scorecardresearch
Sunday, 12 May, 2024
होमविदेशग्लोबल गोलकीपर सम्मान से पीएम मोदी सम्मानित, किया महात्मा गांधी के सात वचनों को याद

ग्लोबल गोलकीपर सम्मान से पीएम मोदी सम्मानित, किया महात्मा गांधी के सात वचनों को याद

ग्लोबल गोलकीपर सम्मान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला भी है.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में ‘ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड’ से नवाजा गया. हर साल 17 तय लक्ष्यों में से किसी भी एक पर अच्छा काम करने वाले शख्स को दिया जाने वाला यह सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिल गेट्स ने दिया. मोदी को यह सम्मान स्वच्छता की दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से दिया गया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ मिलकर महात्मा गांधी पर संयुक्त राष्ट्र डाक टिकट जारी किया. यह डाक टिकट ‘समकालीन विश्व में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता’ थीम के साथ जारी किया गया. प्रधानमंत्री मोदी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाई इन समेत अन्य विश्व नेताओं की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी सोलर पार्क का भी उद्घाटन किया.

ग्लोबल गोलकीपर सम्मान के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला भी है. महात्मा गांधी की 150 जन्म जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है.
पीएम ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है. जब एक लक्ष्य को लेकर, एक मकसद को लेकर काम किया जाता है, अपने काम के लिए प्रतिबद्धता होती है, तो सफलता-असफलता मायने नहीं रखतीं. मेरे लिए मायने रखता है 130 करोड़ भारतीयों का अपने देश को स्वच्छ बनाने के लिए एकजुट हो जाना.

पीएम ने अपना गोलकीपर सम्मान देशवासियों को समर्पित करते हुए कहा, मैं ये सम्मान उन भारतीयों को समर्पित करता हूं जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला, जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की. बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया गया है. इसी का नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40% से भी कम था आज वो बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है. स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, किसी भी आंकड़े से ऊपर है. इस मिशन ने अगर सबसे ज्यादा लाभ किसी को पहुंचाया तो वो देश के गरीब को, देश की महिलाओं को.

पीएम ने आगे कहा कि आज मेरे लिए ये बहुत संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत मिशन, लाखों जिंदगियों के बचने का माध्यम बना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ही रिपोर्ट है कि स्वच्छ भारत की वजह से 3 लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है. आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है. गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो. आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं.

स्वच्छ भारत मिशन ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया गया है, उनकी गरिमा की रक्षा की है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है. यूनीसेफ की एक और स्टडी में आया है कि बीते पांच वर्षों में भूजल की क्वालिटी बहुत सुधरी है और मैं मानता हूं कि इसमें भी बहुत बड़ा योगदान स्वच्छ भारत अभियान का है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

स्वच्छ भारत मिशन का एक और प्रभाव है जिसकी चर्चा बहुत कम हुई है. इस अभियान के दौरान बनाए गए 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों ने ग्रामीण स्तर पर आर्थिक सुधार का नया द्वार भी खोल दिया. एक सशक्त लोकतंत्र वही होता है जो जनता की जरूरत को केंद्र में रखकर नीतियों का निर्माण करता है. और जहां जनता जनार्दन की अपेक्षा और आवश्यकता, सरकार की नीतियां और निर्णय एक प्लेटफार्म पर होते हैं तो जनता खुद योजनाओं को सफल बना देती है.

दुनिया के लिए भारत के इस योगदान से मुझे इसलिए भी खुशी होती है क्योंकि हमने विश्व को अपना परिवार माना है.
हज़ारों वर्षों से हमें ये सिखाया गया है कि उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्. यानी बड़ी सोच वालों के लिए, बड़े दिल वालों के लिए पूरी धरती ही एक परिवार है.

2025 तक हमने भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्या को राष्ट्रीय पोषण अभियान से एनीमिया जैसी समस्या पर भी भारत बहुत तेजी से काबू पाने वाला है. जल जीवन मिशन के तहत हमारा फोकस वाटर कंजर्वेशन और रिसाइकलिंग पर है, ताकि हर भारतीय को पर्याप्त और साफ पानी मिलता रहे.

भारत ने साल 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान भी चलाया है. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब भी भारत के अनेक हिस्सों में प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करने का काम चल रहा है. पीएम मोदी ने कहा, मुझे 1.3 बिलियन भारतीयों के सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है. मुझे विश्वास है कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह बाकी मिशन भी सफल होंगे.

महात्मा गांधी ने सिखाया कैसे प्रभावशाली बनें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती पर, आज के युग में उनकी प्रासंगिकता पर बात करने के लिए एकजुट हुए हैं. महात्मा जी की डेढ़ सौ वीं जन्म-जयंती पर एक कोमोरेटिव स्टैंप जारी करने के लिए मैं
यूएन का विशेष आभार व्यक्त करता हूं. गांधी जी भारतीय थे, लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे. आज ये मंच इसका जीवंत उदाहरण है. जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वो भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे. मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी का विजन था. आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे.

लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया. उन्होंने वो दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें महात्मा गांधी ने एक ऐसी समाज व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो.

पीएम ने कहा महात्मा गांधी परिवर्तन लाए, ये सर्वविदित है, लेकिन ये कहना भी उचित होगा कि उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को जगा कर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया. अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी गांधी जी पर न होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर आगे बढ़ते. गांधी जी का ये विजन आज भारत के सामने बड़ी चुनौतियों के समाधान का बड़ा माध्यम बन रहा है. बीते 5 वर्षों में हमने जनभागीदारी को प्राथमिकता दी है. चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया हो, जनता अब इन अभियानों का नेतृत्व खुद कर रही है: गांधी जी ने कभी अपने जीवन से प्रभाव पैदा करने का प्रयास नहीं किया लेकिन उनका जीवन ही प्रेरणा का कारण बन गया.

आज हम ‘How to Impress'(कैसे प्रभावित करें) के दौर में जी रहे हैं लेकिन गांधी जी का विजन था- ‘How to Inspire (कैसे प्रभाव डालें). पीएम ने यह भी कहा सिद्धांतों के लिए इसी प्रतिबद्धता ने गांधी जी का ध्यान ऐसी सात विकृतियों की तरफ़ खींचा जिनके प्रति सभी को जागरूक रहना चाहिए और उनकी ये सातों बातें आज भी रेलेवेंट है और आने वाले कल भी रेलेवेंट रहने वाली है.

बिना काम किए धन कमाना

जागरुकता के बिना आनंद

बिना चरित्र के ज्ञान
बिना आचार विचार के व्यापार
मानवता के बिना विज्ञान
त्याग के बिना धर्म
सिद्धांत के बिना राजनीति

 

चाहे क्लाइमेट चेंज हो या फिर आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या फिर स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधी जी के ये सिद्धांत, हमें मानवता की रक्षा करने के लिए मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं. मुझे विश्वास है कि गांधी जी का दिखाया ये रास्ता बेहतर विश्व के निर्माण में प्रेरक सिद्ध होगा. मैं समझता हूं कि जब तक मानवता के साथ गांधी जी के विचारों का ये प्रवाह बना रहेगा, तब तक गांधी जी की प्रेरणा और प्रासंगिकता भी हमारे बीच बनी रहेगी.

share & View comments