काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, इसकी पुष्टि सरकारी चैनल नेपाल टेलीविज़न ने की है. यह फैसला युवाओं के बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के बाद आया है, जो आर्थिक असमानता और सरकार में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री से इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
कुछ घंटे पहले तक नेपाल के सूचना मंत्री ने कहा था कि सरकार प्रदर्शनकारियों की मांग नहीं मानेगी. बीबीसी के मुताबिक, ओली के हस्ताक्षर वाला एक बयान जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट का संवैधानिक समाधान निकालने का रास्ता खोलने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है. उनके सचिवालय ने भी इस्तीफ़े की पुष्टि की है.
प्रधानमंत्री का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब कुछ घंटे पहले ही सरकार ने अपंजीकृत सोशल मीडिया साइट्स पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था. यह प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक थी, जो लगातार सोशल मीडिया पर सरकार की नीतियों के खिलाफ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे थे.
मंगलवार को दिन में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और पीएम ओली के निजी आवासों (बोहराटार और बालकोट) को आग के हवाले कर दिया था. इसके अलावा जनकपुर में पार्टी दफ्तरों और कई इमारतों को भी आग लगा दी गई.
भ्रष्टाचार विरोधी इन प्रदर्शनों के दौरान सोमवार को कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी थी. इसके बाद मंगलवार को प्रदर्शन और उग्र हो गए, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने खिड़कियां तोड़ीं, पत्थर फेंके और इमारतों में आग लगाई.
लगातार बढ़ते प्रदर्शनों के बीच त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (टीआईए) पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों को संयम बरतने और जिंदा गोलियां न चलाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक, गोलियां चलने और लोगों के घायल होने की खबरें सामने आईं.
द काठमांडू पोस्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग के घर को आग के हवाले कर दिया, उप प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल और नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर बिस्व पौडेल के घर पर पथराव किया और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घर पर हमला किया.
खबरों के मुताबिक, लेखक ने सोमवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
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