नई दिल्ली: अमेरिका ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताते हुए इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने की बात कही है. साथ ही कहा है कि म्यांमार को अपने कब्जे में ली शक्ति को छोड़ना होगा और कार्याकर्ताओं को रिहा करना होगा.
रायटर्स की खबर के मुताबिक यूएन सेक्योरिटी काउंसिल ने मामले पर चिंता जताते हुए आंग सांग सू ची और इससे जुड़ी आवाजों म्यांमार से रिहाई की मांग की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विदेश मंत्रालय को संबोधित करते हुए कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से हम बर्मा में सैन्य तख्तापलट को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ लाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं. बर्मा सेना को अपने कब्जे में ली गई शक्ति को त्यागना होगा, कार्यकर्ताओं को रिहा करना चाहिए और दूरसंचार सेवा फिर से शुरू करनी होगी.
Over last few days we've been in touch with our allies to bring together international community to address Burma military coup. Burmese military must relinquish power they've seized, release activists & resume telecommunications: US President Joe Biden at US State Dept address pic.twitter.com/s82EwxgJ8h
— ANI (@ANI) February 4, 2021
We have received concerning reports that three writers have been detained as part of the military coup in #Mynamar. Two of the writers, Maung Thar Cho and Than Myint Aung are members of PEN Myanmar and Htin Lin Oo is a member of the Myanmar Writers Club. https://t.co/zicsnbpwJq pic.twitter.com/63AwFzZjuv
— PEN International (@pen_int) February 3, 2021
पीईएन इंटरनेशनल के मुताबिक हमें चिंताजनक रिपोर्ट मिली है कि म्यांमार में हुए तख्तापलट के हिस्से के तौर पर तीन लेखकों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से दो लेखक मांग थार चो और थान माइंट आंग पीईएन म्यांमार के सदस्य हैं और टिन लिन ओ म्यांमार राइटर क्लब के सदस्य हैं.
यूनएससी ने हिरासत में लिए गए म्यामां के नेताओं को तत्काल रिहा करने की अपील की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यामां में सेना द्वारा आपातकाल की घोषणा किये जाने पर बृहस्पतिवार को गंभीर चिंता व्यक्त की और हिरासत में ली गई आंग सान सू ची तथा अन्य नेताओं को तत्काल रिहा करने की अपील की.
सुरक्षा परिषद ने इस घटनाक्रम पर अपने पहले बयान में कहा, ‘सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एक फरवरी को सेना द्वारा म्यांमार में आपातकाल की घोषणा और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, राष्ट्रपति विन मिंट और अन्य सहित सरकार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है.’
परिषद ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों की तत्काल रिहाई की भी अपील की.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)