दोहा (कतर): विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उत्तरी चीन में निमोनिया के प्रकोप के बारे में बीजिंग से अधिक जानकारी मांगी है, जो ज्यादातर बच्चों को प्रभावित कर रहा है, अल जज़ीरा की खबर में ये जानकारी सामने आई है.
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में कहा, “डब्ल्यूएचओ ने सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि और बच्चों में निमोनिया के क्लस्टर्स की खबरों पर विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक अनुरोध किया है.”
पिछले 3 वर्षों की इसी अवधि की तुलना में चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई है जब जीरो-कोविड रणनीति के तौर पर सख्त उपाय लागू थे, जो दिसंबर 2022 में समाप्त हुआ था.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सांस संबंधी बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसका कारण कोविड-19 उपायों को हटाना और न केवल कोविड-19 का के प्रसार के कारण, बल्कि इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया (एक सामान्य जीवाणु संक्रमण जो आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है), और सांस सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण, अल जज़ीरा ने यह खबर दी है.
प्रोमेड, एक ऑनलाइन मेडिकल कम्युनिटी, जिसने 2019 में वुहान में फैल रही एक बीमारी की पहचान की थी, जिसे बाद में कोविड-19 के रूप में जाना गया, उसने उत्तरी चीन से आने वाली अज्ञात निमोनिया की मीडिया रिपोर्टों की बढ़ती संख्या पर गौर किया.
अल जज़ीरा ने बताया, एक ताइवानी मीडिया आउटलेट एफटीवी न्यूज ने बताया कि बीजिंग, लियाओनिंग और उत्तर के अन्य स्थानों पर चाइल्ड हॉस्पिटल्स “बीमार बच्चों से भरे पड़े थे”, जबकि कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि इन बच्चों के माता-पिता ने अधिकारियों पर “महामारी को छुपाने” को लेकर सवाल उठाया है.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोमेड ने कहा है कि “संबंधित बीमारी” पर निश्चित जानकारी जरूरी थी, डब्ल्यूएचओ ने स्थिति का अधिक ब्यौरा मांगा है.
डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया है, “डब्ल्यूएचओ ने अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम तंत्र के जरिए बच्चों में इन रिपोर्ट किए गए क्लर्टर्स की अतिरिक्त महामारी विज्ञान और क्लीनिकल जानकारी के साथ प्रयोगशाला नतीजों के जानकारी मांगी है.”
2019 के अंत में कोविड-19 महामारी को, बीमारी के आनुवंशिक कोड के साथ एक लापता निमोनिया के रूप में पहचाना गया था, जिसे केवल पहली मौत के बाद जनवरी 2020 में सार्वजनिक रूप से साझा किया गया था. इसके बाद डब्ल्यूएचओ बीजिंग में कोविड वायरस के तेजी से प्रसार पर और इसकी गंभीरता पर “निष्क्रियता के खतरनाक स्तर” के देखते हुए “काफी चिंतित” हो गया, परिणामस्वरूप मार्च 2020 में एक महामारी की घोषणा की गई.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की एक टीम ने आखिर में 2021 की शुरुआत में प्रकोप की जांच के लिए वुहान का दौरा किया, लेकिन वायरस के पैदा होने को लेकर जानकारी अभी भी अस्पष्ट है.
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