scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमविदेशपाकिस्तान में आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में बरी करने का आदेश बरकरार

पाकिस्तान में आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में बरी करने का आदेश बरकरार

पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने ईसाई महिला आसिया बीबी को दोषमुक्त करने के अपने फैसले के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया. आसिया बीबी अब पाकिस्तान छोड़कर जाना चाहे तो जा भी सकती हैं.

Text Size:

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने ईशनिंदा के एक मामले में ईसाई महिला आसिया बीबी को दोषमुक्त करने के अपने फैसले के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और आसिया बीबी को मामले से बरी करने के अपने फैसले को मंगलवार को बरकरार रखा.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अगुआई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बीबी मामले में अक्टूबर में हुए फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. अक्टूबर में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद इसके खिलाफ कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की अगुआई में तीन दिवसीय व्यापक प्रदर्शन हुआ था.

न्यायमूर्ति खोसा ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा, ‘योग्यता के आधार पर यह याचिका रद्द कर दी गई है. आप सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में एक भी कमी नहीं निकाल पाए.’

पांच बच्चों की मां आसिया बीबी ने पिछले साल रिहा होने से पहले मुल्तान की एक जेल में आठ साल अपने मृत्यु दंड का इंतजार किया. आसिया पर 2009 में पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाया गया था और एक अदालत ने 2010 में उन्हें मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी.

कारी मोहम्मद सालम ने अपने वकील गुलाम मुस्तफा चौधरी के माध्यम से याचिका दायर कराई थी. वकील ने पीठ के सामने अपना पक्ष रखकर सुनवाई के लिए एक व्यापक पीठ का गठन कर इसमें इस्लामिक विशेषज्ञों को भी शामिल करने की मांग की थी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में कहा गया था कि बीबी ने जांच के दौरान अपना अपराध स्वीकार कर लिया और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी का मतलब यह नहीं कि बचाव पक्ष दोषी नहीं है.

हालांकि, टीएलपी ने सोमवार रात इस मामले के लिए गठित शीर्ष अदालत की पीठ को खारिज करते हुए कहा था कि अगर बीबी को ‘न्यायिक राहत’ मिली तो वह विरोध प्रदर्शन करेगी लेकिन इस याचिका के खारिज होने के बाद आसिया बीबी की राह में पड़ने वाली आखिरी कानूनी बाधा भी दूर हो गई है और इससे अगर वह चाहें तो उनके देश से बाहर जाने का रास्ता भी साफ हो सकता है.

share & View comments