भारतीय टीवी सीरियल अब भी सास-बहू की कहानियों में उलझा हुआ है. वहीं, पाकिस्तान इस मामले में आगे निकलता दिख रहा है. यह सीरियल एक महत्वपूर्ण समाजिक मुद्दे को उठाती है. लोकप्रिय पाकिस्तानी अभिनेता और टीवी होस्ट हुमायूं सईद, नेटफ़्लिक्स की सीरीज ‘द क्राउन’ के पांचवें सीजन में डॉक्टर हसनत खान का किरदार निभाते नजर आएंगे. वह इस वेब सीरीज के ज़रिए देश में प्रैक्टिस करने वाले महिला डॉक्टरों की कमी के मुद्दों को उठाना चाहते हैं.
सईद ने सोमवार को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ़ 25 फीसदी महिला डॉक्टर ही प्रैक्टिस कर पाती हैं. इनमें से ज्यादातर ‘परिवार के दबाव’ में प्रैक्टिस करना छोड़ देती हैं.
सईद ने हैशटैग ‘डॉक्टर बहू’ के साथ ट्विटर पर लिखा कि वह नए प्रोजेक्ट में व्यस्त हैं, जिसमें इस समस्या को उठाया गया है.
Disappointed to find out that only 1 out of 4 female doctors practice after graduation in Pakistan because of family pressure. Thinking of a new project, maybe to highlight this issue. Let’s encourage women to pursue their dreams. #DoctorBahu
— Humayun Saeed (@iamhumayunsaeed) January 31, 2022
जेंडर गैप
एक अन्य यूजर ने इसके जवाब में ट्वीट करते हुए अपनी बहन के अनुभव को शेयर किया.
उन्होंने लिखा, ‘इस समस्या की मूल वजह यह है कि हमारे समाज में घर के काम और बच्चों की देखभाल पूरी तरह से पत्नी की जिम्मेदारी मानी जाती है. ऐसे में नौकरी और घर के बीच तालमेल बिठा पाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.’
One of my cousins is also doing the same. The root cause of this problem is that generally in our society, household chores & children's upbringing are entirely the wife's responsibility so managing the balance between job & home is hard for them.
— ? (@mystifying_me) January 31, 2022
एक अन्य उपोयगकर्ता ने ट्वीट किया, ‘हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिसमें पति भी घर के काम और बच्चों की देखभाल करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं.’
I think most women find it c difficult to balance home and work especially when they have children. We need to find ways for them to establish a support system including husband taking some ownership of the housework and child care.
— Asadiq (@Asadiq50853012) January 31, 2022
इस मुद्दे पर सईद से सहमति रखने वाले कुछ लोगों ने उन्हें इस मुद्दे और प्रोजेक्ट के बारे में ज़्यादा जानकारी देने और और उनकी मदद की पेशकश भी की है.
Coming from a family where everyone is a doctor (17 doctors across 3 generations) or studying to become one & working it is very disappointing to hear. I am so looking forward to the project based on this. Happy to provide any insight if needed.
— Alina Bari (@alinabari89) January 31, 2022
I think it’s an important social issue that is always undermined by societal pressures and cultural norms. As a doctor myself, I feel it’s the need of the hour. Great to see people speaking about it now in the open. Would love to help out in anyway possible! #DoctorBahu
— Syed Raza Shah, MD (aka Crypto Doctor) (@SyedRazaShah123) January 31, 2022
व्यक्तिगत मामला
हालांकि, कुछ पाकिस्तानी इस मुद्दे को ‘समाज की अपेक्षाओं’ या ‘परिवार के दबाव’ से अलग मानते हैं. ट्विटर यूजर राशिद चौधरी, सईद के विचारों से इत्तेफ़ाक नहीं रखते.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इसकी वजह पारिवारिक नहीं है. वह ऐसा अपने मन से करती हैं. ज़्यादातर मामलों में वह धनी सहयोगी पाने के लिए यह डिग्री प्राप्त करती हैं.’
