नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के साथ द्विपक्षीय बैठक संभव है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर यह मुलाकात हो सकती है.
राजनयिक सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि हालांकि, दोनों पक्षों की तरफ से बैठक की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन इस साल जून में जब से भारत ने काबुल में अपना दूतावास फिर खोलने का फैसला किया है, तभी अफगानिस्तान के तालिबानी शासन की तरफ से जयशंकर के साथ बैठक का अनुरोध किया जा रहा है.
अगर यह द्विपक्षीय बैठक होती है, तो यह जयशंकर और मुत्ताकी के बीच पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी.
शीर्ष स्तर के सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित बैठक पूरी तरह से मानवीय सहायता और अफगान लोगों की मदद से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित होगी.
जयशंकर गुरुवार को एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए उज्बेकिस्तान के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए, जहां उनके मुख्य कार्यक्रम से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है, जिसमें चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक भी शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर और मुत्ताकी अपनी इस प्रस्तावित बैठक में भारत की ओर से अफगानिस्तान को दी जाने वाली मानवीय सहायता की समीक्षा कर सकते हैं, वहीं अफगान पक्ष नई दिल्ली को कुछ बड़ी भारतीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दे सकता है, जो काबुल में पूर्व अशरफ गनी सरकार को तालिबान द्वारा उखाड़ फेंके जाने के कारण रुक गई हैं.
दूसरी ओर, जयशंकर के इस पर ‘दृढ़ता से जोर देने’ के आसार हैं कि अफगानिस्तान की धरती पर आतंकवाद बढ़ना नई दिल्ली को कतई बर्दाश्त नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक भारत पिछले साल अगस्त में अपनी अध्यक्षता में यूएनएससी में पारित प्रस्ताव 2593 के अनुरूप अपने रुख पर अडिग है.
भारत ने पिछले साल अगस्त में तालिबान के काबुल में सत्ता संभालने के बाद से ही उसके साथ दूरी बना रखी थी. लेकिन इस साल जून में नई दिल्ली ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास फिर खोलने का फैसला किया और वहां एक ‘तकनीकी टीम’ भेज दी.
उसी माह के शुरू में भारत ने विदेश मंत्रालय (एमईए) में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान डिवीजन) जेपी सिंह के नेतृत्व में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल काबुल भेजा था, जिसने मुत्ताकी के साथ एक बैठक भी की. जेपी सिंह एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए ताशकंद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा हैं.
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अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
वहीं, मुत्ताकी इस सप्ताह के शुरू से ही ताशकंद में हैं क्योंकि उन्हें उज़्बेक सरकार की तरफ से अफगानिस्तान पर आयोजित एक विशेष बैठक में भी हिस्सा लेना था. बैठक में भारत सहित 30 से अधिक देश शामिल हुए.
उज्बेक विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य बहुराष्ट्रीय अफगान लोगों और पूरी दुनिया के हित में अफगानिस्तान में स्थिरता, सुरक्षा, संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण और क्षेत्रीय सहयोग में इसकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विश्व समुदाय की तरफ से अपनाए जाने वाले उपायों और प्रस्तावों की रूपरेखा तैयार करना है.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत ने ‘उस कार्यक्रम में (आधिकारिक स्तर पर) हिस्सा लिया.’
बागची ने कहा, ‘यह अफगानिस्तान संबंधित मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ने के हमारे प्रयासों का हिस्सा था. सम्मेलन के दौरान, भारत ने इस चुनौतीपूर्ण समय में अफगानों की मदद करने और मानवीय सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. हमने यूएनएससी 2593 (बैठक में) के अपने रुख को भी दोहराया.’
उज्बेक विदेश मंत्री व्लादिमीर नोरोव की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में तालिबान के विदेश मंत्री ने सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि काबुल में सरकार देश के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अफगानिस्तान को सुरक्षित बनाने की दिशा में हर दिन काम कर रही है. इसलिए अफगानिस्तान व्यापार के लिए खुला है.
मुत्ताकी ने कहा, ‘हमारे सत्ता में आने से पहले हर कोई अफगानिस्तान में हिंसा खत्म करने का आह्वान करता था. अब देखिए, हम अपने देश के पुनर्निर्माण और इसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर चर्चा कर रहे हैं…हम निवेश चाहते हैं.’
मुत्ताकी ने गुरुवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ भी एक बैठक की, जिसमें दोनों ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ‘राजनीतिक, आर्थिक और मानवीय सहयोग’ पर चर्चा की.
نن د افغانستان او پاکستان د بهرنیو چارو وزیرانو تاشکند کي سره وکتل. دواړو لوریو د افغانستان او پاکستان ترمنځ پر سیاسي، اقتصادي او بشري همکاریو هراړخیزې خبرې وکړې.
په سر کې د بهرنیو چارو وزیر مولوي امیرخان متقي د افغانستان له وروستیو زلزلهځپلو سره د پاکستان د بشري مرستو له امله pic.twitter.com/CkwQNKUdIx— Hafiz Zia Ahmad (@HafizZiaAhmad1) July 28, 2022
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