नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की, जहां दोनों नेताओं ने यूक्रेन के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए तुरंत बातचीत शुरू करने का वादा किया.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, “मैंने अभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक लंबी और बेहद उत्पादक फोन कॉल की. हमने यूक्रेन, मध्य पूर्व, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डॉलर की शक्ति और कई अन्य विषयों पर चर्चा की.”
ट्रंप ने आगे कहा, “हमने अपनी-अपनी राष्ट्रों की ताकतों पर चर्चा की और इस बात पर सहमति जताई कि भविष्य में साथ मिलकर काम करने से बहुत लाभ होगा। लेकिन पहले, जैसा कि हमने दोनों सहमति जताई, हमें रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रही लाखों मौतों को रोकना है.”
यह दोनों नेताओं के बीच बातचीत का पहला मौका है, जब से ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल संभाला है. यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कीव के लिए नाटो (NATO) सदस्यता की संभावना से इनकार कर दिया और 2014 से पहले की सीमाओं पर वापसी को एक “भ्रमपूर्ण लक्ष्य” करार दिया, जिससे युद्ध और लंबा खिंच सकता है.
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ अपनी “विशेष सैन्य कार्रवाई” शुरू की थी, और यह युद्ध जल्द ही तीन साल पूरा कर लेगा. ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा कि यदि वह उस समय राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता। उन्होंने पुतिन को कॉल के लिए धन्यवाद भी दिया.
क्रेमलिन द्वारा जारी किए गए वार्ता सारांश में कहा गया, “यूक्रेन में समझौते के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. ट्रंप ने शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की वकालत की. व्लादिमीर पुतिन ने अपनी ओर से संघर्ष के मूल कारणों को समाप्त करने की आवश्यकता का उल्लेख किया और इस बात से सहमति जताई कि दीर्घकालिक समाधान शांतिपूर्ण वार्ताओं के माध्यम से संभव है.”
इसके अलावा, क्रेमलिन के बयान में कहा गया, “रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति को मॉस्को आने का निमंत्रण दिया और यह भी कहा कि वह आपसी हित के विषयों, जिसमें यूक्रेनी समझौता भी शामिल है, पर चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारियों को रूस में आमंत्रित करने के लिए तैयार हैं.”
ज़ेलेंस्की से बात करेंगे ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को पुतिन के साथ हुई बातचीत के विवरण से अवगत कराने की योजना बनाई है. साथ ही, उन्होंने विदेश मंत्री मार्को रूबियो, CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और राजदूत व विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ को यूक्रेन और रूस के बीच समझौते के लिए वार्ता का नेतृत्व करने का निर्देश दिया है.
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, “राष्ट्रपति पुतिन ने मेरी बहुत प्रभावशाली प्रचार अभियान की टैगलाइन ‘कॉमन सेंस’ (सामान्य बुद्धि) का इस्तेमाल किया. हम दोनों इस पर दृढ़ विश्वास रखते हैं. हमने एक-दूसरे के देशों की यात्रा सहित मिलकर बहुत करीब से काम करने पर सहमति जताई.”
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस. पेसकोव के अनुसार, यह कॉल लगभग डेढ़ घंटे तक चली. ट्रंप और पुतिन के बीच हुई इस वार्ता और अमेरिका द्वारा युद्ध के अंत को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने से ज़ेलेंस्की एक कठिन स्थिति में आ गए हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने 2024 के अधिकांश समय अपने 10-सूत्रीय शांति प्रस्ताव के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने में बिताया, जिसमें रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों की वापसी और पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी शामिल हैं, जिसमें नाटो (NATO) सदस्यता भी एक प्रमुख पहलू था.
नाटो का अनुच्छेद 5 (Article V) सामूहिक रक्षा का प्रावधान करता है, जिसका अर्थ है कि किसी एक देश पर हमला पूरे गठबंधन पर हमला माना जाएगा.
हालांकि, ब्रुसेल्स में यूक्रेन डिफेंस कॉन्टैक्ट ग्रुप को संबोधित करते हुए हेगसेथ ने स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता संभव नहीं है. ऐसे में ज़ेलेंस्की की अमेरिका-नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन में शामिल होने की उम्मीद अब धूमिल होती दिख रही है.
ज़ेलेंस्की के लिए किसी भी शांति समझौते में रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों, जिसमें 2014 से रूस के नियंत्रण में रही क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, की वापसी अनिवार्य होगी. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन के प्रशासन का मानना था कि शांति के लिए कोई भी रियायत कीव को देनी होगी. लेकिन ट्रंप की पुतिन से वार्ता और हेगसेथ की टिप्पणियों से अमेरिका की यूरोप में युद्ध को लेकर नीति में बदलाव का संकेत मिलता है.
हेगसेथ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी शांति रक्षा बल (Peacekeepers) को यूक्रेन में तैनात किया जाता है, तो उसमें अमेरिकी सैनिक शामिल नहीं होंगे. यह पूरी तरह से यूरोपीय देशों द्वारा समर्थित होगा और नाटो के अनुच्छेद 5 के दायरे से बाहर होगा.
यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले रूस ने एक अमेरिकी नागरिक और स्कूल शिक्षक मार्क फोगल को रिहा किया था. इसके बदले अमेरिका ने अलेक्जेंडर विननिक को मुक्त किया, जिसे साइबर अपराध का सरगना माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विननिक को 2017 में ग्रीस में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अमेरिका को सौंप दिया गया था. उस पर एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के जरिए 4 अरब डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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