वॉशिंगटनः यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बाइडन प्रशासन भारत के रूख को देखते हुए इस बात पर विचार कर रहा है कि रूस से एस-400 की खरीद को लेकर उस पर काट्स (काउंटरिंग अमेरिकाज़ ऐडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन ऐक्ट) के तहत प्रतिबंध लगाया जाए कि नहीं. बुधवार को यूएस डिप्लोमेंट डोनाल्ड लू ने इस बात की जानकारी दी.
लू का ये बयान तब आया है जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर यूएन में हुए वोटिंग के दौरान भारत ने अपने को अलग रखा. भारत के इस रूख की आलोचना रिपब्लिकन्स और डिप्लोमैट्स दोनों ने की है. भारत सहित कुल 35 देशों ने अपने आपको वोटिंग से बाहर रखा.
लू ने अपने बयान में कहा, ‘मैं यही कह सकता हूं कि भारत हमारा काफी महत्त्वपूर्ण सिक्युरिटी पार्टनर है और हम चाहते हैं कि यह आगे भी बना रहे.’
भारत साल 2016 से रूसी हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार रहा है. लू ने सन पैनल को सूचना दी कि भारत ने हाल ही में रूसी मिग-29 फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और एंटी टैंक वीपन का ऑर्डर कैंसिल कर दिया और उन्होंने कहा कि नया सैंक्शन दूसरे देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा.
उन्होंने कहा कि इसकी संभावना कम है कि रूस मौजूदा हालात में नई बिक्री कर पाएगा या अपने ग्राहकों को मेंटेनेंस दे पाएगा.
लू ने कहा, ‘मेरे विचार में रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगने के बाद किसी के लिए भी रूस से हथियार खरीदना काफी मुश्किल हो जाएगा. मुझे लगता है कि भारत उन देशों में से है जिसको इस बात की चिंता है.’
बता दें कि यूएन में रूस के हमले के खिलाफ जो वोटिंग हुई थी उसमें 141 देशों ने पक्ष में वोटिंग की थी, पांच ने विपक्ष में और भारत सहित 35 देशों ने वोटिंग से अपने आप को बाहर रखा था.
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