नई दिल्ली: रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किए लगभग पांच हफ्ते हो गए हैं लेकिन ऐसा लगता है कि लड़ाई में एक ठहराव सा पैदा हो गया है, जिसमें रविवार को युनाइटेड किंग्डम के रक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया कि ‘पूरे उत्तरी यूक्रेन में युद्ध का मैदान काफी हद तक स्थिर है’.
रूस ने पांच मुख्य जगहों से यूक्रेन में हमला किया है- राजधानी कीव, उत्तर में चेर्निहाइव और सुमी, उत्तर-पूर्व में खारकीव, पूर्व में डोनेत्स्क और लुहान्स्क और दक्षिण में खेरसन.
वॉशिंग्टन डीसी स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर दि स्टडी ऑफ वॉर (आईएसडब्लू) के अनुसार, 26 से 27 मार्च तक रूस या यूक्रेन किसी ने भी, कीव में किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया था. सूमी, डोनेत्स्क तथा लुहांस्क में यूक्रेन ने सीमित जवाबी हमले किए और रूस ने खारकीव तथा खेरसन में कोई कार्रवाई नहीं की.
कीव एक्सिस (राजधानी)
रूसी फौजों की प्राथमिकता उत्तरपूर्व, पश्चिम और पूर्व से कीव की घेराबंदी रही है. ख़बरों के अनुसार, रूसी ईस्टर्न मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट (ईएमडी) कमांडर, कर्नल-जनरल एलेग्ज़ेंडर चयको को ज़िम्मा सौंपा गया है कि वो सहयोगी बेलारूस में रूसी बलों को फिर से एकत्र करने के प्रयासों की निजी तौर पर निगरानी करें और फिर कीव की घेराबंदी करने के लिए उनकी कार्रवाइयों को प्रेरित करें.
लेकिन, 27 मार्च को रूस या यूक्रेन किसी की सेनाओं ने भी कीव में किसी बड़ी ज़मीनी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया. बीबीसी के अनुसार, रूसी सैनिकों का सबसे बड़ा जमावड़ा, कीव के आसपास ही बना हुआ है.
कीव इलाक़े से अथॉरिटीज़ ने ख़बर दी है कि राजधानी के आसपास के उपनगरों- बुच, इरपिन, होस्टोमेल, बोरोड्यंका, और मकारिव में- 27 मार्च को सीमित गोलाबारी जारी थी. कीव में रूसी सैनिक टुकड़ियां जिन सबसे क़रीब जगहों पर पहुंच पाई हैं, वो हैं बुच और इरपिन, जो राजधानी से क़रीब 25 किलोमीटर दूर हैं.
आईएसडब्लू का तर्क है कि कीव के आसपास का गतिरोध, रूसी बलों की अक्षमता को दर्शाता है.
यह भी पढ़ें: शी का चीन सिर्फ यूक्रेन या ताइवान में ही नहीं उलझा है, कोई रूसी रिश्ते में रोड़ा भी डाल रहा
चेर्नीहाइव और सूमी एक्सिस (उत्तर)
कीव के उत्तरपूर्व में चेर्निहाइव को जीत लेने की रूस की असमर्थता ने, पूर्व की ओर से राजधानी पर हमला करने की, इसकी क्षमता को भी सीमित कर दिया है.
ख़बरों के अनुसार, चेर्निहाइव के मेयर ने 25 मार्च को ऐलान किया कि रूसी फौजों ने शहर को पूरी तरह से घेर लिया था, और रिहायशी इलाक़ों में हमले कर रहे थे.
26 मार्च को, रूस ने चेर्निहाइव के पश्चिम में स्लैवुटिच पर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन नागरिक अधिकारियों और आम लोगों ने, रूसी बलों के साथ सहयोग से इनकार कर दिया और उनके खिलाफ प्रदर्शन किए. इसके नतीजे में रूसियों ने कथित रूप से पकड़े हुए शहर के मेयर को छोड़ दिया और वहां से जाने को तैयार हो गए.
यूक्रेनी सेना तथा सोशल मीडिया की ओर से दावा किया गया है कि यूक्रेन ने 26 से 27 मार्च तक सूमी में सीमित जवाबी हमले किए. ख़बरों में संकेत दिया गया कि यूक्रेन ने सूमी ओब्लास्ट में, ट्रोस्टयानेट्स और हुसारिवका पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है.
