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Friday, 22 November, 2024
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पाकिस्तानी आईएसआई ने इस्लामाबाद में भारत की इफ्तार पार्टी में मेहमानों को धमकाया

आईएसआई की टीम, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इस्लामाबाद पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने होटल के बाहर घेराबंदी की और पाकिस्तानी मेहमानों को धमकाया.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने पूर्व सैन्य प्रवक्ता सहित सभी मेहमानों को परेशान किया, डराया-धमकाया. सभी मेहमान शनिवार रात को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी में शामिल होने गए थे.

पाकिस्तान में उच्च पद पर आसीन सूत्र ने दिप्रिंट से कहा धमकाने की रणनीति शुक्रवार को कई आमंत्रित मेहमानों विशेष  व्यापर मंडल से जुड़े हुए लोगों के साथ शुरू हुई. अनजान नंबरों से कॉल प्राप्त कर रहे खासतौर पर व्यापरमंडल के लोगों को इस्लामाबाद सेरेना होटल में आयोजित इफ्तार में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया. सूत्रों ने कहा कि भारत यात्रा के लिए वीजा जारी नहीं किए जाने के कारण यह ‘विरोध के रूप में’ किया गया.

आईएसआई की टीम, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इस्लामाबाद पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने शनिवार को पांच सितारा होटल के बाहर घेराबंदी की और पाकिस्तानी मेहमानों को धमकाया.

जबकि, अन्य देशों के राजनयिकों को बिना किसी समस्या के इफ़्तार में जाने की अनुमति दी गई थी. होटल में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी मेहमानों को भी रोका गया, उनसे पहचान पत्र के लिए पूछा गया. सूत्रों ने कहा कि अगर उन्होंने इफ्तार पार्टी का उल्लेख किया, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और ज्यादातर मेहमान चले गए.

इस्लामाबाद में तैनात एक भारतीय अधिकारी ने कहा, ‘अपने ही लोगों के लिए वे उत्पीड़न के एक निचले स्तर तक पहुंच गए’.

एक-दूसरे की पार्टियों में मेहमानों को तंग करना कोई नई बात नहीं है. ऐसी विशेष घटना ऐसे समय में आई है जब अटकलें तेज हैं कि जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई  शिखर सम्मेलन (एससीओ) के दौरान मिल सकते हैं.

मेहमान ट्विटर पर शिकायत करते हैं

भारतीय उच्चायोग के इफ़्तार पार्टी में रोके गए कई मेहमानों में से पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास (रिटायर्ड), जो अब यूक्रेन में पाकिस्तान के दूत हैं. मेजर जनरल को इफ़्तार पार्टी से लौटने से पहले सुरक्षाकर्मियों के साथ गर्मजोशी से बहस करते देखा गया.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रेस सचिव के रूप में काम करने वाले सीनेटर फरहतुल्लाह बाबर को भी सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया था, लेकिन फिर भी वे इफ्तार पार्टी में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे।

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि केवल एक दर्जन से अधिक पाकिस्तानी मेहमान इफ्तार में आने में सक्षम हुए

इस कार्यक्रम में बोलते हुए भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने मेहमानों से माफी मांगते हुए कहा, ‘मैं अपने उन सभी दोस्तों से माफी मांगना चाहता हूं जिन्हें अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ा है.’

बिसारिया ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘हम अपने सभी मेहमानों से माफी मांगते हैं जो कल हमारे इफ्तार पार्टी से चले गए थे. इस तरह की आक्रामक रणनीति से निराशा होती है. वे न केवल राजनयिक आचरण और सभ्य व्यवहार के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं, वे हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छे नहीं हैं.

इस्लामाबाद में तैनात पूर्व भारतीय राजनयिक शरत सभरवाल ने भी ट्वीट किया कि यह 1990 के दशक के जैसी घटना है.

‘जैसे को तैसा’

एक पाकिस्तानी अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि मार्च में दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर पाकिस्तान दिवस पर क्या हुआ था. उच्चायोग में 22 मार्च को समारोह में आमंत्रित कई लोगों ने शिकायत की थी कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से पहले निजी जानकारी मांगने के लिए रोका था.

कुछ ने दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि उन्हें नहीं जाना चाहिए क्योंकि भारत सरकार ने इसका बहिष्कार किया है.
आधिकारिक सूत्रों ने तब कहा था कि वहां कोई डर नहीं था और कोई मेहमान इससे दूर नहीं हुआ था. सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा था, ‘सुरक्षा के मकसद से जानकारी ली गई थी और आमंत्रित लोगों को सिर्फ यह बताया गया था कि सरकार ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है.’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा है, ‘ जैसे को तैसा कूटनीति के लिए मूर्खता. जब हमने इसे नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर किया तो यह बेवकूफी थी और जब यह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग इफ्तार (पार्टी) के मामले में किया गया तो यह बेवकूफी है. अब यह 1-1 है कि शायद इस बकवास को आगे बढ़ने और रोकने का समय है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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