नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार इज़रायली दूतावास ने विदेश मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कड़े शब्दों में पत्र लिखकर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत की “यहूदी विरोधी” पोस्ट के बारे में शिकायत की.
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि दूतावास चाहता है कि सांसद को बताया जाए कि उनके पोस्ट ने उस देश को किस तरह आहत किया है जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है.
14 नवंबर को, राउत ने गाज़ा अस्पताल में “गंभीर स्थिति” पर एक लेख को हिंदी में अपनी टिप्पणियों के साथ फिर से साझा किया था, जिसका मोटे तौर पर अनुवाद है “अब उन्हें समझ में आया कि हिटलर यहूदियों से इतनी नफरत क्यों करता था.”
हालांकि बाद में राउत ने ट्वीट हटा दिया, लेकिन तब तक इज़रायली अधिकारियों ने स्क्रीनशॉट ले लिया था, तब तक पोस्ट को 293,000 से अधिक बार देखा जा चुका था. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने इस पोस्ट को भारत सरकार को भेजे अपने मेल के साथ संलग्न किया.
एक सूत्र ने कहा, पत्र में इज़रायलियों ने इस बात पर हैरानी व्यक्त की कि एक भारतीय सांसद उस तरह के “यहूदी विरोध” में शामिल होगा जो भारत में पहले कभी नहीं देखा गया.
दिप्रिंट ने इज़रायली दूतावास से संपर्क किया लेकिन उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह दोनों देशों के बीच राजनयिक बातचीत का हिस्सा था.
अक्टूबर की शुरुआत से ही राउत इज़रायल-हमास संघर्ष के बारे में बहुत मुखर रहे हैं.
पिछले महीने, उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की तुलना आतंकवादी समूह से की थी और बाद में कहा था कि भारत इज़रायल का समर्थन कर रहा है, क्योंकि उसने नरेंद्र मोदी सरकार को पेगासस “जासूसी” सॉफ़्टवेयर की आपूर्ति की थी.
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