वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका को चीन के साथ अब अलग तरीके से पेश आना होगा क्योंकि अधिक राजनीतिक स्वतंत्रता मिलने की उम्मीद में उन्हें आर्थिक अवसर प्रदान करने की पुरानी नीति काम नहीं आई.
पोम्पिओ ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका टिक-टोक सहित चीनी सोशल मीडिया ऐप्स पर निश्चित रूप से प्रतिबंध लगाने जा रहा है.
पोम्पिओ ने आगे कहा कि हमलोग ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से यह मार्ग प्रशस्त किया है.
पोम्पिओ ने कहा, ‘ वह ऐसा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं और यह पक्षपातपूर्ण नहीं है. उनसे पहले सभी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राष्ट्रपतियों ने चीन को अमेरिका के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने का मौका दिया, जिसका भुगतान पूरे अमेरिका में मध्यम वर्ग, कामकाजी लोगों को नौकरी खोकर उठाना पड़ा.’
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चीन के साथ अलग रास्ता बनाने का समय
माइक पोम्पिओ ने यह भी कहा कि अमेरिका को चीन के संबंध में एक अलग रास्ता अपनाना होगा, क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था को खोलने में मदद करने की पिछली नीति इस विश्वास के साथ की बढ़ाई गई थी कि इससे और अधिक राजनीतिक स्वतंत्रता पर काम होगा लेकिन यह काम नहीं आया.
इस बीच, लोकप्रिय वीडियो स्निपेट-शेयरिंग ऐप ‘टिक-टोक ने कहा कि यह ‘हालिया घटनाओं’ के कारण हांगकांग में काम करना बंद कर रहा है. चीन के बाइटडांस के स्वामित्व वाली टिक-टोक का यह कदम फेसबुक, गूगल और ट्विटर के रूप में आया, जिसमें चीन के नए सुरक्षा कानून को लागू करने के बाद लिया है.
29 जून को, भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिनमें टिक-टोक और वी-चैट शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले को ‘डिजिटल स्ट्राइक’ करार दिया था.
वहीं पोम्पिओ ने ‘वाशिंगटन वॉच’ में टोनी पर्केन्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘ यह सिद्धांत कि अधिक आर्थिक अवसर प्रदान करने से चीन के लोगों को अधिक राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिक मौलिक अधिकार मिलेंगे, सही साबित नहीं हुआ. यह काम नहीं आया. मैं पुराने शासकों की आलोचना नहीं कर रहा हूं, हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि यह सफल नहीं हुआ और इसका मतलब है कि अमेरिका को दूसरा रास्ता अपनाना होगा.’
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उन्होंने कहा, ‘अब हम देख सकते हैं कि इससे ना केवल अमेरिका को आर्थिक नुकसान हुआ है बल्कि चीन के भीतर भी लोगों के साथ भी सही व्यवहार नहीं किया जाता.’
पोम्पिओ ने कहा, ‘आप चाहते हैं चीन के लोग सफल हों, अच्छा जीवन जिएं और आपको अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध चाहिए, लेकिन हमें पता है कि वामपंथी शासन क्या करता है, हमें पता है कि सत्तावादी शासक अपने लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और यही आज हम चीन में देख रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि धार्मिक और नस्ली अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की कार्रवाई केवल बढ़ी है. मंत्री ने कहा, ‘हम इस दुर्व्यवहार को दूर करने के लिए कूटनीतिक रूप से जो कर सकते हैं वह करेंगे.’
विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ने हांगकांग के लोगों की स्वतंत्रता छीन ली है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)