नई दिल्ली: इजराइल ने रविवार को कतर के स्वामित्व वाले मीडिया चैनल अल जज़ीरा का संचालन बंद कर दिया और प्रसारक पर हमास का मुखपत्र होने का आरोप लगाने के बाद पूर्वी यरुशलम में उसके परिसर पर छापा मारा.
यह कदम देश की विधायिका नेसेट द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले विदेशी प्रसारकों को अस्थायी रूप से बंद करने की अनुमति देने वाला कानून पारित करने के बाद आया.
अल-जज़ीरा को बंद करने का निर्णय प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया था क्योंकि उनका मानना है कि यह हमास का प्रोपेगैंडा करता है जो कि गाजा को नियंत्रित करता है.
नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “सरकार ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि भड़काऊ चैनल अल-जजीरा को इजरायल में बंद किया जाएगा.”
הממשלה בראשותי החליטה פה אחד: ערוץ ההסתה אל ג׳זירה ייסגר בישראל.
תודה לשר @shlomo_karhi
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) May 5, 2024
संचार मंत्री श्लोमो करही ने ब्रॉडकास्टर को “देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली वाली मशीन” कहा, और शिकायत की कि सरकार ने इस बिंदु तक पहुंचने के लिए “बहुत सारी अनावश्यक कानूनी बाधाओं” को पार किया है.
बाद में एक्स पर एक पोस्ट में, करही ने इज़राइली अधिकारियों द्वारा वीडियो कैमरा, ट्राइपॉड और प्रसारण जारी रखने के लिए चैनल द्वारा आवश्यक अन्य उपकरणों सहित चैनल के संचार उपकरणों को जब्त करने का एक वीडियो साझा किया.
סוגרים את אלג׳זירה🇮🇱
פקחי משרד התקשורת בגיבוי משטרת ישראל פושטים בשעה זו על משרדי אלג׳זירה בירושלים ומחרימים את ציוד הערוץ. pic.twitter.com/BFWkOiniDH
— 🇮🇱שלמה קרעי – Shlomo Karhi (@shlomo_karhi) May 5, 2024
अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क, जिसने गाजा पर इज़राइल के आक्रमण की दृढ़, जमीनी कवरेज जारी रखी है, ने तेल अवीव के फैसले की निंदा की, और चेतावनी दी कि यह अंतर्राष्ट्रीय और मानवीय कानून का उल्लंघन है और प्रतिबंध को “आपराधिक कृत्य” करार दिया.
रविवार को एक बयान में कहा गया, “अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क इस आपराधिक कृत्य की कड़ी निंदा करता है जो मानवाधिकारों और सूचना तक पहुंच के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन करता है. अल जज़ीरा अपने वैश्विक दर्शकों को समाचार और जानकारी प्रदान करना जारी रखने के अपने अधिकार की पुष्टि करता है,”
दोहा स्थित ब्रॉडकास्टर पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय तब आया है जब कतर की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के लिए बातचीत गतिरोध पर पहुंच गई है. तेल अवीव ने हजारों गाजावासियों को पूर्वी राफा से हटने के लिए भी कहा है, जो एक संकेत है कि ऑपरेशन शुरू होने के करीब है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने ब्रॉडकास्टर को बंद करने के इज़राइल के फैसले पर खेद व्यक्त किया और नेतन्याहू से प्रतिबंध के फैसले को पलटने का आह्वान किया. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र मीडिया आवश्यक है. अब तो गाजा से रिपोर्टिंग पर और भी कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक प्रमुख मानवाधिकार है. हम सरकार से प्रतिबंध के फैसले को पलटने का आग्रह करते हैं,”
इज़राइल में फॉरेन प्रेस एसोसिएशन (एफपीए) ने भी इस फैसले की निंदा की. एफपीए ने सरकार से “इस हानिकारक कदम को वापस लेने और प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखने” का आग्रह किया और इसे देश में “लोकतंत्र के लिए काला दिन” करार दिया.
एफपीए के बयान में कहा गया है: “इस निर्णय के साथ, इज़राइल स्टेशन पर प्रतिबंध लगाने वाले सत्तावादी सरकारों के एक संदिग्ध क्लब में शामिल हो गया है. प्रधानमंत्री के पास अन्य विदेशी मीडिया को निशाना बनाने का अधिकार है जिसे वह ‘राज्य के खिलाफ काम’ करते हुए मानते हैं.”
नेतन्याहू और अल जज़ीरा के बीच झगड़े में वृद्धि दो साल बाद हुई जब इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने फिलीस्तीनी-अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की गोली मारकर हत्या कर दी, जिन्होंने कई वर्षों तक ब्रॉडकास्टर के साथ काम किया था. अबू अकलेह 11 मई 2022 को वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर पर आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) के छापे को कवर करते समय मारे गए थे.
अल जज़ीरा – 9/11 से लेकर पश्चिम एशिया युद्ध तक
अल जज़ीरा को 1 नवंबर 1996 को कतर की राजधानी दोहा में लॉन्च किया गया था और इसकी स्थापना कतर के तत्कालीन अमीर शेख हमद बिन खलीफा से ऋण लेकर की गई थी.
यह चैनल तेजी से पूरे क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखा जाने वाले अरब समाचार चैनलों में से एक बन गया, जिसने अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद और पश्चिम एशिया में विभिन्न युद्धों को कवर किया. इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह आज 150 देशों और 430 मिलियन घरों में उपलब्ध है, जिसमें 70 अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो के साथ 3,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं.
चैनल वर्षों से इज़राइल के निशाने पर है, तेल अवीव का मानना है कि इसके कवरेज में इज़राइल विरोधी पूर्वाग्रह है. तेल अवीव द्वारा क्षेत्र में विदेशी पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बाद, यह चैनल गाजा पट्टी से इज़राइल-हमास संघर्ष को बड़े पैमाने पर प्रसारित करने वाले दुनिया के कुछ चैनलों में से एक है. नेतन्याहू ने आरोप लगाया है कि चैनल के कर्मचारियों ने 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले में भाग लिया था.
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