नई दिल्ली: राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रविवार (स्थानीय समय) को घोषणा की कि तुर्की ने सीरिया में दाएश/इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन के नेता अबू हुसैन अल-कुराशी को बेअसर कर दिया. यह जानकारी स्थानीय मीडिया अनादोलू एजेंसी ने दी है.
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका राष्ट्रीय खुफिया संगठन दाएश के “तथाकथित” नेता को फ़ॉलो कर रहा है, जिसका एक कोड नाम अबू हुसैन अल-कुराशी है, एर्दोगन ने यह बातें टीआरटी तुर्क को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं.
एर्दोगन ने कहा, “यह पहली बार है जब मैं यहां यह कह रहा हूं. इस व्यक्ति को कल एमआईटी द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन में बेअसर कर दिया गया था.”
उन्होंने आगे कहा कि तुर्की बिना किसी भेदभाव के आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगा.
अनादोलु एजेंसी के अनुसार, 2013 में, तुर्की दाएश/आईएसआईएस को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाले पहले देशों में से एक बन गया.
तब से देश पर कई बार आतंकवादी समूह द्वारा हमला किया गया है, जिसमें कम से कम 10 आत्मघाती बम विस्फोटों, सात बम हमलों और चार सशस्त्र हमलों में 300 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं.
जवाब में, तुर्की ने आगे के हमलों को रोकने के लिए देश और विदेश में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया. एक साक्षात्कार में, तुर्की के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि नस्लवाद, इस्लामोफोबिया और भेदभाव पश्चिम में “कैंसर की तरह” फैल रहा है: “पश्चिमी देशों ने अभी तक इस खतरे का सामना करने के प्रयासों का प्रदर्शन नहीं किया है.”
अनादोलू एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशों में मुस्लिमों और मस्जिदों को निशाना बनाने वाले अभद्र भाषा और हमले भी बढ़ रहे हैं.
एर्दोगन ने कहा, “जातिवादी समूहों द्वारा मस्जिदों के खिलाफ आगजनी और पवित्र कुरान को फाड़ने जैसे घिनौने कृत्य भी बढ़े हैं … हम अपने नागरिकों की जान और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाते हैं.”
हाल के महीनों में उत्तरी यूरोप और नॉर्डिक देशों में इस्लामोफोबिक हस्तियों या समूहों द्वारा कुरान को जलाने या ऐसा करने के प्रयासों के कई कृत्यों को देखा गया है.
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