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Monday, 15 September, 2025
होमविदेशतस्वीरों में: उथल-पुथल के बाद काठमांडू में शांति का दिखा बेचैन चेहरा, कर्फ्यूग्रस्त शहर हुआ सुनसान

तस्वीरों में: उथल-पुथल के बाद काठमांडू में शांति का दिखा बेचैन चेहरा, कर्फ्यूग्रस्त शहर हुआ सुनसान

नेपाल की राजधानी में सेना के जवान कई नाकों पर तैनात हैं. सीमित आवाजाही की अनुमति है क्योंकि जरूरी सेवाएं चालू हैं.

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काठमांडू: सुनसान सड़कें, सेना का गश्त और सीमित आवाजाही. हिंसक प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत के बाद नेपाल सेना ने काठमांडू घाटी में कर्फ्यू लगाया था. कर्फ्यू की दूसरी रात इसी माहौल में बीती. हालांकि सेना ने गुरुवार को अपडेट जारी किया, जिसमें पाबंदियों को बढ़ाया गया, लेकिन लोगों की आवाजाही के लिए कुछ ढील भी दी गई.

जरूरी सेवाएं जैसे दवा की दुकानें, फायर ट्रक, स्वास्थ्यकर्मियों के वाहन, सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही, मीडिया एंबुलेंस और खाद्यान्न, दूध व सब्जियों का परिवहन जारी रहेगा. हवाई अड्डे आने-जाने वाले यात्रियों को भी अनुमति होगी.

प्रतिबंधात्मक आदेश शुक्रवार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे (स्थानीय समय) तक लागू रहेंगे. कर्फ्यू शाम 7 बजे से शुरू होगा और शनिवार सुबह 6 बजे खत्म होगा.

गुरुवार रात जैसे ही कर्फ्यू लागू हुआ, गश्त कर रहे सेना के जवानों ने लोगों से घरों में रहने के आदेश दिए. शहर के केंद्र में सड़कें खाली पड़ी थीं और हर चौक पर सुरक्षा बल तैनात थे. कार, बाइक और साइकिल से आने-जाने वालों के परमिट और पहचान पत्रों की दोहरी जांच की गई.

काठमांडू निवासी राम जीसी, जो यात्रियों को हवाई अड्डे तक छोड़ रहे थे, को कई चौकियों पर रोका गया. उन्होंने कहा, “यह सब इतनी अचानक हुआ कि कोई तैयार नहीं था. इतने सालों बाद हम ऐसा कर्फ्यू देख रहे हैं.” राम पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं, लेकिन प्रदर्शनों की वजह से होटल से हवाई अड्डे और वहां से होटल तक फंसे यात्रियों को ले जा रहे हैं.

हालांकि नेपाल की राजधानी वीरान दिख रही थी, लेकिन जेन-जेड अब भी सड़कों पर थे. वे विरोध नहीं कर रहे थे, बल्कि सड़कों को मैदान बनाकर फुटबॉल खेल रहे थे. कुछ छोटे बच्चे भी उत्साहित नजर आए. हालांकि वे माता-पिता के साथ सड़क पर मौजूद थे और सामने से खेल देख रहे थे.

दिप्रिंट की मनीषा मोंडल काठमांडू घाटी से तस्वीरें साझा कर रही हैं.

Deserted streets and limited movement on the second night of curfew in Kathmandu Valley | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू घाटी में कर्फ्यू की दूसरी रात सुनसान सड़कें और सीमित आवाजाही | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Nepal army personnel patrolling the streets amid the curfew | Manisha Mondal | ThePrint
कर्फ्यू के बीच सड़कों पर गश्त करते नेपाली सेना के जवान | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Security personnel are stationed at multiple checkpoints in the city | Manisha Mondal | ThePrint
शहर में कई चौकियों पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The city wears a deserted look | Manisha Mondal | ThePrint
शहर वीरान सा दिख रहा है | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
As soon as the updated restrictions kicked in Thursday night, residents were asked to go back inside their homes | Manisha Mondal | ThePrint
गुरुवार रात जैसे ही नए प्रतिबंध लागू हुए, निवासियों को अपने घरों के अंदर वापस जाने के लिए कहा गया। | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The permits and ID cards of all commuters are being verified at every checkpoint | Manisha Mondal | ThePrint
हर चेकपॉइंट पर सभी यात्रियों के परमिट और पहचान पत्र की जांच की जा रही है | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
A checkpoint in the city | Manisha Mondal | ThePrint
शहर में एक चेकपॉइंट | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The updated curfew order by the Nepal army allows for limited movement | Manisha Mondal | ThePrint
नेपाल सेना द्वारा जारी कर्फ्यू आदेश में सीमित आवाजाही की अनुमति | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Nepal army personnel on duty | Manisha Mondal | ThePrint
ड्यूटी पर तैनात नेपाली सेना के जवान | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The deserted streets of Kathmandu are now doubling up as a playground | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू की सुनसान सड़कें अब खेल के मैदान का रूप ले रही हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Children out on the city's streets | Manisha Mondal | ThePrint
शहर की सड़कों पर बच्चे | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Essential services remain operational in Kathmandu amid the curfew | Manisha Mondal | ThePrint
कर्फ्यू के बीच काठमांडू में आवश्यक सेवाएं चालू हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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