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Tuesday, 7 May, 2024
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कराची हमले के जांचकर्ताओं ने और आत्मघाती महिला हमलावरों के होने की आशंका जताई, चीन जारी की एडवाइजरी

सुरक्षा बलों ने गुरुवार को कराची की स्कीम 33 स्थित एक सोसायटी में हमलावर के पिता के घर पर छापेमारी की और जांच एजेंसियों ने घर को सील कर दिया है. लैपटॉप और दस्तावेज समेत अन्य सबूत जब्त किए गए हैं.

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बीजिंग: कराची यूनिवर्सिटी में हुए आतंकवादी हमले की जांच कर रहे पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के स्लीपर सेल में अधिक महिला आत्मघाती हमलावरों की मौजूदगी से इंकार नहीं किया है. लाहौर में पुलिस ने बम विस्फोट के सिलसिले में पंजाब यूनिवर्सिटी से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है.

गौरतलब है कि मंगलवार को बुर्का पहनी महिला ने एक वैन को विस्फोट कर उड़ा दिया था जिससे तीन चीनी नागरिकों की मौत हो गई और एक अन्य जख्मी हो गया था. यह विस्फोट यूनिवर्सिटी के कन्फ्यूशियस संस्थान पर किया गया था.

हमले के बाद, प्रतिबंधित बीएलए ने सोशल मीडिया पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली और बताया कि हमलावर शारी बलूच नाम की एक महिला थी जो दो छोटे बच्चों की मां और उच्च शिक्षित थी. वह बलूचिस्तान के संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती थी और तूरबत में स्कूल टीचर थी.

सिंध पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग ने बताया कि हमलावर 1991 में तुरबत में पैदा हुई थी लेकिन अशांत बलूचिस्तान प्रांत के केच जिले में बस गई थी.

विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘शुरुआती छानबीन में पुष्टि हुई कि वह प्रतिबंधित मजीद ब्रिगेड का हिस्सा थी. यह बीएलए का एक हिस्सा है जिसने इन आत्मघाती हमलावरों का ब्रेनवॉश किया था.’

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उन्होंने कहा कि वे इस बात की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं कि आत्मघाती हमलावर बनने के लिए और महिलाओं का ब्रेनवॉश किया गया होगा.

उन्होंने का कि इसकी पुष्टि हुई है कि शारी बलूच ने अकेले हमले को अंजाम नहीं दिया था और उसके आका/सूत्रधारों उसे निर्देशित कर रहे थे और उसकी मदद कर रहे थे जिनमें एक महिला भी शामिल है जिससे वह यूनिवर्सिटी के दरवाजे पर मिली थी और उसने हमलावर को जानकारी दी थी जिसके बाद वह कन्फ्यूशियस संस्थान के द्वार पर गई जहां उसने उस वैन के पहुंचते ही विस्फोट कर दिया जिसमें चीन के शिक्षक सवार थे.

अधिकारी ने कहा, ‘हमें शक है कि यह अभियान अंदर की जानकारी की मदद से अंजाम दिया गया था.’

बुधवार को पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने कराची यूनिवर्सिटी में हुए आत्मघाती हमले के सिलसिले में लाहौर स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है.

सीटीडी के एक सूत्र ने गुरुवार को बताया कि खुफिया एजेंसियों ने उस संदिग्ध का पता लगा लिया जिससे शारी मोबाइल के जरिए लाहौर में संपर्क में थी और उसे पंजाब यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार कर लिया.

संदिग्ध की पहचान बेबगर इमदाद के तौर पर हुई है. वह इस्लामाबाद के नूमल में अंग्रेजी साहित्य का सातवें समेस्टर का छात्र है. वह उसी इलाके से ताल्लुक रखता है जहां शारी रहती थी.

उन्होंने कहा कि एजेंसियां ​​उन सभी को उठा रही हैं जो शारी के संपर्क में थे और बेबगर उनमें से एक है.

पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता खुर्रम शहजाद ने बताया कि बेबगर दो दिन पहले इस्लामाबाद से लाहौर आया था.

सुरक्षा एजेंसियां अब शारी के पति डॉ हैबतन को तलाश कर रही हैं जो जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर से जन स्वास्थ्य पाठ्यक्रम कर रहा है. वह नज़दीक के ही होटल में रह रहा था. मगर उसकी पत्नी बच्चों के साथ गुलिस्तां-ए- जौहर में रहती थी.

