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Saturday, 23 November, 2024
होमविदेशअमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडन 20 को लेंगे शपथ, ट्रंप हैं नाखुश, बोले- 'व्यवस्थित' तरीके से होगी ताजपोशी

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडन 20 को लेंगे शपथ, ट्रंप हैं नाखुश, बोले- ‘व्यवस्थित’ तरीके से होगी ताजपोशी

कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि हिंसा की कभी जीत नहीं होती, हमेशा आजादी की जीत होती है. और यह कहते हुए उन्होंने जो बाइडन की जीत पर मुहर लगा दी.

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वाशिंगटन: कैपिटल बिल्डिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा किए गए हंगामें के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने घोषणा की कि 20 जनवरी को जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में तीन नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद पर जो बाइडन एवं उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को मिली जीत को सत्यापित कर दिया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने रॉयटर्स का हवाला देते हुए कहा है कि कांग्रेस ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणाम को स्वीकार कर लिया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए जो बाइडन का रास्ता साफ करता है.

वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान कहा है कि 20 जनवरी को जो बाइडेन को सत्ता का ‘व्यवस्थित’ हस्तांतरण किया जाएगा.

ट्रंप के मीडिया सलाहकार डेन स्काविनो ने राष्ट्रपति का बयान जारी किया है. जिसमें ट्रंप ने कहा है ‘भले ही मैं चुनाव के परिणाम से पूरी तरह असहमत हूं, और सब कुछ मुझे याद है, फिर भी 20 जनवरी को एक व्यवस्थित परिवर्तन होगा. मैंने हमेशा कहा है कि हम अपनी कोशिश जारी रखेंगे …’

पेंस ने घोषणा के दौरान कहा,‘ कैपिटल में आज हंगामा करने वालों, तुम जीते नहीं हो. हिंसा कभी नहीं जीतती. जीत आजादी की होती है. और यह अब भी जनता का सदन है.’

कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि हिंसा की कभी जीत नहीं होती, हमेशा आजादी की जीत होती है.

हिंसा के बाद कांग्रेस के नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया के लिए एक बार फिर इकट्ठे होने पर पेंस ने यह बयान दिया.

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं. घटना के समय तीन नवम्बर को हुए चुनाव में जो बाइडन की जीत पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया चल रही थी.

कांग्रेस के संयुक्त सत्र के एक बार फिर शुरू होने के बाद पेंस ने कहा, ‘ हम यहां हुई हिंसा की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हैं. हम मारे गए लोगों और साथ ही अपने कैपिटल की रक्षा करते समय घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. इस ऐतिहासिक स्थान की रक्षा करने के लिए डटे रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के हम हमेशा आभारी रहेंगे.’

पेंस ने कहा, ‘ सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर, दुनिया फिर से हमारे लोकतंत्र की ताकत देखेगी, कैपिटल में इस अप्रत्याक्षित हिंसा और हमले के बीच भी अमेरिका के लोगों के चुने प्रतिनिधि अमेरिका के संविधान की रक्षा करने और उसका समर्थन करने के लिए उसी दिन यहां दोबारा एकत्रित हुए हैं.’


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ट्रंप की चुनौती खारिज 

अमेरिकी संसद के दोनों सदनों – प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने एरिजोना में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत को दी गयी चुनौती खारिज कर दी है.

सीनेट ने बाइडन की एरिजोना में जीत के खिलाफ निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनौती खारिज कर दी है और कहा है कि एरिजोना के नतीजे मान्य हैं.

एरिजोना में चुनाव के नतीजों पर रिपब्लिकन सांसद पॉल गोसर और सीनेटर टेड क्रूज ने आपत्ति की थी जिसे छह के मुकाबले 93 मतों से खारिज कर दिया गया.

इसके पक्ष में सभी रिपब्लिकन सांसदों के वोट मिलने की संभावना थी लेकिन कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा की घटना के बाद सांसदों ने इस आपत्ति का समर्थन नहीं करने का फैसला किया. सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत हैै

सीनेट ने बाइडन के लिए पेंसिलवेनिया में इलेक्टोरल कॉलेज वोटों पर रिपब्लिकन पार्टी की आपत्ति भी खारिज कर दी. सीनेट के सदस्यों ने सात के मुकाबले 92 मतों से इस आपत्ति को नामंजूर कर दिया.

सीनेट के बहुमत के नेता मिच मैककोनेल ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि किसी भी दूसरे राज्यों के नतीजों को चुनौती नहीं दी जाएगी. इसका मतलब है कि पेंसिलवेनिया की चुनौती पर सदन की वोटिंग के बाद बाइडन की जीत पर संसद की औपचारिक मुहर लग जाएगी.

सीनेट ने बिना किसी चर्चा के ही पेंसिलवेनिया के वोटों को रद्द करने के प्रयासों को खारिज कर दिया.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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