नई दिल्ली: निडिल ईस्ट के देश फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने पिछले दिनों बयान दिया कि उनका देश ‘पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को नहीं रोकेगा’ और ‘ फ्रांस का भविष्य कभी इस्लामवादियों के पास नहीं होगा’.
16 अक्टूबर को अपने स्कूल के बाहर मार दिए गए एक फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी को श्रद्धांजलि देते हुए मैक्रोन ने यह बातें कही थीं.
47 वर्षीय पैटी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक नागरिक शास्त्र की कक्षा में अपने छात्रों को पैगंबर के कार्टून दिखाए थे, जिससे कई मुस्लिम माता-पिता नाराज हो गए थे. इसके बाद 18 वर्षीय चेचन्या में जन्में व्यक्ति ने पैटी के घर जाने के दौरान हत्या कर दी गयी थी. हालांकि हमले के बाद पुलिस द्वारा संदिग्ध को गोली मार दी गई थी.
‘मानसिक जांच’
पैगंबर मुहम्मद के समर्थन में अरबी में बैनर लेकर इज़रायल में फ्रांस के राजदूत के आवास के बाहर शनिवार को लगभग 200 लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर, #boycottfranceproducts 82,000 से अधिक ट्वीट्स के साथ ट्रेंड कर रहा है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने मैक्रॉन को यह कहते हुए निंदा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति को मुसलमानों के प्रति उनके रवैये के कारण ‘मानसिक जांच’ की ज़रूरत है.
तुर्की के शहर कासेरी में एक भाषण के दौरान एर्दोगन ने कहा, ‘मुस्लिमों और इस्लाम के साथ मैक्रॉन कहे जाने वाले इस व्यक्ति की समस्या क्या है? मैक्रॉन को मानसिक स्तर पर उपचार की आवश्यकता है. किसी अन्य राज्य के प्रमुख को क्या कहा जा सकता है जो धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता को नहीं समझता है और जो अपने देश में रहने वाले लाखों लोगों के लिए इस तरह से व्यवहार करता है जो एक अलग धर्म के सदस्य हैं? सबसे पहले वो अपनी मानसिक जांच करें.’
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने भी ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने” पैगंबर का अपमान करने वाले कार्टून के प्रकाशन की निंदा की.
मंत्रालय ने एक ट्वीट में लगभग 2 अरब मुसलमानों की भावनाओं के लिए हानिकारक इन प्रथाओं के साथ अत्यधिक ‘असंतोष’ भी व्यक्त किया.
دانت وزارة الخارجية وشؤون المغتربين اليوم استمرار نشر الرسوم المسيئة للرسول محمد صلى الله عليه وسلّم تحت ذريعة حرية التعبير.
وأكد @DAAlfayez إدانة المملكة الاستمرار في نشر مثل هذه الرسوم واستياءها البالغ من هذه الممارسات التي تمثل إيذاء لمشاعر ما يقارب من ٢ مليار مسلم. pic.twitter.com/TZxwkpFb1p— وزارة الخارجية الأردنية (@ForeignMinistry) October 24, 2020
इस बीच, कुवैत में सुपरमार्केट ने बहिष्कार अभियान का समर्थन करने के लिए अपनी दुकानों से फ्रांसीसी उत्पादों को निकालना शुरू कर दिया है.
The entire Islamic world should follow Kuwait to protest against France and its latest shameful attack on the faith of Muslims. #boycottfranceproducts #boycottfrance #MacronGoneMad pic.twitter.com/6Ed4u8rrQn
— Ansar Abbasi (@AnsarAAbbasi) October 25, 2020
कई ट्विटर यूजर्स ने फ्रेंच राष्ट्रपति पर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप लगाते हुए अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी.
I Matloob Hussain Tahir strongly Protest against disrespect of our beloved Prophet MUHAMMAD (PBUH) what is happening in france is not freedom of speech or expression but blatant display of religious hatred.#boycottfranceproducts#IslamophobiainFrance pic.twitter.com/vHEm4tGN7A
— مطلوب حسین طاہر (@matloob_ht) October 24, 2020
Whether it is France or any other country, it should stop doing things that hurt Muslims ۔Shame on the French government for allowing a sketcher against our beloved Prophet ﷺ#ProphetMuhammadSAW#boycottfranceproducts #boycottfrance @WeTeamISP pic.twitter.com/QipBhNS5mu
— ابو عبدالحنان گوندل (@M_Ng86) October 25, 2020
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