इस्लामाबाद: दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली की स्थिति कितनी गंभीर है, इसे इसी से समझा जा सकता है कि बिल नहीं चुकाने की वजह से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सचिवालय की बिजली काटे जाने की नौबत आ गई है.
कश्मीर मामले में भारत के साथ ‘अंतिम युद्ध’ की धमकियां देने में व्यस्त पाकिस्तानी शासकों के पास शायद अपने ही दफ्तर का बिल भरने का समय नहीं है या पैसा नहीं है. इसी वजह से इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी को प्रधानमंत्री सचिवालय को बिजली काटे जाने का नोटिस भेजने पर मजबूर होना पड़ा है.
‘एक्सप्रेस न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री सचिवालय पर इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी का 41 लाख 13 हजार 992 रुपये का बिल बकाया है. बीते महीने का बिल 35 लाख से अधिक का है जबकि इससे पहले का पांच लाख 58 हजार का बकाया है.
कंपनी के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री सचिवालय द्वारा नियमित रूप से बिजली का बिल नहीं भरा जाता. कभी बिल का पैसा जमा कराया जाता है और किसी महीने नहीं कराया जाता है. इसी वजह से इस पर बकाया हो गया है जिसे जमा नहीं कराए जाने पर बिजली काट दी जाएगी.
कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 30 मिनट खड़े रहेंगे पाकिस्तानी
जम्मू एवं कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान किसी न किसी रूप में इस मुद्दे को जिंदा रखने की कोशिश कर रहा है. इसी सिलसिले में पाकिस्तानी सरकार ने कहा है कि आगामी शुक्रवार को पूरे पाकिस्तान में तीन मिनट तक लोग खड़े रहकर कश्मीरियों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने यह जानकारी दी है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने भी एक बयान जारी कर लोगों से इस मुहिम में शामिल होने का आह्वान किया है.
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने भी लोगों का आह्वान किया है कि वे प्रधानमंत्री इमरान खान की इस अपील को अपना पूरा समर्थन दें और शुक्रवार को मुहिम में शामिल हों.
रिपोर्ट के अनुसार, अवान ने यहां एक कार्यक्रम में लोगों से कहा कि वे प्रधानमंत्री इमरान खान के इस आह्वान में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करें और ‘कश्मीर पर एकजुटता का मजबूत संदेश दुनिया को दें.’
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अवान ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 12 बजे (स्थानीय समयानुसार) लोग तीस मिनट तक खड़े रहकर कश्मीरी अवाम के साथ अपनी एकजुटता दिखाएं. उन्होंने कहा कि घरों में, दफ्तरों में, स्कूल-कॉलेजों में, हर जगह पर समाज के हर तबके के लोग इसे अंजाम दें.
अवान ने बताया कि खुद प्रधानमंत्री खान अपने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. इसी तरह सभी प्रांतों के मुख्यमंत्री अपने-अपने इलाकों में प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे.