scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमविदेशलंबे इंतजार के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे का इस्तीफा, 7 दिनों के भीतर देश में होंगे चुनाव

लंबे इंतजार के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे का इस्तीफा, 7 दिनों के भीतर देश में होंगे चुनाव

दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले जाने के बाद राजपक्षे ने इस्तीफा दिया है.

Text Size:

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने पद से आखिरकार इस्तीफा दे दिया है. संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की. उनके इस्तीफे के बाद से श्रीलंका की जनता ने जश्न मनाया. अब उनकी मांग है कि गोटोबाया के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी अपना पद छोड़ दें.

संसद के स्पीकर ने बताया कि उनके दफ्तर को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का सिंगापुर में श्रीलंका हाईकमीशन के द्वारा इस्तीफा मिला है. संसद के अध्यक्ष ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

उन्होंने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार सात दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव कर लिया जाएगा.

दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले जाने के बाद राजपक्षे ने इस्तीफा दिया है.

राजपक्षे (73) ने बृहस्पतिवार को एक ‘निजी यात्रा’ पर सिंगापुर जाने की अनुमति मिलने के तुरंत बाद अध्यक्ष को अपना इस्तीफा पत्र ईमेल के जरिए भेजा.

अध्यक्ष अभयवर्धने ने शुक्रवार सुबह राजपक्षे के इस्तीफा देने की आधिकारिक घोषणा की.

अध्यक्ष ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे नए नेता के निर्वाचित होने तक राष्ट्रपति का प्रभार संभालेंगे.

उन्होंने जनता से निर्वाचन की प्रक्रिया में सभी सांसदों के भाग लेने के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाने का अनुरोध किया. यह प्रक्रिया सात दिन के भीतर पूरी करनी है. श्रीलंकाई संसद की बैठक शनिवार को होगी.

अध्यक्ष के मीडिया सचिव इंदुनिल अभयवर्धने ने बताया कि अध्यक्ष को बृहस्पतिवार रात को सिंगापुर में श्रीलंकाई उच्चायोग के जरिए राजपक्षे का इस्तीफा पत्र मिल गया था, लेकिन वह सत्यापन प्रक्रिया और कानूनी औपचारिकताओं के बाद आधिकारिक घोषणा करना चाहते थे.

हालांकि, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रहे थे, उन्होंने पिछले दो दिनों से प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय पर धावा बोलने के बाद कर्फ्यू की घोषणा की थी. बता दें कि राष्ट्रपति गोटाबाया के इस्तीफे का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर भीड़ उमड़ पड़ी.

शनिवार को संसद की बैठक होगी. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा एक नया प्रधान मंत्री नियुक्त करने की संभावना है, जिसे तब संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना होगा.


यह भी पढ़ें- बेतुका मजाक, 15 मिनट की शोहरत, नुसरत मिर्जा ने हामिद अंसारी की ‘बेदाग’ छवि को खराब किया


share & View comments