नई दिल्ली: घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश से जाने की वर्षगांठ मनाने के लिए 5 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है.
गुरुवार को घोषित इस फैसले का उद्देश्य जुलाई 2024 के विद्रोह को याद करना है, जिसके कारण हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई थी. यह घोषणा सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार मुस्तफा सरवर फारूकी ने ढाका में विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान की.
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, फारूकी ने कहा, “यह कदम जुलाई के विद्रोह की याद में उठाया जा रहा है, जिसने हसीना सरकार को गिरा दिया था.”
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब शेख हसीना को बढ़ती कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को 24 जून को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया.
दोनों को भगोड़ा करार दिया गया है और “मानवता के खिलाफ अपराध” के आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए वांछित हैं.
आईसीटी का आरोप है कि हसीना और खान ने पिछले साल के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने, उन्हें प्रताड़ित करने और दबाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आदेश दिया था. इन घटनाओं के कारण अंततः अवामी लीग प्रशासन का पतन हुआ. हसीना ने पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था. इस बीच, न्यायाधिकरण ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह दोनों आरोपियों को बुलाने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करें.
यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम प्रशासन ने पिछले महीने आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत उनकी पार्टी, अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध में पार्टी की ऑनलाइन उपस्थिति भी शामिल है और यह तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण पार्टी और उनके नेतृत्व के खिलाफ मुकदमे समाप्त नहीं कर देता.
यह प्रतिबंध छात्र-संचालित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेतृत्व में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के बढ़ते दबाव के बीच लगाया गया, जिसने पिछले साल के विद्रोह के दौरान कथित अत्याचारों के लिए अवामी लीग के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की थी. प्रदर्शनों का समापन ढाका के शाहबाग और अन्य क्षेत्रों में नाकाबंदी के साथ हुआ.
1949 में स्थापित, अवामी लीग अभूतपूर्व कानूनी जांच का सामना कर रही है. इसकी छात्र शाखा, बांग्लादेश छात्र लीग पर अक्टूबर 2024 में ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.
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