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Sunday, 22 December, 2024
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पंजशीर पर कब्जे का तालिबान का दावा गलत, न्याय और आजादी मिलने तक संघर्ष जारी: NRF

काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद एक पंजशीर ही है जहां तालिबान के लड़ाकों को टक्कर मिल रही है. पंजशीर का इलाका भौगोलिक तौर पर काफी कठिनाई भरा है.

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नई दिल्ली: तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर को कब्जे में लेने का दावा किया है. लेकिन नेशनल रेजिसटेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने ट्वीट कर कहा कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे का दावा गलत है.

एनआरएफ ने ट्वीट कर कहा, ‘एनआरएफ की सेना मुकाबले के लिए घाटी के सभी रणनीतिक जगहों पर मौजूद हैं. हम अफगानिस्तान के लोगों को आश्वसत करते हैं कि तालिबान और उनके सहयोगी के खिलाफ संघर्ष न्याय और आजादी मिलने तक जारी रहेगी.’

पंजशीर में तालिबान के खिलाफ जंग का नेतृत्व अमरूल्लाह सालेह और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं.

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है.

इलाके में मौजूद चश्मदीदों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि हजारों तालिबान लड़ाकों ने रातों-रात पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया.

लेकिन नेशनल रेजिसटेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के विदेशी मामलों के प्रमुख अली मैसम नाज़ारी ने भी ट्वीट कर कहा कि ये संघर्ष जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के शोषित लोगों के लिए पंजशीर ने एक नया नैरेटिव बनाया है. संघर्ष की मसाल अहमद मसूद और एनआरएफ के हाशों में है. जब तक घुसपैठियों को हम अपनी जमीन से हटाकर न्याय, आजादी और बराबरी स्थापित नहीं कर देते तब तक ये संघर्ष जारी रहेगा.’

तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व उपराष्ट्रपति एवं तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद के बेटे ने किया था, जो अमेरिका में 9/11 के हमलों से कुछ दिन पहले मारे गए थे.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने के बाद अमरूल्लाह सालेह ने खुद को देश का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित किया था. और वर्तमान में पंजशीर से तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. तालिबान के पंजशीर पर कब्जे के दावे पर अभी तक उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है.

काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद एक पंजशीर ही है जहां तालिबान के लड़ाकों को टक्कर मिल रही है. पंजशीर का इलाका भौगोलिक तौर पर काफी कठिनाई भरा है.

गौरतलब है कि जब अफगानिस्तान में तालिबान अपनी सरकार गठन में लगा हुआ है उसी बीच पाकिस्तान के आईएसआई के प्रमुख भी वहां पहुंचे हैं.


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