इस्लामाबाद (पाकिस्तान): पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान अपने खिलाफ दायर मामलों में गिरफ्तारी से पूर्व अग्रिम जमानत के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंचे हैं. जियो न्यूज ने यह रिपोर्ट दी है.
इमरान खान, जिनके खिलाफ कई सारे मामले दर्ज किए गए हैं लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे हैं. खान के वकील ने राजधानी में उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मामलों में अग्रिम जमानत के लिए आईएचसी में याचिका फाइल की है.
याचिका में इन मामलों में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी पर कोर्ट से रोक लगाने की मांग की गई है, यह दावा करते हुए कि ये मामले उनके खिलाफ राजनीतिक दुश्मनी की वजह से दायर किए गए हैं, जियो न्यूज ने यह रिपोर्ट की है.
इस बीच, पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने सोमवार को टेलीविजन चैनलों को किसी भी पार्टी, संगठन और निजी शख्स द्वारा राजधानी में आयोजित किए जाने वाली रैलियों व पब्लिक सभाओं की लाइव व रिकॉर्डेड कवरेज पर रोक लगा दी है. जियो न्यूज ने यह जानकारी दी है.
रेग्युलेटरी संस्था के मुताबिक, पीईएमआरए ऑर्डिनेंस 2002 की धारा 27(ए) के तहत निषेधाज्ञा में संघीय राजधानी में आज होने वाले किसी भी जुलूस या रैली पर प्रतिबंध शामिल है.
पीईएमआरए ने लाइव कवरेज, रैली पर बैन का आदेश इमरान खान के लाहौर से इस्लामाबाद कोर्ट में पेश होने के ठीक पहले दिया है.
सोमवार को जारी एक दिशा-निर्देश ‘पेमरा अध्यादेश 2002 की धारा 27 के तहत लाइव कवरेज पर निषेधज्ञा आदेश’ शीर्षक से सामने आया है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटर ने कहा है कि यह देखा गया है कि सेटेलाइट टीवी चैनल्स पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों पर हिंसात्मक भीड़ और उसके हमले की फुटेज व तस्वीरें दिखा रहे हैं, जियो न्यूज यह रिपोर्ट की है.
इसमें कहा गया है कि, ‘लाहौर में राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के बीच हालिया गतिरोध को बिना किसी संपादकीय निगरानी के टीवी स्क्रीन पर इस तरह की फुटेज/तस्वीरें देखी गईं, जिसमें हिंसात्मक भीड़ पेट्रोल बमों का इस्तेमाल करते, हथियार रहित पुलिसकर्मियों को घायल करते हुए और पुलिस की गाड़ियों को आग लगाते देखी गई. विभिन्न सेटेलाइट चैनलों पर इस तरह के फुटेज के लाइव प्रसारण ने दर्शकों और पुलिस के बीच अव्यवस्था और घबराहट की स्थिति पैदा कर दी.’
पेमरा ने यह भी कहा है कि भीड़ द्वारा इस तरह की सक्रियता कानून-व्यवस्था को खतरे में डालता है और सार्वजनिक संपत्ति व जीवन को असुरक्षित बनाता है.
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