आतंकवाद निरोधी विभाग के एक अधिकारी राजा उमर खताब ने कहा कि हमलावर और उसका पति ने हमले से एक हफ्ते पहले ही अपने स्थानों को छोड़ दिया और पति के ठिकाने का पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा कि पति और अन्य सूत्रधारों की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है.

सीटीडी अधिकारी ने यह भी साफ किया कि शारी केयू की छात्रा नहीं थी और बल्कि उसने बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी से बीई और एमई किया था और सरकारी शिक्षका भी रही थी.

अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंधित बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी ली है और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमलावर के बारे में जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा, ‘हमें इस हमले में दुश्मन विदेशी एजेंसी के शामिल होने का भी संदेह है.’

इस बीच, पंजाब विश्वविद्यालय में बलूच छात्र परिषद के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और बेबगर को रिहा करने की मांग की. उन्होंने कहा कि ‘बेबगर का अपहरण’ देश में बलूच छात्रों के लापता होने और उनका उत्पीड़न किए जाने का हिस्सा है.

एसएचओ बशारत हुसैन की ओर से घटना को लेकर दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बीएलए मजीद ब्रिगेड के आतंकवादी कमांडर बशीर जैब और रहमान गुल समेत अन्य को नामज़द किया गया है.

सुरक्षा बलों ने गुरुवार को कराची की स्कीम 33 स्थित एक सोसायटी में हमलावर के पिता के घर पर छापेमारी की और जांच एजेंसियों ने घर को सील कर दिया है. लैपटॉप और दस्तावेज समेत अन्य सबूत जब्त किए गए हैं.

बलूचिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को गुलिस्तां-ए-जौहर में शारी के अपार्टमेंट की तलाशी ली थी और बाद में उसे सील कर दिया था. पार्टमेंट किराए पर लिया गया था और हमलावर पिछले तीन साल से वहां रह रही थी.

इस बीच, कराची विश्वविद्यालय आत्मघाती हमले के बाद बृहस्पतिवार को पहली बार फिर से खुला.

यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रशासनिक कार्य और शिक्षण प्रक्रिया हमेशा की तरह जारी रहेगी. हालांकि, चीनी दूतावास से मंजूरी मिलने तक कन्फ्यूशियस संस्थान बंद रहेगा. यूनिवर्सिटी के इसी संस्थान में विस्फोट किया गया था.

नवनियुक्त विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने बुधवार को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस्लामाबाद में चीनी दूतावास का दौरा किया.

सूचना मंत्री मरयम औरंगजेब ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजना की समीक्षा कर रही है और कराची विस्फोट के गुनाहगारों को इंसाफ के कटघरे में खड़ा करेगी.

चीन ने हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


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‘आतंकवादी जोखिमों से सावधान रहें’

उधर, चीन ने गुरुवार को पाकिस्तान में 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चाइना-पाकिस्तान इकनोमिक (सीपीईसी) प्रोजेक्ट पर काम कर रहे अपने हजारों नागरिकों से कहा कि वे कराची में हुए एक घातक आत्मघाती विस्फोट के बाद अपनी सुरक्षा जागरूकता बढ़ाएं और आतंकवादी जोखिमों से सावधान रहें.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार ने चीनी कर्मियों की परियोजनाओं और संस्थानों के लिए सुरक्षा को मजबूत करने का वादा किया है और किसी भी ताकत को हमारी दोस्ती और सहयोग को कमजोर करने की अनुमति नहीं देगी.’

आतंकवादी समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), जिसकी महिला आत्मघाती हमलावर ने कराची यूनिवर्सिटी में चीनी शिक्षकों को निशाना बनाकर हमला किया था और बलूचिस्तान प्रांत नहीं छोड़ने पर और हमलों की चेतावनी दी थी, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि पाकिस्तान द्विपक्षीय सहयोग की सुरक्षित और सुचारू प्रगति सुनिश्चित करने के लिए गंभीर और ठोस कदम उठाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर, हम पाकिस्तान में अपने संस्थानों के कर्मियों को अपनी सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और आतंकवादी जोखिमों से सावधान रहने की याद दिलाते हैं.’

भाषा के इनपुट से


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