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Saturday, 18 May, 2024
होमविदेश60 साल में पहली बार तिब्बत सरकार के निर्वासित राष्ट्रपति लोबसांग सांगे का हुआ व्हाइट हाउस में प्रवेश, रचा इतिहास

60 साल में पहली बार तिब्बत सरकार के निर्वासित राष्ट्रपति लोबसांग सांगे का हुआ व्हाइट हाउस में प्रवेश, रचा इतिहास

डॉ. सांगे पहले सिक्योंग (CTA के अध्यक्ष) बने, जिन्हें औपचारिक रूप से तिब्बती मुद्दों के लिए सहायक सचिव और विशेष समन्वयक रॉबर्ट डेस्ट्रो से मिलने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग में आमंत्रित किया गया.

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वाशिंगटन: तिब्बती सरकार के निर्वासति अध्यक्ष डॉ, लोबसांग सांगे ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से अमेरिका के व्हाइट हाउस में प्रवेश किया, जो केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.

वाशिंगटन में तिब्बत के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. सांगे पहले सिक्योंग (CTA के अध्यक्ष) बने, जिन्हें औपचारिक रूप से तिब्बती मुद्दों के लिए सहायक सचिव और विशेष समन्वयक रॉबर्ट डेस्ट्रो से मिलने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग में आमंत्रित किया गया. पिछले 6 दशकों से सीटीए के प्रमुख को अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस में प्रवेश से रोक रखा गया था, क्योंकि अमेरिकी सरकार तिब्बती सरकार के निर्वासन को मान्यता नहीं देती है.

सांगे को पिछले महीने 60 वर्षों में पहली बार अमेरिकी विदेश विभाग में आमंत्रित किया गया था.

सीटीए ने बताया कि डॉ. सांगे ने व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ मुलाकात की, और इस बैठक से पहले, उन्होंने वह 2011 में सीटीए के सिक्योंग बनने के बाद पिछले 10 वर्षों में एक दर्जन से अधिक बार अघोषित बैठकों और जगहों में उनसे मुलाकात की थी.

विज्ञप्ति के अनुसार, ‘हालांकि, उन्होंने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग के रूप में अपने कार्यकाल के आखिरी में, डॉ. संगे ने तिब्बती नीति और सहायता अधिनियम के लिए अथक प्रयास किया है.’

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इस सप्ताह की शुरुआत में, डॉ. संगे ने कई वर्चुअल बैठकें कीं, जिसके माध्यम से उन्होंने तिब्बती नीति और सहायक अधिनियम (TPSA) और चीन के अध्यक्ष जिम मैकगवर्न और अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ अन्य मामलों पर चर्चा की, जिसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे.

इन बैठकों में डॉ. संगे के साथ प्रतिनिधि न्गॉडुप टेरसिंग और केलसांग डोलमा भी आए थे.

अक्टूबर में, सांगे को विदेश विभाग द्वारा आमंत्रित किए जाने के बाद, चीन सरकार ने अमेरिका से चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप रोकने या देश के तिब्बत क्षेत्र के विकास और स्थिरता को कम करने को लेकर कहा था.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मंगलवार को बीजिंग में एक दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि डेस्ट्रो ने ‘तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करने और निर्वासन में इस सरकार को स्वीकार न करने पर अमेरिका की ओर से प्रतिबद्धता और नीतिगत रुख का उल्लंघन किया है’

(एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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