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Saturday, 21 December, 2024
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खालिस्तान मुद्दा, ‘ISI की छुपी गतिविधियां’- भारत ने कनाडा के खिलाफ क्यों जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार को 'जोरदार तरीके से साफ' संदेश दे रही है जो 'वोट बैंक की राजनीति के लिए खालिस्तानी तत्वों पर काफी निर्भर है.'

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नई दिल्ली: भारत विरोधी गतिविधियों और सांप्रदायिक अपराधों को बढ़ावा देने और उन्हें अंजाम देने में लगे लोगों और संगठनों के प्रति कनाडा सरकार के ‘ढीले रवैये’ से चिढ़कर, नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को कनाडा-जो भारत का एक मित्र देश माना जाता रहा है- पर एक विस्तृत ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है.

यह प्रधानमंत्री मोदी की जून में जर्मनी में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर कनाडा के अपने समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात के कुछ महीनों के भीतर उठाया गया कदम है.

शीर्ष स्तर के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, हालांकि यह पहली बार नहीं है जब भारत ने कनाडा पर एक एडवाइजरी जारी की है. शुक्रवार को दिए गए चेतावनी नोट में गैंगस्टरवाद को जन्म देने वाले खालिस्तानी तत्वों पर लगाम कसने के भारत के बार-बार अनुरोधों के प्रति कनाडा सरकार के ‘ढीले रवैये’ के लिए उन्हें कुछ मजबूत संकेत दिए हैं. संभवत: इस तरह की घटनाओं के प्रचार के पीछे आईएसआई की ‘छद्म गतिविधियों’ का हाथ है.

हालांकि कनाडा में भारतीय नागरिकों के लिए इस साल की शुरुआत में फरवरी में भी एक एडवाइजरी जारी की गई थी. उस समय ट्रक ड्राइवरों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया हुआ था. लेकिन उसे कनाडा में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी किया गया था.

नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि इस बार विदेश मंत्रालय की ओर से ट्रूडो सरकार को ‘जोरदार और स्पष्ट’ संदेश देने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जो ‘वोट बैंक की राजनीति के लिए इन तत्वों पर बहुत अधिक निर्भर है’.

विदेश मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा, ‘कनाडा में हेट क्राइम, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेजी आई है. विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग दूतावास ने इन घटनाओं को कनाडा के अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे उक्त अपराधों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. इस तरह के अपराधियों को कनाडा में अब तक कानून के कटघरे में नहीं खड़ा किया गया है.’

सरकार ने उन भारतीय छात्रों को सीधे तौर पर निराश नहीं किया है जो उच्च अध्ययन के लिए कनाडा जाने की योजना बना रहे हैं या वे नागरिक जो वहां की स्थायी नागरिकता चाहते हैं. एडवाइजरी में कहा गया है, ‘ऊपर वर्णित अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, भारतीय नागरिक और भारत के छात्र कनाडा में और यात्रा/शिक्षा के लिए कनाडा जाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे उचित सावधानी बरतें और सतर्क रहें.’


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एडवाइजरी में कनाडा में सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों को ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ पंजीकरण करने के लिए कहा है.

19 सितंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में सिख समुदाय के सैकड़ों और हजारों लोग एक तथाकथित जनमत संग्रह में भाग लेने के लिए इकट्ठा हुए, जो अपने लिए भारत से बाहर एक अलग देश बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इसे देखते हुए हफ्ते की शुरुआत में मोदी सरकार ने कनाडा के लिए एक कड़ा संदेश दिया है.

वहां जमा हुए सिखों ने कथित खालिस्तान झंडा पकड़े हुए ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाते हुए भारत विरोधी नारे लगाए थे. यह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) संगठन के तत्वावधान में आयोजित किया गया था जिसे 2019 में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे ‘हास्यास्पद कवायद’ बताया और कहा कि इस मामले को कनाडा सरकार के साथ उठाया गया है.

