नई दिल्ली: इज़रायल ने कतर के कतारा जिले में कई हवाई हमले किए, जिनमें हमास के कई शीर्ष नेताओं के मारे जाने की खबर है. इनमें संगठन के मुख्य वार्ताकार खलील अल-हैय्या भी शामिल बताए जा रहे हैं.
इज़रायली डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) और सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने एक बयान जारी कर कहा कि वायुसेना ने हाल ही में हमास नेतृत्व पर सटीक हमला किया.
बयान में कहा गया: “जिन नेतृत्व सदस्यों पर हमला हुआ, वो सालों से आतंकी संगठन की गतिविधियों का संचालन कर रहे थे और 7 अक्टूबर के नरसंहार तथा इज़रायल के खिलाफ युद्ध प्रबंधन के सीधे जिम्मेदार हैं.”
बयान में यह भी कहा गया: “हमले से पहले निर्दोष नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाए गए थे, जिसमें सटीक हथियारों और अतिरिक्त खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया गया. आईडीएफ और शिन बेट हमास आतंकी संगठन को हराने के लिए दृढ़ता से कार्रवाई जारी रखेंगे, जो 7 अक्टूबर नरसंहार के लिए जिम्मेदार है.”
यह बयान उस समय आया जब कतर से कम से कम 8 धमाकों की खबर आई, जहां कई शीर्ष हमास नेता वर्षों से रहते आए हैं.
कतर के विदेश मंत्रालय ने “कायराना इज़रायली हमले” की निंदा की और दावा किया कि यह हमला दोहा में हमास राजनीतिक ब्यूरो के कई सदस्यों के आवासीय मुख्यालय को निशाना बनाकर किया गया.
दोहा ने कहा: “यह आपराधिक हमला सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और कतरी नागरिकों व निवासियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.”
सऊदी की सरकारी अरबी टीवी न्यूज़ चैनल अल-अरबिया ने प्रारंभिक जानकारी के आधार पर बताया कि अल-हैय्या वास्तव में इस इज़रायली हमले में मारे गए.
अल-अरबिया को एक हमास सूत्र ने बताया कि वार्ता प्रतिनिधिमंडल को उस समय निशाना बनाया गया जब वह कतर में बैठक कर रहा था. यहीं हमास का राजनीतिक ब्यूरो स्थित है.
धमाके वाली जगह पर मौजूद अन्य हमास नेताओं में खालिद मेशाल, मोहम्मद दरवेश, राजी हमद और इज़्ज़त अल-रिश्क भी शामिल बताए गए.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, खलील अल-हैय्या, जो गाज़ा पट्टी में हमास के डिप्टी कमांडर थे और तेहरान में भी मौजूद थे, वही व्यक्ति थे जिन्होंने पिछले साल लक्षित हमले में मारे गए हमास नेता इस्माइल हानियेह की पहचान की थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह भी रिपोर्ट की थी कि अगस्त 2023 की एक बैठक की कार्यवाही के मुताबिक, अब मारे जा चुके हमास सैन्य नेता याह्या सिनवार के डिप्टी अल-हैय्या ने 7 अक्टूबर हमले की योजना पर वरिष्ठ ईरानी कमांडर मोहम्मद सईद इजादी से चर्चा की थी. इज़ादी लेबनान में तैनात थे और तेहरान के फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों के साथ संबंधों की देखरेख में मदद करते थे.
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