नई दिल्ली: यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट की नई प्रेस रिलीज़ ने एफ-1, एम-1 वीज़ा धारकों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. ऐसे एफ-1, एम-1 वीज़ा धारक विदेशी छात्र जिनके संस्थान सिर्फ ऑनलाइन कोर्स ऑफर करते हैं, उन्हें काफी मशक्कत उठानी पड़ सकती है. सिर्फ ऑनलाइन कोर्स वाले संस्थानों के छात्र अगस्त से शुरू हो रहे सत्र में अपनी पढ़ाई अमेरिका में रहकर नहीं कर पाएंगे.
रिलीज़ में लिखा है, ‘नॉन-इमिग्रेंट एफ-1, एम-1 छात्र अगर ऐसे स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं जो पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं तो ऐसे छात्र अमेरिका में नहीं रह पाएंगे.’ रिलीज़ के मुताबिक पूरी तरह से ऑनलाइन कोर्स के लिए यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट छात्रों को वीज़ा जारी नहीं करेगा. ये वीज़ा नियम अगस्त में शुरू होने वाले सत्र पर लागू होगा.
ये भी कहा गया है कि अमेरिका का कस्टम विभाग और बॉर्डर प्रोटेक्शन ऐसे छात्रों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा. जो छात्र पहले से ऐसे वीज़ा पर अमेरिका में हैं और पूरी तरह से ऑनलाइन प्रोग्राम कर रहे हैं उन्हें या तो अमेरिका छोड़ना होगा या नए रास्ते अपनाने होंगे जिसमें ऐसे संस्थान में जाना शामिल होगा जहां ऑफलाइन पढ़ाई हो रही हो.
ऐसा कदम उठाने के बाद ही ये छात्र कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने के हकदार होंगे. अमेरिका द्वारा ये फैसला तब लिया गया है जब कोविड-19 से सबसे ज़्यादा प्रभावित इस देश में शिक्षण संस्थान अगस्त से शुरू होने वाले सत्र में सुरक्षित तरीके से खुद को खोलने की तैयारी कर रहे हैं.
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक होमलैंड सिक्योरिटी का स्टूडेंट और एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (एसईवीपी) इसके स्टूडेंट विज़ा प्रोग्राम के तहत नॉन-इमिग्रेंट छात्रों द्वारा लिए जा सकने वाली ऑनलाइन क्लास की संख्या को कम करता है. अमेरिका में चलने वाले दो सेमेस्टरों में से एक सेमेस्टर स्प्रिंग समर का होता है और दूसरा फॉल सेमेस्टर होता है.
स्प्रिंग सेमेस्टर जनवरी से मई तक का होता है और फॉल सेमेस्टर अगस्त से दिसंबर तक का होता है. एसईवीपी ने स्प्रिंग सेमेस्टर में ऑनलाइन क्लास से जुड़े नियमों के मामले में कोविड-19 की वजह से छूट दी थी. लेकिन 2020 के फॉल सेमेस्टर पर नए नियमों की गहरी चोट पड़ने वाली है.
इसके पहले 23 जून को ट्रंप प्रशासन ने अस्थायी तौर पर नॉन-इमिग्रेंट एच1बी वीज़ा को स्थगित कर दिया था. इसे दिसंबर तक के लिए स्थगित किया गया है.