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Saturday, 16 November, 2024
होमविदेशअमेरिकी सांसदों ने उपराष्ट्रपति पेंस से ट्रंप को पद से हटाने की मांग की, ओबामा ने कहा- देश को चुनने का समय

अमेरिकी सांसदों ने उपराष्ट्रपति पेंस से ट्रंप को पद से हटाने की मांग की, ओबामा ने कहा- देश को चुनने का समय

संविधान का 25वां संशोधन उपराष्ट्रपति और बहुमत मंत्रीमंडल सदस्यों को ये हक देता है कि वो किसी राष्ट्रपति को अयोग्य करार दे अगर 'वो अपनी ड्यूटी पूरी करने में और अपनी शक्ति का निर्वहण करने में असमर्थ है.'

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नई दिल्ली: अमेरिका के कुछ डेमोक्रेट सांसदों ने वहां के उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मांग की है कि वो डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता से हटाए. डेविड सिसीलीन जो कि डेमोक्रेट हैं, ने हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के सदस्यों के साथ लिखे पत्र में माइक पेंस को संविधान के आर्टिकल 25 का इस्तेमाल कर कैपिटोल हिल के घटनाक्रम के बाद अपदस्त करने की मांग की.

पत्र में कहा गया है कि जब आप सिनेट की अध्यक्षता कर रहे थे तब राष्ट्रपति ट्रंप के नाराज समर्थकों ने ‘विद्रोह की कोशिश की, यूएस कैपिटोल हिल में अवैध घुसपैठ की ताकि वो निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत को रोक सकें.’

उनका आरोप था कि इन विद्रोहियों को ट्रंप ने उकसाया जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, चुने हुए सांसदों की जान खतरें में डाली और हाउस और सिनेट पर कब्जा कर लोकतंत्र की हत्या की कोशिश की.

संविधान का 25वां संशोधन उपराष्ट्रपति और बहुमत मंत्रीमंडल सदस्यों को ये हक देता है कि वो किसी राष्ट्रपति को अयोग्य करार दे अगर ‘वो अपनी ड्यूटी पूरी करने में और अपनी शक्ति का निर्वहण करने में असमर्थ है.’

उनका कहना था कि ट्रंप के वीडियो उद्बोधन से भी साफ हो गया था कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और वो अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रहें.

डेमोक्रेटिक सांसदों के इस पत्र के अलावा रिपब्लिकन पार्टी में भी ट्रंप के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है. कई रिपब्लिकन सांसदों ने खुल कर हिंसा की निंदा की है और कहा है कि जो कुछ कैपिटोल हिल पर हुआ वह न तो अमेरीकी लोकतंत्र और न ही पार्टी को शोभा देता है.

अमेरीका की लोकतांत्रिक व्यवस्था को वापिस सुचारू चलाने का प्रण भी लिया गया और सिनेट के बहुमत के नेता मैकोनल ने कहा की वे अपना काम सुचारू रूप से अपने संविधान के तहत तुरंत चालू करेंगे.

वहीं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे देश के लिए ‘बड़े शर्म’ की बात कहीं. पर साथ ही ये भी कहा कि अगर हम कहते हैं कि ये चौकाने वाली घटना थी तो हम अपना मन बहला रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दो महीने से एक राजनीतिक पार्टी और उसका समर्थन करने वाले मीडिया उसके समर्थकों को सच बताने से गुरेज़ करता रहा- कि ये कोई कांटे की टक्कर नहीं थी और जो बाइडन 20 जनवरी को अमरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. जो काल्पनिक बातें कही गई और सालों से जो गुस्सा था उसका अब हम नतीजा देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब रिपब्लिकन सांसदों के सामने दो विकल्प है- आग भड़काते रहे या अमेरीका का चुनाव करें. मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति की पार्टी के कई सदस्यों ने जोर से खुलकर बोला है. हमें अब बाइडन की लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने में मदद करनी चाहिए.

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