नई दिल्ली: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए कहा कि वो आज ही इसे लेकर आदेश जारी करेगी और इसे देखते हुए किसी अन्य केस की सुनवाई नहीं की जाएगी.
दरअसल कोर्ट सांसदों के प्रधानमंत्री इमरान खान पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के मामले पर सुनवाई कर रही है.
खबरों के अनुसार कोर्ट ने कहा कि असंबली में जो हुआ है उसकी समीक्षा करना जरूरी है.
साथ ही कोर्ट ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के वकीलों की भी फटकार लगाई है. दरअसल, अदालत में पीपीपी ने फुल बेंच द्वारा सुनवाई करने की मांग की थी. जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर आप को बेंच से अपत्ति है तो हम यहां से उठकर चले जाते हैं.
बता दें कि इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच कर रही है.
साथ ही कोर्ट ने कहा कि अदालत में राजनीतिक बातें ना की जाएं.
उधर, पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया कि इमरान खान का अहंकार देश से बड़ा नहीं है. साथ ही उन्होंने सेना से भी सवाल किए हैं.
बिलावल ने लिखा कि ‘पूर्व पीएम इमरान खान अपने तख्तापलट को सही ठहराने के लिए ‘विदेशी साजिश’ का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या सेना साफ करेगी कि क्या एनएससी की बैठक में एनए के 197 सदस्यों को देशद्रोही और एक विदेशी साजिश का हिस्सा घोषित किया गया था? क्या विदेश कार्यालय या रक्षा मंत्रालय विदेशी साज़िश पर 7-27 तारीख के बीच कोई आधिकारिक सामंजस्य कर सकता है.’
उन्होंने आगे लिखा कि क्या इस पैमाने की एक साजिश का पर्दाफाश हमारी अपनी खुफिया एजेंसियों और अन्य संस्थानों ने किया होगा? इमरान का अहंकार पाकिस्तान से ज्यादा अहम नहीं है.
Surly a plot of this scale would have been uncovered by our own intelligence agencies and other institutions not just an ambassadors cable? Imran’s ego is not more important than Pakistan.
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) April 4, 2022
वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इमरान खान कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक मुल्क के प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे.
अधिसूचना में कहा गया है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक पद पर बने रहेंगे.
इससे पहले, कैबिनेट सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि खान ‘तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद छोड़ते हैं.’
हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 94 के तहत राष्ट्रपति ‘अपने उत्तराधिकारी के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने तक निवर्तमान प्रधानमंत्री को पद पर बने रहने के लिए कह सकते हैं.’
राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है.
भाषा के इनपुट से
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