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Thursday, 21 November, 2024
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सऊदी के एनर्जी मिनिस्टर बोले- ऊर्जा सेक्टर में भारत के साथ हमारी कई योजनाएं, जल्दी आएंगी सामने

प्रिंस अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने सऊदी अरब के ऊर्जा क्षेत्र में योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही.

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रियाद (सऊदी अरब) : सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने सोमवार को कहा कि करीबी सहयोगी भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में हमारी कई योजनाएं हैं और यह जल्द ही सामने आएंगी.

राजधानी रियाद में शुरू हुए सऊदी मीडिया फोरम के दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मंत्री ने यह बयान दिया, जिसमें मीडिया उद्योग में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए अरब और विदेशी देशों के 1,500 से अधिक मीडिया पेशेवर और उद्योग के नेता शामिल हो रहे हैं.

प्रिंस अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने सऊदी अरब के ऊर्जा क्षेत्र में योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में कई योजनाएं हैं और हम इसे बहुत जल्दी देखेंगे.’

प्रिंस सलमान का यह बयान भारत की यात्रा और शीर्ष भारतीय अधिकारियों से मुलाकात के 4 महीने बाद आया है, क्योंकि किंगडम दूसरी सबसे बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्था के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को मजबूत कर रहा है.

ऊर्जा मंत्री, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में एक दिन के लिए नई दिल्ली का दौरा किया था, ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह, बिजली मंत्री राज कुमार सिंह और कई भारतीय व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत की थी.

ऐसी बातें चल रही हैं कि भारत में गुजरात तट जल्द ही गहरे समुद्र के केबलों के साथ मध्य पूर्व से जुड़ सकता है, जिससे सऊदी अरब और भारत के ऊर्जा संबंधों का विस्तार होने के साथ एक नवीकरणीय ऊर्जा ग्रिड का निर्माण होगा.

इससे पहले सितंबर में, भारत में सऊदी अरब के राजदूत सालेह बिन ईद अल-हुसैनी ने अपने कार्यकाल के दौरान रियाद और नई दिल्ली के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और मजबूत करने की संकल्प दिखाया था.

अल-हुसैनी ने कहा था कि इस कदम से भारत और सऊदी अरब के बीच आपसी और लाभकारी साझेदारी के विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी और हमारे देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत होगा.

सऊदी अरब और भारत के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों पर तब पहुंची है जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फरवरी 2019 में नई दिल्ली का दौरा किया. अक्टूबर 2019 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किंगडम का दौरा किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी परिषद की बनाई.

सितंबर में, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि उभरती बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत और सऊदी अरब महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं, और ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और सऊदी अरब बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

मंत्री ने कहा था कि वित्त वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) के दौरान लगभग 42.86 बिलियन डॉलर के व्यापार के साथ भारत और सऊदी अरब महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार हैं.

भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापार संबंधों में ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि नई दिल्ली अपने कच्चे तेल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस की मांग का क्रमशः 18 और 22 प्रतिशत किंगडम से आयात करती है.

सऊदी अरब और भारत के बीच संबंध कई दशकों से ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं. किंगडम में भारतीय विदेशी कामगारों का सबसे बड़ा समुदाय हैं और अपने गृह देश देश के भीतर धन लाने के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं.

भारत के साथ सऊदी अरब के व्यापारिक संबंध प्रारंभिक वर्षों में मुख्य रूप से ऊर्जा तक ही सीमित थे, लेकिन अब, दोनों देशों ने सुरक्षा, निवेश, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और संस्कृति सहित अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों का विस्तार किया है.


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