खारकीव एक्सिस (उत्तरपूर्व)
खारकीव शहर के आसपास, 26 से 27 मार्च तक रूस ने कोई कार्रवाई अंजाम नहीं दी. इसके विपरीत यूक्रेन की सेना ने खारकीव के पूर्वी साइड पर विल्खीवका में एक जवाबी हमला किया. लेकिन, ख़बरों में ये पुष्टि नहीं की गई कि यूक्रेनियों ने उसपर फिर से क़ब्ज़ा किया है कि नहीं.
डोनेत्स्क और लुहान्स्क एक्सिस (पूर्व)
हाल ही में, रूस अपनी रणनीति की फिर से व्याख्या करके कहता हुआ नज़र आया कि आक्रमण का उद्देश्य ‘डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से आज़ाद कराना है’.
हमले से पहले ही, डोनबास इलाक़े का एक बड़ा हिस्सा, रूस-समर्थित अलगाववादियों के कब्ज़े में था. अब क्रेमलिन दावा करता है कि लुहान्स्क के 93 प्रतिशत और डोनेत्स्क के 54 प्रतिशत हिस्से उसके नियंत्रण में हैं.
यूक्रेनी सेना के अनुसार, 27 मार्च को, लुहांस्क और डोनेत्स्क में सात रूसी हमलों को पीछे धकेला गया.
यह भी पढ़ें: यूक्रेन में युद्ध के बीच चीन और भारत के लिए शांति की पहल करने का अच्छा मौका
खेरसन एक्सिस (दक्षिण)
अभियान के शुरू में रूसी बलों ने दक्षिण में काफी तेज़ी से कामयाबी हासिल की थी लेकिन मार्च के आरंभ से उनकी प्रगति धीमी पड़ गई है.
एक पूर्व यूक्रेनी क्षेत्र क्रीमिया को- जिसे रूस ने 2014 में हमला करके छीन लिया था- पूर्व के डोनबास इलाक़े से साथ जोड़ने के उसके प्रयासों को, दक्षिण में मारियूपोल के बंदरगाह शहर के आसपास, विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
एक महीने की बमबारी के बाद, रूसी सेनाओं की घेराबंदी के बावजूद, मारियूपोल अभी भी प्रतिरोध कर रहा है. हालांकि वो भोजन, पानी, और बिजली की भारी क़िल्लत से जूझ रहा है. शहर के मेयर ने चेतावनी दी है, कि लोगों की हालत ‘मानवीय आपदा की रेखा से कहीं आगे पहुंच गई है’.
इसके अलावा, खेरसन क्षेत्र में भी रूस ने 27 मार्च के बाद, किसी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया है.
यूक्रेन की ओर से हथियारों और अधिक सहायता की मांग
दि इकॉनमिस्ट के साथ एक भावनात्मक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी ताक़तों से अपील की है कि नए उत्साह के साथ उनके देश की सहायता करें.
ज़ेलेंस्की की मांग थी कि पश्चिमी देश रूस को स्विफ्ट इंटरनेशनल बैंकिंग सिस्टम से पूरी तरह काट दें और उन्होंने दावा किया कि मॉस्को के कुछ बैंकों और शीर्ष प्राधिकारियों की, अभी भी उस सिस्टम तक पहुंच थी. इसी महीने कई रूसी बैंकों को पेमेंट गेटवे से काट दिया गया था.
उन्होंने अमेरिका और नेटो से भी और अधिक टैंक, विमान और बख़्तरबंद वाहन भेजने की विनती की और कहा कि इनकी कमी की वजह से यूक्रेन, अपनी पूरी क्षमता के साथ रूस से टक्कर नहीं ले पा रहा है और अपने और अधिक शहरों पर फिर से कब्ज़ा नहीं कर पा रहा है.
उन्होंने कहा कि और अधिक टैंक और बख़्तरबंद वाहन मिलने से वो रूसी-कब्ज़े वाले शहरों को फिर से खोल पाएंगे. वहां के निवासियों को भोजन पहुंचा सकेंगे और सैन्य पहल को अपने ख़ुद के हाथों में ले सकेंगे’.
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: इमरान खान का पतन पाकिस्तान के जनरलों की जीत है, लोकतंत्र की नहीं