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Monday, 24 June, 2024
होमविदेशभारी बारिश और तूफान ने नेपाल में मचाही तबाही, 27 की मौत 400 से अधिक घायल

भारी बारिश और तूफान ने नेपाल में मचाही तबाही, 27 की मौत 400 से अधिक घायल

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने ट्वीट कर बताया कि अभी तक इस बारिश और तूफान में 27 लोगों की जाने गईं हैं और 400 लोग घायल हुए हैं.

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नई दिल्ली: बारिश और तेज गति से आये तूफान की चपेट में आने ने दक्षिणी नेपाल का गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है. रविवार को आए इस तूफान और बारिश में अभी तक 27 लोगों के मारे जाने और 400 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. नेपाल के हिमालयन टाइम्स के मुताबिक यह तूफान दक्षिणी जिले के बारा और पसरा में देश शाम आया और दोनों गांव को पूरी तरह से तबाह कर गया है. हताहतों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए ट्वीट किया है कि उन्हें बताया गया है कि अभी तक इस बारिश और तूफान में 27 लोगों की जाने गईं हैं और 400 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा है कि सुरक्षा बल को तैनात कर दिया गया है. घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाई जा रही है.

नेपाल आर्मी के प्रवक्ता यम प्रसाद धमाल ने बताया कि नेपाल में हो रही भारी बारिश में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि हमने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 2 MI 17 हेलीकॉप्टर को तैनात किए हैं, इसके अलावा एक स्कायट्रक को भी तैयार किया गया है. प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य से निपटने के लिए 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

वहीं नेपाल प्रशासन के अधिकारी राजेश पौडेल ने कहा कि इस तूफान की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि राजधानी काठमांडू से 120 किलोमीटर दूर बारा जिले के कई गांव को इस तूफान ने पूरी तरह से तबाह कर दिया है.

उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस प्रभावित इलाकों में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे लेकिन रात में वहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल था.

घायलों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के लिए कार और एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है लेकिन पेड़ और बिजली के खंभे गिरने की वजह से जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं.

पौदेल ने कहा कि मरने वालों में अधिकतर संख्यां किसानों की है और उनके इतनी बड़ी संख्या में मौत की वजह झोपड़ियों और पेड़ का गिरना है.

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