बागची ने कहा, ‘कनाडा की सरकार ने दोहराया है कि वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं और वे तथाकथित उस जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देंगे, जो कनाडा में हो रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि हमें यह बहुत आपत्तिजनक लगा कि एक मित्र देश में चरमपंथी तत्वों की राजनीति से प्रेरित घटनाओं को होने दिया जा रहा है. आप सभी इस संबंध में हिंसा के इतिहास से रूबरू हैं. भारत सरकार इस मामले में कनाडा सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी.’

‘भारत में बढ़ रही चिंताएं’

ऊपर उद्धृत सूत्रों के अनुसार, हालांकि नई दिल्ली ने सभी स्तरों पर कनाडा सरकार के साथ इन मामलों को उठाया हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए भारत की ‘चिंताएं बढ़ रही हैं.’

एक सूत्र ने बताया, ‘भारत विरोधी अपराध और नफरत बढ़ रही है. इस समय जारी की गई यह एडवाइजरी सिर्फ एक संकेत है क्योंकि कनाडा सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. अगर ये संदेश काम नहीं करेगा तो हमें इस मामले को और आगे तक ले जाना होगा.’

सूत्र ने यह भी कहा कि कनाडा में गैंगस्टरवाद से जुड़े कई मसले हैं. एक मामला सिद्धू मूसेवाला कांड का है. ब्रैम्पटन, वैंकूवर और मिसिसॉगा जैसी जगहों पर भारत विरोधी और हिंदू विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं.

19 सितंबर के जनमत संग्रह के अलावा भारत खालिस्तानी तत्वों के कनाडा में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाने के हालिया प्रयासों से भी परेशान है.

पूर्व राजनयिक और कनाडा में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त विष्णु प्रकाश ने कहा, ‘भारत ने एडवाइजरी जारी की और ट्रूडो प्रशासन पर धीरे से दबाव डाला. यह पहले हो जाना चाहिए था.’

प्रकाश ने कहा, ‘कनाडा दुनिया के बेहतरीन देशों में से एक है. हर साल लाखों अप्रवासियों का स्वागत करते हुए, वे वोट बैंक की राजनीति की तलाश में भी रहते हैं. ब्रैम्पटन, वैंकूवर और मिसिसॉगा ऐसे शहर हैं जहां ज्यादातर सिखों का बोलबाला है और उनमें से 80 फीसदी खास तौर पर ट्रूडो की लिबरल पार्टी को वोट देते हैं . इस तरह से वो चीजों को नियंत्रित करते हैं…. ये खालिस्तानी तत्व हैं जो ज्यादातर गुरुद्वारों को नियंत्रित करते हैं. उनकी गतिविधियों को वहां के अधिकारियों द्वारा अनदेखी की जाती है.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘कनाडाई राजनेता भी उनकी प्रशंसा करते हैं और भारत विरोधी नारों को अपने आप को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के अधिकार के तौर पर लेते हैं…. इनके लिए ज्यादातर पाकिस्तान से जुड़े संगठनों से फंडिंग की जाती है. एक अपवित्र गठजोड़ चल रहा है.’

भारत की एडवाइजरी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व सिख संगठन- जुलाई 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद गठित एक अन्य खालिस्तान समर्थक संस्था- ने कनाडा के द ग्लोब एंड मेल को बताया, ‘कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई है जिसकी तरफ वे इशारा कर रहे हैं. यह एडवाइजरी विशुद्ध रूप से राजनीतिक है.’

दिलचस्प बात यह है कि भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंध सुचारू रूप से चल रहे हैं. यहां तक कि दोनों पक्ष लंबे समय से लंबित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को पूरा करने के लिए कड़े कदम उठा ररहे हैं. जर्मनी में नेताओं की मुलाकात के बाद इसमें तेजी आई है.

एफटीए के लिए चौथे दौर की बातचीत इसी महीने हुई थी. दरअसल इंडोनेशिया के नुसा दुआ में जी20 व्यापार मंत्रियों की बैठक के इतर शुक्रवार को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी कनाडाई समकक्ष मैरी एनजी से मुलाकात की थी.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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