इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि तीन नवंबर को वजीराबाद में एक विरोध मार्च के दौरान उनपर कातिलाना हमला करने में तीन शूटर शामिल थे.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी अध्यक्ष को इस हमले में दाहिने पैर में गोली लगी थी. वह मध्यावधि चुनाव के लिए दबाव बनाने के वास्ते सरकार के खिलाफ मार्च का नेतृत्व कर रहे थे.
रावलपिंडी में अपनी पार्टी की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए, खान ने शनिवार को कहा कि दो हमलावरों में से एक ने उन पर और पीटीआई के अन्य नेताओं पर गोली चलाई थी और दूसरे शूटर ने कंटेनर पर गोलीबारी की थी, जबकि तीसरा व्यक्ति कथित हत्यारे को चुप कराने के लिए वहां था ताकि कोई ब्योरा नहीं दिया जा सके.
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, 70 वर्षीय खान ने दावा किया कि इस तीसरे शूटर ने रैली में एक व्यक्ति की हत्या की थी जब वह संभावित हत्यारे को मारने की कोशिश कर रहा था.
खान ने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि अगर वे आजादी से जीना चाहते हैं तो मौत के डर से बेखौफ हो जाएं. उन्होंने कर्बला की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा ‘डर पूरे देश को गुलाम बना देता है.’ कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने अपने समय के अत्याचारी शासक के खिलाफ आवाज उठाई थी.
खान, शनिवार को रावलपिंडी में एक हेलीकॉप्टर से पहुंचे. उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी थी. पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा कि जब वह लाहौर से निकल रहे थे तो सभी ने उन्हें सलाह दी कि वह अभी घायल हैं इसलिए ना जाएं क्योंकि इससे खतरा हो सकता है.
खान ने कहा कि वह इसलिए आगे बढ़े क्योंकि उन्होंने मौत को करीब से देखा था. उन्होंने कहा, ‘यदि आप जीना चाहते हैं, तो मौत का खौफ छोड़ दें.’ खान ने कहा कि राष्ट्र एक ‘निर्णायक बिंदु’ और ‘चौराहे’ पर खड़ा है, जिसके सामने दो रास्ते हैं- एक रास्ता दुआओं और महानता का है जबकि दूसरा रास्ता अपमान और विनाश का है. वह देश में जल्द आम चुनाव की मांग करते हुए ‘लॉन्ग मार्च’ का नेतृत्व कर रहे हैं.
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