काठमांडू: सुनसान सड़कें, सेना का गश्त और सीमित आवाजाही. हिंसक प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत के बाद नेपाल सेना ने काठमांडू घाटी में कर्फ्यू लगाया था. कर्फ्यू की दूसरी रात इसी माहौल में बीती. हालांकि सेना ने गुरुवार को अपडेट जारी किया, जिसमें पाबंदियों को बढ़ाया गया, लेकिन लोगों की आवाजाही के लिए कुछ ढील भी दी गई.
जरूरी सेवाएं जैसे दवा की दुकानें, फायर ट्रक, स्वास्थ्यकर्मियों के वाहन, सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही, मीडिया एंबुलेंस और खाद्यान्न, दूध व सब्जियों का परिवहन जारी रहेगा. हवाई अड्डे आने-जाने वाले यात्रियों को भी अनुमति होगी.
प्रतिबंधात्मक आदेश शुक्रवार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे (स्थानीय समय) तक लागू रहेंगे. कर्फ्यू शाम 7 बजे से शुरू होगा और शनिवार सुबह 6 बजे खत्म होगा.
गुरुवार रात जैसे ही कर्फ्यू लागू हुआ, गश्त कर रहे सेना के जवानों ने लोगों से घरों में रहने के आदेश दिए. शहर के केंद्र में सड़कें खाली पड़ी थीं और हर चौक पर सुरक्षा बल तैनात थे. कार, बाइक और साइकिल से आने-जाने वालों के परमिट और पहचान पत्रों की दोहरी जांच की गई.
काठमांडू निवासी राम जीसी, जो यात्रियों को हवाई अड्डे तक छोड़ रहे थे, को कई चौकियों पर रोका गया. उन्होंने कहा, “यह सब इतनी अचानक हुआ कि कोई तैयार नहीं था. इतने सालों बाद हम ऐसा कर्फ्यू देख रहे हैं.” राम पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं, लेकिन प्रदर्शनों की वजह से होटल से हवाई अड्डे और वहां से होटल तक फंसे यात्रियों को ले जा रहे हैं.
हालांकि नेपाल की राजधानी वीरान दिख रही थी, लेकिन जेन-जेड अब भी सड़कों पर थे. वे विरोध नहीं कर रहे थे, बल्कि सड़कों को मैदान बनाकर फुटबॉल खेल रहे थे. कुछ छोटे बच्चे भी उत्साहित नजर आए. हालांकि वे माता-पिता के साथ सड़क पर मौजूद थे और सामने से खेल देख रहे थे.
दिप्रिंट की मनीषा मोंडल काठमांडू घाटी से तस्वीरें साझा कर रही हैं.












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