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Monday, 23 December, 2024
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नेपाल में 4 भारतीयों समेत 22 लोगों को ले जा रहा विमान लापता, तलाश जारी

कॉल-साइन 9 NAET वाला विमान ने सुबह 9:55 बजे पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरी थी और मस्टैंग के लेटे क्षेत्र में पहुंचने के बाद संपर्क से बाहर हो गया.

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काठमांडू: नेपाल के पहाड़ी जिले मस्टैंग में चालक दल के 3 सदस्यों सहित 22 लोगों को लेकर जा रहा एक डबल इंजन वाला विमान रविवार सुबह लापता हो गया. अधिकारियों ने पुष्टि की है

कॉल-साइन 9 NAET वाला विमान ने सुबह 9:55 बजे पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरी थी और मस्टैंग के लेटे क्षेत्र में पहुंचने के बाद संपर्क से बाहर हो गया.

हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि तारा एयर के 9 एनएईटी डबल इंजन वाले विमान में 19 यात्री सवार थे, जो पोखरा से जोमसोम के लिए सुबह 9:55 बजे उड़ान भर रहा था, उसका संपर्क टूट गया. दि स्टेट टीवी के मुताबिक लापता हुए विमान में यात्रियों के साथ 4 भारतीय भी सवार थे.

मुख्य जिला अधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने फोन पर एएनआई से पुष्टि की, ‘विमान को मस्टैंग में जोमसोम के ऊपर आसमान में देखा गया और फिर माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया था, जिसके बाद यह संपर्क में नहीं आया.’

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विमान के मस्टैंग जिले के लेटे के ‘टिटी’ इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने का संदेह है.

मस्टैंग के जिला पुलिस कार्यालय के डीएसपी राम कुमार दानी ने एएनआई को बताया, ‘टिटी के स्थानीय लोगों ने हमें फोन किया और हमें सूचित किया कि उन्होंने एक असामान्य आवाज सुनी है जैसे कि कोई धमाका हुआ हो. हम तलाशी अभियान के लिए इलाके में एक हेलीकॉप्टर तैनात कर रहे हैं.’

गृह मंत्रालय ने लापता विमान की तलाश के लिए मस्टैंग और पोखरा से दो निजी हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदिंद्र मणि पोखरेल ने फोन पर एएनआई को बताया कि नेपाल सेना के हेलिकॉप्टर को भी तलाशी के लिए तैनात करने की तैयारी की जा रही है.

मस्टैंग हिमालयी राष्ट्र के पहाड़ी और पांचवें सबसे बड़े जिलों में से एक है जो मुक्तिनाथ मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए जाना जाता है. जिला, जिसे ‘हिमालय से परे भूमि’ के रूप में भी जाना जाता है, पश्चिमी नेपाल के हिमालयी क्षेत्र की काली गंडकी घाटी में स्थित है.

मस्टैंग (तिब्बती मुंटन से जिसका अर्थ है ‘उपजाऊ मैदान’) पारंपरिक क्षेत्र काफी हद तक शुष्क है. धौलागिरी और अन्नपूर्णा पहाड़ों के बीच तीन मील लंबवत नीचे जाने वाली दुनिया की सबसे गहरी घाटी इस जिले से होकर गुजरती है.


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