scorecardresearch
Sunday, 8 September, 2024
होमविदेशइज़रायल में हमास के हमले के बाद जिंदा बची महिला बोलीं- मेरे घर पर बमबारी की, मेरे दोस्त को जिंदा जलाया

इज़रायल में हमास के हमले के बाद जिंदा बची महिला बोलीं- मेरे घर पर बमबारी की, मेरे दोस्त को जिंदा जलाया

शेरोन एल्डरन गाजा के करीब दक्षिणी इजरायल के किबुत्ज़ सूफ़ा में रहती हैं. उनके बहनोई और उसके दो बच्चे लापता हैं और उन्हें आशंका है कि उन्हें हमास ने पकड़ कर रखा है.

Text Size:

नई दिल्ली: जब शनिवार सुबह 6.30 बजे सायरन बजा तो गाजा के करीब दक्षिणी इज़रायल के किबुत्ज़ सूफा के निवासी शेरोन एल्डरन और उनके पांच लोगों का परिवार एक सुरक्षित कमरे में छिपने के लिए दौड़ पड़े.

यह इज़रायल के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास के हमले की शुरुआत थी और इसके बाद का समय काफी  चिंता से भरा हुआ था.

इज़रायल से दिप्रिंट से बात करते हुए एल्डेरॉन ने कहा कि उन्होंने गोलियों और विस्फोटों की आवाज़ सुनी, जिसके बाद “आतंकवादियों” ने चिल्लाते हुए कहा कि “वे हमें मारने के लिए यहां आए थे”.

एल्डेरॉन ने कहा, “वे हमारे घरों पर गोलीबारी कर रहे थे. हमारे दरवाजे और खिड़कियों को खटखटाया जा रहा था और जो भी बाहर आ रहा था, उसे मार दिया जा रहा था.”

परिवार ने सुरक्षित घर में 24 घंटे बिताए. इजरायली कानून के मुताबिक सभी घरों में बम शेल्टर बनाए जाते हैं, जिसमें बिना भोजन, पानी, वॉशरूम के आपात स्थिति में लोग शरण लेते हैं.

उन्होंने कहा, “अगर खिड़की से बाहर के आतंकवादियों को पता चल गया कि आप और आपका परिवार यहां छिपा है, तो वे आपको मार डालेंगे. वे आपके बच्चों, आपके कुत्ते और लगभग हर किसी को भी मार डालेंगे.”

फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए अभूतपूर्व हमले, जो गाजा को नियंत्रित करता है, ने इजरायल पर रॉकेटों से हमला किया, जबकि जमीन पर मौजूद लड़ाकों ने सीमा पर लगी बाड़ को तोड़ दिया और इजरायली नागरिकों पर हमला किया. साथ ही दर्जनों इजरायली लोगों को बंदी भी बना लिया गया.

इजरायल ने युद्ध की घोषणा की और हवाई हमलों से जवाब दिया. साथ ही गाजा में भोजन और पानी सहित अन्य जरूरी चीजों की पूर्ण नाकाबंदी कर दी. साथ ही इजरायल ने कहा है कि यह प्रतिक्रिया “पूरे मध्य पूर्व को बदल देगी”.

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, हमास के हमले के बाद से दोनों पक्षों के 1,100 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं.


यह भी पढ़ें: नए भारत में फैक्ट-फाइंडिंग आसान नहीं है, खासकर स्वतंत्र ग्रुप्स के लिए; तो रास्ता क्या है


‘वे हमें मारने और सबकुछ नष्ट करने आए थे’

सुरक्षित घर में शरण लेने से एल्डेरॉन बच गई हैं लेकिन कठिन परीक्षा अभी ख़त्म नहीं हुई है. उनके बहनोई ओफ़र और उनके दो बच्चे सहर (16) और इरेज़ (12) लापता हैं. उन्हें आशंका है उन सबको हमास द्वारा पकड़ लिया गया है.

वो कहती हैं, “जब आतंकवादी [हमास] उनके घर में घुसे तो वे सुरक्षित कमरे में थे. उन्हें लगा कि वे उन्हें पकड़ने जा रहे हैं और वे खिड़की से भाग निकले और झाड़ियों में छिप गए.”

इसके बाद ओफ़र और उनके बच्चों ने अपने करीबियों के एक मैसेज भेजा, जिसमें कहा गया कि “आतंकवादी उनके बेहद करीब हैं”.

एल्डरॉन और उनके परिवार ने आखिरी बार उनसे 7 अक्टूबर को सुबह 8.30 बजे उनकी आवाज सुनी, जब तक कि उन्होंने हमास द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में एरेज़ को नहीं देखा था.

एल्डेरॉन ने कहा, “कुछ घंटे पहले ये बच्चे वीडियो गेम खेल रहे थे और अब हमें नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ. वह वीडियो उनके जीवन का एकमात्र संकेत था.”

ओफ़र का परिवार किबुत्ज़ निर ओज़ में रहता है. किबुत्ज़ इजरायल में एक सांप्रदायिक बस्ती है जो गाजा पट्टी के करीब है.

एल्डरॉन जैसे लोगों का यह सवाल कि क्या हमास का हमला एक सुरक्षा विफलता थी. हालांकि, अब यह उनके लिए बहुत कम महत्व रखता है. उनका पूरा ध्यान यह सोचने पर है कि उसके लापता परिवार के सदस्यों पर क्या बीत रही होगी.

उन्होंने कहा, “वे बूढ़े लोगों, पुरुषों और बहुत सारे बच्चों को अपने साथ ले गए हैं. सैकड़ों परिवार ख़त्म हो गए हैं और हम उनके बारे में कुछ भी नहीं जानते. हम यह भी नहीं जानते कि वे जीवित भी हैं या नहीं.”

उन्होंने आगे कहा कि हमास के सदस्य “हत्या करने और सबकुछ नष्ट करने के इरादे” से इजरायल आए थे. उन्होंने उसे वापस जाने के लिए कोई घर नहीं छोड़ा, जबकि सैकड़ों लोग गायब हो गए.

एल्डरॉन ने कहा, “वे (हमास) उन घरों के अंदर बम फेंक रहे थे जहां उन्हें पता था कि परिवार अंदर हैं. हमारे दोस्त को जिंदा जला दिया गया. हम बस यही चाहते हैं कि यह खत्म हो और हम अपना परिवार वापस चाहते हैं. मुझे नहीं पता कि यह कैसे करना है, लेकिन उन्हें घर वापस लाने के लिए कुछ करना होगा.”

उन्होंने कहा कि भविष्य जितना अनिश्चित हो सकता है, आज उतना अनिश्चित है.

उन्होंने कहा, “जरा सोचिए कि हम किस दौर से गुजर रहे हैं और हम अभी भी नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है. मेरे पास कोई घर नहीं है, मेरे पास मेरे कपड़े हैं और बस इतना ही.”

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें: बुलेटप्रूफ जैकेट, लड़ाकू जूते: मणिपुर की दुकानों में बिकती सेना की वर्दी सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय


 

share & View comments