scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमविदेशशहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए PM चुने गए, देश के 23वें प्रधानमंत्री बने

शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए PM चुने गए, देश के 23वें प्रधानमंत्री बने

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, पीटीआई नेता इमरान खान जो कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए हैं.

Text Size:

इस्लामाबाद (पाकिस्तान): पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) शहबाज शरीफ, संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार देश के 23वें प्रधानमंत्री बन गए है, आज रात 8:30 बजे तक शपथ लेंगे. इमरान खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद उन्हें देश का नया पीएम चुना गया है.

वहीं इस दौरान पाकिस्तान तरहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विधायक देश के नेशनल असेंबली सत्र से नये पीएम के  चुनाव के बाद बाहर चले गए.

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, पीटीआई नेता इमरान खान जो कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए हैं, इसको लेकर नेशनल असेंबली में 12 घंटे से ज्यादा बहस हुई. 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है. शहबाज शरीफ एक उद्योगपति परिवार में लाहौर में 1950 में पैदा हुए, उनके छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जो तीन बार प्रधानमंत्री रहे. शहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं.

एक प्रशासक के रूप में ख्याति प्राप्त करने के बाद, शहबाज शरीफ ने अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए दावा पेश किया था. लेकिन बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पीपीपी के अंतिम घंटे में पीएम वोट से दूर रहने के फैसले ने पीटीआई के इमरान खान के प्रधानमंत्री होने के आरामदायक चुनाव का मार्ग प्रशस्त किया. शहबाज शरीफ तब नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के रूप में रहे.

गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी, लाहौर से स्नातक, शहबाज शरीफ शुरू में अपने परिवार के स्टील व्यवसाय में शामिल हुए, जबकि 1985 में लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी बने.

1980 के दशक में जिया-उल-हक की तानाशाही के तहत शरीफ परिवार की राजनीतिक किस्मत में काफी वृद्धि हुई, बड़े भाई नवाज शरीफ को 1983 में पंजाब प्रांतीय मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री के रूप में शामिल किया गया.

शहबाज शरीफ ने 1988 में पंजाब प्रांतीय विधानसभा में प्रवेश किया, जबकि वे 1990 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे. 1993 में, वह फिर से एक प्रांतीय विधानसभा सीट के लिए खड़े हुए और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बने.

वह 1997 के चुनावों के बाद पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनका कार्यकाल 1999 के परवेज मुशर्रफ के सैन्य तख्तापलट से कम हो गया था, जिसके बाद वे लगभग एक दशक लंबे राजनीतिक निर्वासन से लौटकर 2008 में फिर से पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने.


यह भी पढ़ें: शहबाज का PM बनना तय, इमरान खान ने इस्तीफे के बाद कहा- ‘चोरों’ के साथ नहीं बैठूंगा


 

share & View comments