कुआलालंपुर: मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सभी को चौंकाते हुए सोमवार को इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्हें मनाने का दौर चल रहा है. महातिर के इस्तीफे के बाद से ही मलेशिया में राजनीतिक संकट जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. विश्व के सबसे उम्रदराज, 94 वर्ष के महातिर से पद पर बने रहने की अपील की जा रही थी जिनका कहना है कि उन्होंने नयी सरकार के गठन का समर्थन नहीं किया है और इस साजिश से तंग आकर इस्तीफा दिया.
बता दें कि मंगलवार सुबह महातिर ऑफिस पहुंचे और अपने काम को निपटाते हुए फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की.
Just another day in the office. pic.twitter.com/fU14woEsA0
— Dr Mahathir Mohamad (@chedetofficial) February 25, 2020
प्रधानमंत्री बनने जा रहे अनवर इब्राहिम को पद भार संभालने से रोकने की कोशिशों के तहत उनके राजनीतिक सहयोगियों के नया गठबंधन बनाने के प्रयास के बाद महातिर ने यह फैसला किया. इस चौंकाने वाले कदम से पहले ‘पैक्ट ऑफ होप’ गठबंधन में कई माह से तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा था. इस गठबंधन को छह दशकों तक मलेशिया पर शासन करने वाली भ्रष्टाचार से ग्रस्त सरकार के खिलाफ 2018 में चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिली थी.
यह राजनीतिक ड्रामा रविवार को शुरू हुआ था जब सत्तारूढ़ गठबंधन से अनवर के प्रतिद्वंद्वियों ने कुआलालंपुर में कई बैठकें की जिससे अटकलों को बल मिला की एक नया गठबंधन बनने जा रहा है.
खबर थी कि गठबंधन महातिर के संभावित उत्तराधिकारी अनवर को बाहर करने की योजना बना रहा था और उनकी पार्टी के ज्यादातर सांसद किसी भी वक्त उनके प्रधानमंत्री बनने की राह में रोड़े अटकाते.
सोमवार सुबह तक सत्तारूढ़ गठबंधन की किस्मत को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच महातिर के कार्यालय ने चौंकाने वाली घोषणा की कि उन्होंने ‘मलेशिया के प्रधानमंत्री के तौर पर दोपहर एक बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह पांच बजे) इस्तीफा सौंप दिया.’ इसका कोई कारण नहीं बताया गया.
महातिर के साथ पूर्व में अनवर के संबंध अच्छे नहीं थे लेकिन उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नयी सरकार के गठन के प्रयासों में उनकी ‘कोई भूमिका नहीं है’ और ‘बहुत स्पष्ट हैं कि किसी भी तरीके से वह पूर्व के शासन से जुड़े लोगों के साथ कभी काम नहीं करेंगे.’
खबरों की मानें तो प्रस्तावित नये गठबंधन में यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) – भ्रष्ट पूर्व नेता नजीब रजाक की पार्टी भी शामिल होगी.
अनवर और महातिर ने अपने मतभेदों को नजरअंदाज कर 2018 के चुनावों से पहले मित्रता की और भ्रष्टाचार से ग्रस्त सरकार का सामना करने की ठानी.
महातिर पूर्व में 1981 से 2003 तक प्रधानमंत्री रहें हैं और उन्होंने चुनाव पूर्व अनवर को सत्ता सौंपने की प्रतिज्ञा ली थी लेकिन उन्होंने तारीख तय करने से बार-बार इनकार किया है.
महातिर के इस्तीफे से कुछ देर पहले महातिर की पार्टी बरसातू ने भी घोषणा की कि वे “पैक्ट ऑफ होप” गठबंधन से अलग हो रही है और 11 सांसदों ने अनवर की पार्टी से इस्तीफा दे दिया जिससे उन प्रयासों को बल मिल रहा है कि नये गठबंधन के प्रयास जारी हैं.
महातिर ने बरसातू के अध्यक्ष के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया.
शुरुआत में ऐसी अटकलें थी कि नयी सरकार बनाने के प्रयास के पीछे महातिर थे लेकिन अनवर एवं अन्य सहयोगियों ने तुरंत इससे इनकार कर दिया.
वित्त मंत्री लिम गुआन एंग ने कहा कि महातिर ने सरकार गिराने के ‘‘कुटिल प्रयास” के विरोध में इस्तीफा दिया.
उन्होंने कहा, ‘महातिर ने साफ कहा है कि वह यूएमएनओ के साथ काम नहीं करेंगे क्योंकि 2018 में यूएमएनओ को हराने के लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत की थी. ’ साथ ही कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री के लिए महातिर का ही नाम देगी.
स्वतंत्र चुनाव संस्था मर्डेका सेंटर के प्रमुख इब्राहिम सूफियान ने कहा कि महातिर प्रधानमंत्री के तौर पर वापस आ सकते हैं और यह संकट उनके पक्ष में जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘यह उन्हें सत्तारूढ़ गठबंधन को नया आकार देने का अवसर देगा.’
आगे क्या होगा इस बारे में फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है हालांकि विश्लेषकों ने समय पूर्व चुनाव कराए जाने की संभावना जताई है.
पैक्ट ऑफ होप हमेशा से असहज गठबंधन रहा है और उसकी लोकप्रियता लगातार घट रही थी क्योंकि आलोचकों ने उन पर देश के मलय मुस्लिमों को नजरअंदाज करने और सुधारों पर ध्यान नहीं देने के आरोप लगाए हैं.
मलेशिया में मलय अधिकारों के संरक्षण का मुद्दा हमेशा से बहुत संवेदनशील रहा है जिनकी आबादी 60 प्रतिशत है लेकिन यहां कुछ चीनी एवं भारतीय अल्पसंख्यक भी रहते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)