में, जबकि अलग-अलग विचार व्यक्त किए गए थे, समिति ने आम सहमति से हल किया कि मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है.’

घेब्रेयसस ने उल्लेख किया कि उस समय, 47 देशों से 3,040 मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे और अब तक 75 देशों और क्षेत्रों से 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस से पांच लोगों की मौत हुई है.

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘मंकीपॉक्स के प्रकोप के मद्देनजर, मैंने इस सप्ताह के गुरुवार को नवीनतम आंकड़ों की समीक्षा करने और मुझे उसके मुताबिक सलाह देने के लिए समिति का पुनर्गठन किया. मैं सबूतों और मुद्दों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के लिए समिति को धन्यवाद देता हूं.’

पांच तत्वों को रेखांकित करते हुए कि क्या प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है, घेब्रेयियस ने कहा कि सबसे पहले, देशों द्वारा प्रदान की गई जानकारी जिससे पता चलता है कि वायरस के तेजी से विकास को दिखाती है.

उन्होंने कहा कि तो संक्षेप में कहें तो, हमारे पास एक प्रकोप है जो दुनिया भर में तेजी से फैल गया है.

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि मंकीपॉक्स का जोखिम वैश्विक स्तर पर मध्यम है और यूरोपीय क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों में जोखिम का आकलन उच्च स्तर पर है.

उन्होंने कहा, ‘आगे अंतरराष्ट्रीय प्रसार का एक स्पष्ट जोखिम भी है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय यातायात में हस्तक्षेप का जोखिम फिलहाल कम है.’

‘हालांकि मैं अंतरराष्ट्रीय चिंता को देखते हुए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर रहा हूं, फिलहाल यह एक ऐसा प्रकोप है जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में केंद्रित है, खासकर उन लोगों के साथ जिनके कई यौन साथी हैं.’

इस बीच, भारत में अब तक मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं, जो कि केरल से हैं.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘देश के तीसरे मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि एक 35 वर्षीय व्यक्ति में हुई, जो 6 जुलाई को यूएई से मल्लापुरम लौटा था. उसे 13 (जुलाई) को मंजेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुखार के साथ भर्ती कराया गया था और 15 तारीख से उसमें लक्षण दिखना शुरू हो गया था. उसका परिवार और करीबी निगरानी में हैं.’


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