इस्लामाबाद (पाकिस्तान): लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को गुरुवार को पाकिस्तान का नया सेना प्रमुख (सीओएएस) नियुक्त किया गया, जिससे देश में हफ्तों से चली आ रही अटकलों और राजनीतिक खींचतान खत्म हो गई है.
‘पाकिस्तान के प्रधान मंत्री मुहम्मद शाहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में और लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर को संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है.’ पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने ट्वीट किया. औरंगजेब ने कहा कि इस बारे में जानकारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजी गयी है.
बुधवार को, पाकिस्तान सरकार ने पुष्टि की कि उसे नए सीओएएस की नियुक्ति के लिए ‘नामों के पैनल’ के साथ रक्षा मंत्रालय से इस बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी.
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री कार्यालय को रक्षा मंत्रालय से अध्यक्ष ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की नियुक्ति के लिए नामों के एक पैनल के साथ जानकारी प्राप्त हुई है. प्रधान मंत्री निर्धारित के अनुसार प्रक्रिया के मुताबिक नियुक्तियों पर निर्णय लेंगे.’
61 वर्षीय जनरल बाजवा 3 साल के विस्तार के बाद अगले सप्ताह सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से सारांश पीएमओ को भेज दिया गया था. उन्होंने ट्वीट किया, ‘बाकी के कदम जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे.’
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी देते हुए कहा है कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद गठबंधन सरकार उनसे निपटेगी.
दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पाकिस्तान के रक्षामंत्री मुताबिक, ‘प्रक्रिया दो-तीन दिन में पूरी हो जाएगी. इसके बाद हम इमरान खान से निपटेंगे.’
उन्होंने यह बातें पाकिस्तान विधानसभा में कही, और दो-तीन दिन में नियुक्ति के बाद पूर्व औपचारिक घोषणा का इशारा किया.
ये बातें नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया के सोमवार को शुरू होने के बाद सामने आई हैं. क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संभावित उम्मीदवारों को लेकर देश के रक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखा था.
कौन हैं आसिफ मुनीर
डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर को सितंबर 2018 में 2 स्टार वाले जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था. उन्होंने ट्रेनिंग स्कूल प्रोग्राम मंगला में के जरिए सेवा में प्रवेश किया और फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में नियुक्त किये गए.
लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर एक उत्कृष्ट अधिकारी हैं, पहले यह माना जाता था कि वह सेना प्रमुख के पद की दौड़ में डार्क हॉर्स बने रह सकते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उनका चार साल का कार्यकाल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
वह जनरल बाजवा के तब से करीबी सहयोगी रहे हैं, जब से उन्होंने निवर्तमान सेना प्रमुख, जो उस समय कमांडर एक्स कोर थे, के तहत एक ब्रिगेडियर के रूप में फोर्स कमांड उत्तरी क्षेत्रों में सैनिकों की कमान संभाली थी.
लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को बाद में 2017 की शुरुआत में सैन्य खुफिया महानिदेशक नियुक्त किया गया था, और अगले साल अक्टूबर में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस प्रमुख बनाया गया था.
हालांकि, शीर्ष खुफिया अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा, क्योंकि उन्हें तत्कालीन पीएम इमरान खान के आग्रह पर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद ने 8 महीने के भीतर बदल दिया था.
क्वार्टर मास्टर जनरल के रूप में सामान्य मुख्यालय में स्थानांतरित होने से पहले, उन्हें गुजरांवाला कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया था, जिस पद पर उन्होंने दो साल तक काम किया था.
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