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Sunday, 10 November, 2024
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श्रीलंकाई स्पीकर से मिले भारतीय उच्चायुक्त, लोकतंत्र कायम रखने में संसद की भूमिका को सराहा

उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका में जारी आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले महिंदा यापा अभयवर्धने के साथ एक बैठक की है.

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नई दिल्ली: श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने शनिवार को वहां की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने से मुलाकात की. यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब कुछ दिन बाद ही 20 जुलाई को इस द्वीप राष्ट्र में एक नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है.

गोटाबाया राजपक्षे, जो एक दिन पहले देश छोड़कर मालदीव भाग गए के गुरुवार को इस्तीफा देने के बाद शनिवार को श्रीलंकाई संसद की बैठक बुलाई गई, जिसमें नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत की जानी है. गोटाबाया इस समय सिंगापुर में है, हालांकि वहां उन्हें शरण नहीं दी गई है.

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में जानकारी दी, ‘उच्चायुक्त ने आज (शनिवार) सुबह माननीय अध्यक्ष से मुलाकात की. उन्होंने इस बेहद नाजुक मौके पर लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को बनाए रखने में संसद की भूमिका की सराहना की. साथ ही उन्हें इस बात से अवगत कराया कि भारत लोकतंत्र बहाली, स्थिरता और आर्थिक सुधार के श्रीलंका के प्रयासों का समर्थन करता रहेगा.’

स्पीकर अभयवर्धने के साथ अपनी बैठक के दौरान उच्चायुक्त ने वहां जारी सामाजिक-आर्थिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंकाई संसद की तरफ से निभाई जा रही भूमिका की सराहना की.

उच्चायोग ने कहा, ‘उन्होंने (बागले) खासकर इस नाजुक मौके पर लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे की रक्षा में संसद की भूमिका की सराहना की.’

भारत ने शुक्रवार को 55 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका के किसानों के लिए 44,000 मीट्रिक टन यूरिया की डिलीवरी पूरी की है. इस लाइन ऑफ क्रेडिट पर दोनों देशों के बीच 10 जून को हस्ताक्षर किए गए थे.

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया के भागने के बाद श्रीलंका में राजपक्षे और राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में फिर तेजी आने के बीच द्वीप राष्ट्र के प्रमुख पड़ोसी भारत ने वहां जारी राजनीतिक संकट के ‘जल्द समाधान’ पर जोर दिया है.

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन रीजन—SAGAR) के तहत दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ‘शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करना’ भारत की प्राथमिकता है.


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इस साल जनवरी से अब तक भारत सरकार ने श्रीलंका को लगभग 3.8 बिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की है, जिसमें एशियन क्लीयरिंग यूनियन (एसीयू) तंत्र के तहत भारतीय रिजर्व बैंक को श्रीलंका की देनदारियों का पुनर्भुगतान आगे बढ़ाना और मुद्रा की अदला-बदली शामिल है.

इसमें भारत से ईंधन, भोजन, दवाओं, उर्वरकों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात के वित्तपोषण के लिए 1.5 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता भी शामिल है.

20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का होगा चुनाव

शुक्रवार देर शाम स्पीकर अभयवर्धने ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि श्रीलंका में नए राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा.

संसदीय महासचिव ने शनिवार को सदन को सूचित किया कि श्रीलंका में राष्ट्रपति का कार्यालय खाली हो गया है और इस पद के लिए नामांकन 19 जुलाई तक उन्हें सौंप मिल जाने चाहिए.

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया. विक्रमसिंघे को बुधवार को ही कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया गया था जब स्पीकर ने कहा था कि राजपक्षे ने उन्हें उस पद पर नियुक्त किया है. इस घोषणा के साथ ही आंदोलन और तेज हो गया था, क्योंकि प्रदर्शनकारी उन्हें भी इस पद पर नहीं देखना चाहते हैं.

इस बीच, कई उम्मीदवारों ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में अपनी रुचि दिखाई है. इस चुनाव में उतरने के इच्छुक कुछ प्रमुख नामों में विक्रमसिंघे के अलावा पूर्व सेना प्रमुख सरथ फोंसेका, जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के अनुरा कुमारा दिसानायके और श्रीलंकाई संसद में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा आदि शामिल हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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