नई दिल्ली: छह दलों के गठबंधन ने अगली सरकार बनाने और देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए नेपाल के पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ का समर्थन करने का फैसला किया है. एक बैठक में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी सीपीएन-यूएमएल-माओवादी सेंटर राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) समेत 6 दलों का सर्मथन मिला है.
‘6 दलों के गठबंधन ने पुष्प कमल दहल को अगली सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करने का फैसला किया है. एक समझौते पर मुहर लगा दी गई है. दहल ढाई साल तक सरकार का नेतृत्व करेंगे और ढाई साल सीपीएन यूएमल नेतृत्व करेंगा. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के नेता बर्शमन पुन ने ये बात कही.
पुष्प कमल दहल ने नेपाल के अगले पीएम के तौर अपनी उम्मीदवारी पेश की है.
Pushpa Kamal Dahal submits an application regarding his candidature as the next PM of Nepal
(Pics source: President's Office, Nepal) pic.twitter.com/EKwZZFaj7O
— ANI (@ANI) December 25, 2022
नए गठबंधन में सीपीएन-यूएमएल के 78, माओवादी केंद्र के 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के 6 और प्रचंड के समर्थन में नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के पास 4 सांसद हैं. कुल 166 होते है.
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल के अनुसार, नेपाल के माओवादी केंद्र ने सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने का फैसला करने के कुछ ही समय बाद यह कदम उठाया है. उन्होंने माओवादी केंद्र के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल का हवाला दिया जिन्होंने कहा है कि ‘गठबंधन ने अपनी प्रासंगिकता खो दी है.’
माओवादी केंद्र के फैसले की पुष्टि करते हुए, पौडेल ने कहा कि पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड रविवार को गठबंधन की बैठक से यह कहकर बाहर चले गए कि ‘गठबंधन अपनी प्रासंगिकता खो चुका है.’
सरकार गठन पर एक समझौते पर पहुंचने के उद्देश्य से शुरू की गई सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक से बाहर निकलने के बाद, प्रचंड ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात करर एक बैठक की.
माओवादी केंद्र के प्रेस सचिव ने दहल के बहिर्गमन की खबर की पुष्टि करते हुए कहा, ‘समझौता नहीं हो पाया है.’
दहल के बहिर्गमन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई थी. पहले बैठक में मौजूद रहे नेताओं ने कहा था, ‘सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक समाप्त हो गई है. कोई फैसला नहीं किया गया है.’
इस बीच, माओवादी केंद्र के महासचिव देव गुरुंग ने नेपाली कांग्रेस को धमकी दी कि यदि गठबंधन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों पदों पर बने रहने की अपनी मांग पर अड़ा रहा तो वे गठबंधन से ‘बाहर निकल जाएंगे.’
गुरुंग ने रविवार को बताया, ‘अगर कांग्रेस राष्ट्रपति और पीएम के पद पर बने रहने की अपनी मांग पर अड़ी रही तो गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है. हम बस इससे बाहर निकल जाएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘यही बयान शनिवार की बैठक में दिया गया था और आज भी बताया गया है. हम बैठक में इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यदि एक ही उदाहरण दोहराया जाता है तो हम गठबंधन से बाहर निकलेंगे. फिर भी, अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा.’
माओवादी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल पर जोर दिया रहा है कि वह सरकार का नेतृत्व करें, जबकि नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार का नेतृत्व करने की अपनी स्थिति के बारे में अड़ी रही है.
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