It’s not because of family pressure rather they don’t get into profession by themselves. In most of the cases, to become a female doctor is just to target rich counterparts.
— Rashid Chaudhry (@TheRashidCh) January 31, 2022
उन्होंने लिखा, ‘मेरी चाची ने शादी के बाद अपने मन से डॉक्टर के पेशे को छोड़ दिया. उनके पास निर्णय लेने की छूट थी, लेकिन उन्होंने अमेरिका में हाउसवाइफ़ बनना पसंद किया.’
My aunt, mbbs graduate from Fatimah Jinnah medical University, a gold medalist, married to a doctor obviously, settled in America, but never ever did her medical job after marriage and that too willingly. She had the option but she choose to be a housewife in America.
— whims of a waffle (@hiechorchy) January 31, 2022
डॉक्टर नायब इसकी वजह, पाकिस्तान में डॉक्टरों के लिए लंबे काम के घंटे के साथ ही, डे-केयर और मैटरनिटी लीव की अच्छी व्यवस्था न होना मानते हैं. वह लिखते हैं, ’36 घंटे की शिफ़्ट और उसके बाद 12 घंटा घर पर बिताने के बाद, तड़के सुबह वार्ड के पास हाजिरी देनी होती है. इससे, फैमली लाइफ़ और बच्चों पर बुरा असर पड़ता है… यह बर्बर है. हमें काम के माहौल को बेहतर बनाने की ज़रूरत है.’
Also most hospitals don't offer a decent day care for doctor's children and only give a 40 days maternity leave.
Doctors are expected to work their ass off even in their last trimester.
It's brutal.
We need to develop a better working environment.— Dr Nayab (@Nayab04258632) January 31, 2022
पाकिस्तान की अभिनेत्री और डॉक्टर साईस्ता लोदी ने कहा कि लड़कियों के पास कैरियर चुनने का विकल्प होना चाहिए. उन्होंने उन महिला डॉक्टरों के लिए दु:ख जताया जो प्रैक्टिस नहीं कर पा रही हैं.
Alhamdulilah for getting the opportunity to practice my medical profession. Its very sad when I saw so many girls from my batch not getting the chance to practice after they graduated.
I wish har larki ke paas choice ho itni mehnat ke baad practice karne ki.
— Dr. Shaista Lodhi (@IamShaistaLodhi) February 1, 2022
सईद ने अपने ट्वीट में आंकड़े के स्रोत का जिक्र नहीं किया है. हालांकि, डेटा से यह साफ पता चलता है कि मेडिकल की डिग्री लेने वाले और प्रैक्टिस कर रहे महिला डॉक्टर के बीच एक बड़ा अंतर है.
नवंबर, 2020 में, जेंडर, वर्क एंड ऑर्गनाइजेशन जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पाकिस्तान के मेडिकल स्कूलों में महिला डॉक्टरों की संख्या 80-85 प्रतिशत तक है, जबकि प्रैक्टिस करने वालों में 50 प्रतिशत ही महिला डॉक्टर हैं. प्रैक्टिस करने वाले महिला डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं.’
यूके से छपने वाली पत्रिका ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में साल 2019 में छपे एक जर्नल के मुताबिक करांची के डॉओ यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस ने 700 महिला डॉक्टरों को अपने यहां काम पर रखा. इसकी वजह से एक लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज हो पाया.
पायनियर पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक, मेडिकल काउंसिल ऑफ़ पाकिस्तान ने यह आंकड़ा जारी किया कि मार्च 2020 के बाद, 23 फीसदी महिला डॉक्टर ही मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रैक्टिस कर रही हैं. वे टेलीमेडिसीन कंपनियों को भी अपनी सेवाएं दे रही हैं. साथ ही, महिलाओं की ओर से चलाये जा रहे ऐसे एनजीओ में अपना योगदान दे रही हैं जो पिछड़े इलाकों में काम करते हैं.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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